रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। विधानसभा चुनाव से पहले एक दल से दूसरे दल में पाला बदलने के लिए कई बड़े कद्दावर नेता के नाम भी सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही जिन कद्दावर नेताओं के नाम उभर कर सामने आ रहे हैं वह अपने विधानसभा क्षेत्र के साथ साथ कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों में अपना वोट बैंक मजबूत रखते हैं। हालांकि कई महीनों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि कब कोई मजबूत नेता सत्ता पक्ष या विपक्ष से पलटी मारेगा लेकिन सत्ता में रहते हुए सत्ता से बगावत कोई कैसे कर सकता है। यह तभी संभव है जब सत्ता निष्क्रिय हो जाए और चुनाव आयोग महाबली हो, और यही हुआ बीते 2 दिनों से नेताओं के दलबदल का प्रयास जारी है और कई ने पार्टी से इस्तीफा दे भी दिया है।
दरअसल, यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं। आचार संहिता पूरे प्रदेश में लग चुकी चुनाव आयोग महाबली हो चुका है।अब पार्टी द्वारा सही उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है।जिसको लेकर सभी सियासी दल जीतने का दम रखने वाले कैंडिडेट की तलाश में जुटे हैं। जिन दलों के मौजूदा विधायक पार्टी जनता की कसौटी पर खरे नहीं उतरे, उनका टिकट कटना पक्का हैं। जिन दलों में दावेदार इस बार चुनाव मैदान में उतरना चाहते है,सभी के बारे में हर पार्टी का हाईकमान गंभीर है। इसलिए टिकट हासिल करने में अपने दल में खुद को असुरक्षित महसूस करने वाले नेता अब दूसरे दल में सुरक्षित ठिकाने की तलाश में जुटे हैं।
पार्टियों से कई बड़े नाम वाले बदल सकते हैं पाला
यूपी की राजनीति में उठापटक जारी है. बीते 24 घंटे में कुल 5 विधायक बीजेपी का साथ छोड़ चुके हैं. इनमें स्वामी प्रसाद मौर्य, ब्रजेश प्रजापति, रोशनलाल वर्मा, भगवती सागर और आरके शर्मा शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में बीजेपी को छोड़ा है। हालांकि यह भी कयास लगाए जा रहे हैं की अन्य पार्टियों के नेता भी अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होंगे।
फिलहाल देखा जाए तो यह उठापटक सीटों के बंटवारे को लेकर ही हो रही है।
कभी मुलायम के साथी रह चुके हैं स्वामी
भारतीय जनता पार्टी में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री के पद पर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा इस्तीफा देते ही। अब राजनीतिकारों एवं समर्थकों के द्वारा नए-नए कयास लगाए जा रहे हैं। बताते चलें कि अपने राजनैतिक जीवन में छठवीं बार दल-बदल करने वाले प्रदेश के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य आज अपने पुराने नेता मुलायम सिंह यादव की पार्टी में शामिल हो सकते हैं।ऊंचाहार को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को अचानक पैतरा बदलकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है।विधान सभा चुनाव को एक बार फिर फतेह करने में लगी भाजपा को जोरदार झटका देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य किसी भी दल में शामिल हो सकते हैं है। राजनीतिक लोग बताते हैं कि कभी लोकदल में मुलायम सिंह यादव के साथ संघर्ष करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर मुलायम सिंह यादव की पार्टी में शामिल हो सकते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना राजनैतिक जीवन दलित मजदूर किसान पार्टी से शुरू किया था। उसके बाद लोकदल, फिर जनमोर्चा, फिर बसपा, फिर भाजपा होते हुए आज फिर नया दल तलाश रहे हैं।इधर ऊंचाहार में उनके दलबदल का खासा असर पड़ा है।ऊंचाहार में पांच साल पहले बसपाई से भाजपाई बने सैकड़ों नेता आज फिर दूसरे दल को निहार रहे हैं। इस दल-बदल का असर ऊंचाहार विधान सभा के चुनाव परिणाम पर भी पड़ने वाला है।
सोशल मीडिया की चहलकदमी कुछ और बयां करती हैं
सोशल मीडिया की चहल कदमी बताती है कि रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा में सीटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी में भी नेता फेरबदल कर सकते हैं।क्योंकि वर्तमान विधायक डॉ.मनोज कुमार पांडेय बीजेपी की लहर होते हुए भी समाजवादी पार्टी से ऊंचाहार विधानसभा के दूसरी बार विधायक बन चुके हैं। यदि सीट के बंटवारे को लेकर पार्टी के अंदर कुछ भी होता है तो फेरबदल संभव है। वैसे देखा जाए तो कई विधानसभा ऐसी हैं की कद्दावर नेताओं के पार्टी के फेर बदल करने पर किसी अन्य दल के कमजोर नेता को बल मिल सकता है।