‘‘खादी की रजत चंद्रिका जब-आकर तन पर मुस्काती है,
तब नवजीवन की नई ज्योति अन्तस्तल में जग जाती है‘‘
भारत की आजादी के लिए हुए आंदोलन में खादी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महात्मा गाँधी ने खादी को सामाजिक एवं आर्थिक क्रांति का माध्यम बनाया था। उन्होंने स्वयं भी चरखा चलाकर सूूत कातने को अनवरत जारी रखा और साथ ही राष्ट्रपिता गाँधी जी ने भारत के व्यापक जनमानस को भी प्रेरित किया कि वह स्वयं के काते हुए सूत से बने वस्त्ऱ ही पहनें। इस प्रकार राष्ट्र निर्माण के लिए हुए व्यापक संघर्ष में खादी प्रमुख भूमिका में रही। खादी आजादी के लिए हुए आंदोलन में विरोध की भी प्रतीक बनी जब आजादी के लिए बापू ने लोगों से विदेशी वस्त्रों के स्थान पर खादी पहनने की अपील की। और जनता ने भी इस अपील को हाथों हाथ लिया। खादी भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक थी। जब अंग्रेज भारत आए तब उन्होंने यहां के विश्वप्रसिद्ध कुटीर उद्योगों को नष्ट करने की नीति अपनाई। इसमें भारत में खादी से बने वस्त्र भी थे। इस प्रकार भारत के परंपरागत ग्रामीण कुटीर उद्योगों, वस्त्र उद्योग, हथकरघा उद्योग को अंग्रेजों ने न केवल नष्ट किया बल्कि तत्कालीन कारीगरों, हस्तशिल्पियों को भी मजदूर बनने को विवश कर दिया। औद्योगिक क्रांति ने सबसे ज्यादा दुष्प्रभावित भारत के परम्परागत व विश्वप्रसिद्ध वस्त्रउद्योग को ही किया क्योंकि मशीनो से बने वस्त्र व सस्ते तथा आकर्षक थे।
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री जी नरेन्द्र मोदी जी अपने मन की बात कार्यक्रम में अनेक बार खादी का उल्लेख कर चुके है। उनका जोर खादी की महत्ता को पुनर्स्थापित करने का तथा इसे जन-जन तक पहुँचाने का है, प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत का जो मंत्र दिया गया है, उसमें खादी के प्रोत्साहन, इसे जन-जन की वेश-भूषा बनाकर सार्थकता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की जनता में खादी के व्यापक उपयोग को लेेकर नारा भी दिया है- ‘‘राष्ट्र के लिए खादी-फैशन के लिए खादी‘‘ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खादी के उत्थान, प्रचार, उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग को अनेक प्रोत्साहन दिये जा रहे है। माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में ग्रामोद्योग क्षेत्र की अपार संभावनाओं को उड़ान देने के लिए तथा इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने, रोजगार की व्यापक संभावनाओं को साकार करने हेतु, इस उद्योग के उत्पादों के विपणन हेतु विपणन सुविधाओं का संवर्धन करने के लिए, खादी उत्पादों की राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट उत्पादों के रूप में पहचान बनाने के लिए प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा अनवरत प्रयास किये जा रहे है। इनके अन्तर्गत प्रदेश के औद्योगिक पार्कों, क्षेत्रों तथा स्टेट्स में ग्रामोद्योग आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि का वरीयता से आवंटन किया जाना, ग्रामसभा की रिक्त भूमि का आवंटन पट्टे के माध्यम से किया जाना, वैकल्पिक ऊर्जा/जैव ऊर्जा आधारित परियोजनाओं को प्रोत्साहन जिनमें बायोगैस, बायोडीजल, प्रोड्यूसर गैस आधारित परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना, पूर्वांचल, मध्यांचल एवं बुंदेलखण्ड क्षेत्र में स्टैम्प शुल्क पर भारी छूट दिया जाना, नई इकाइयों को इलेक्ट्रीसिटी चार्ज से 10 वर्ष की अवधि तक छूट, भारत सरकार की मुद्रा योजना, स्टैण्डअप योजना एवं मेक इन इण्डिया योजना से खादी एवं ग्रामोद्योग का समन्वय किया जाना तथा खादी-अप ब्राण्ड का उपयोग एवं प्रचार-प्रसार शामिल है।
प्रदेश सरकार द्वारा पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के माध्यम से बुनकरों को बोनस/प्रोत्साहन, उत्पादन विकास हेतु सहायता तथा संस्थाओं को विपणन संवर्धन हेतु सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त खादी तथा ग्रामोद्योग के उत्पादों को प्रदर्शन एवं विपणन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय, आंचलिक प्रदर्शनियों के साथ-साथ जनपद मुख्यालयों पर विभिन्न अवसरों पर खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता हैं, जिससे प्रदेश के उद्यमी देश के अन्य क्षेत्रों के उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों से परिचित हो रहे है साथ ही अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हेतु प्रेरित हो रहे है।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु चल रही मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अबतक 3520 इकाईयां स्थापित की जा चुकी है, जिनसे 66000 से भी ज्यादा लोगों को रोजगार की प्राप्ति हुई हैं। इसी प्रकार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत अबतक 11000 से अधिक इकाइयां स्थापित की गई है तथा इनसे 115000 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। देश में उत्तर प्रदेश प्रथम राज्य है जहाँ सौर उर्जा आधारित चरखों के संचालन को मान्यता प्रदान की गयी है। और इसके लिए अनुदान भी इच्छुक कारीगरों को उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा 3000 से अधिक लाभार्थियों को सोलर चर्खा, 414 कारीगरों को विद्युत चालित कुम्हारी चाक, लगभग 500 दोना-पत्तल मशीनें प्रदान की गयी है। इसके अलावा 7 कुम्हार समूहों को आधुनिक भट्ठी, 71 पगमिल तथा 14 पॉपकार्न मशीनें भी उपलब्ध करायी गयी है। इससे खादी व ग्रामोद्योग क्षेत्र में लगभग 8000 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ हैं।
आधुनिक समय में ऑनलाइन बिक्री बढ़ी है। इस क्षेत्र में खादी के उत्पादों की मॉग बढ़ाने, उन्हें प्रोत्साहित करने तथा उन्हें ऑनलाइन बिक्री का प्लेटफार्म उपलब्ध कराने हेतु भी उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार सार्थक कार्य कर रही है। इसका परिणाम है कि आज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेजन पर 83 तथा फ्लिपकार्ट पर 10 खादी एवं ग्रामोद्योग इकाइयों के उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध है। खादी के वस्त्रों को प्रोत्साहन प्रदान करने, इनकी उपलब्धता का दायरा बढ़ाने तथा आम जनमानस में खादी के प्रयोग को लोकप्रियता दिलाने के लिए वर्ष 2019-20 में इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में खादी एक्सपो का आयोजन अक्टूबर, 2019 में किया गया, जिसमें प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस फैशन शो में राष्ट्रीय फैशन टैक्नोलॉजी संस्थान, रायबरेली से खादी वस्त्रों की नई-नई डिजाइनें विकसित कर उनका प्रदर्शन कराया गया। ऐसा ही आयोजन 2021 मे पुनः इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में अक्टूबर, 2021 को हुआ है। जिसमें देश के नामी वस्त्र डिजाइनरों ने अपने खादी से बने परिधानों का कलेक्शन पेश किया है।
प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा मिट्टी की बनी वस्तुओं की माँग को बढ़ाने, मिट्टी कला से जुडे़ परम्परागत कारीगरों को प्रोत्साहन देने, इस प्राचीन कला को संरक्षित करने के लिए तथा इस क्षेत्र में व्याप्त रोजगार की व्यापक संभावनाओं को बल प्रदान करने के लिए जुलाई, 2018 में ‘‘उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड‘‘ का गठन किया हैं प्रदेश में मिट्टी के कार्य करने वाले शिल्पियों के परम्परागत व्यवसाय को संरक्षित एवं संवर्धित करने एवं माटी कला के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने में उ0प्र0 माटी कला बोर्ड सहायक हो रहा है।
आजादी के लिए आंदोलन के समय खादी जो अपने विभिन्न स्वरूपों में संघषों का प्रतीक रही है, उसे पुनः उसकी गरिमा, महत्ता तथा खादी की उपयोगिता बढ़ाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार के नेतृत्व कर्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर कार्यशील है। इसी का परिणाम है कि जनमानस में भी खादी के उपयोग के प्रति उत्साह बढ़ रहा हैं वही इस क्षेत्र में नये उद्यमी, नयी तकनीक, नये नवाचार को बढ़ावा मिल रहा हैं। खादी एवं ग्रामोद्योग के प्रति प्रदेश सरकार के प्रयास खादी के प्रति सम्मान को भी बढ़ाने में सार्थक हो रहे है।