फिरोजाबाद। जनपद न्यायालय सभागार में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में सुलह समझतों के साथ 20995 वादों को निस्तारण किया गया।लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश संजीव फौजदार ने मॉं सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से वादों को निस्तारित कराया जाता है। इतिहास में दर्ज है कि सदियों पहले जब अदालतें नहीं हुआ करती थी तब दो पक्षों के आपसी मतभेद को सुलह-समझौता के माध्यम से समाज के गणमान्य व्यक्ति एक निर्धारित स्थल पर बैठकर दोनों पक्षों की बात सुनकर वादों का निस्तारण किया करते थे। अपर जिला जज व नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत आजाद सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में किसी भी न्यायालय अथवा विभागीय मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किए जाने हेतु आवेदन पत्र देकर अंतिम आदेश व निर्णय प्राप्त कर सदैव के लिए लंबित मामलों से छुटकारा पाने का एक स्वर्णिम अवसर है। सिविल जज सी.डि. व प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मिनाक्षी सिन्हा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि सस्ता सुलभ न्याय प्रत्येक भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है। वृहद लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों को आपसी सुलह-समझौता के माध्यम से समाप्त कराकर लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्देश्य का लाभ दिलाया जा सके। लोक अदालत में जनपद न्यायालय के कुल 4123 वादों के निस्तारण में रू 21939278, प्रीलिटीगेशन वादों के कुल 16872 वादों के निस्तारण में रू. 269839840, इस प्रकार कुल 20995 वादों के निस्तारण में समझौते की धनराशि रूपया 291779118 तय की गयी। इस अवसर पर पीठासीन अधिकारी मोटरयान दुर्घटना अधिकरण, प्रधान न्यायधीश पारिवारिक न्यायलय, अपर जिला जज आलोक कुमार पाण्डेय, अध्यक्ष बार एसोशिएशन महेन्द्र सिंह, सचिव बार एसोसिएशन, जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह, एलडीएम प्रदोष पुण्डीर, पुलिस अधीक्षक शहर मुकेश चंद्र मिश्र, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण व सभी न्यायिक अधिकारीगण सहित अधिवक्ता एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी कर्मचारी व वादकारी उपस्थित रहें।