⇒किसानों के जीवन स्तर का आर्थिक उन्नयन है प्रशिक्षण का उद्देश्य
मथुरा। केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में एनईएच पोषित पशुधन उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 30 जनवरी से जारी है। इस प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का उद्देश्य उत्तर पूर्व भारत के छोटे, भूमिहीन एवं सीमांत किसानों के जीवन स्तर का आर्थिक उन्नयन है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भा.कृ.अ.प. राष्ट्रीय शोध केन्द्र, मिथुन के दो वैज्ञानिक, एक मुख्य तकनीकी अधिकारी और दो यंग प्रोफेशनल केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान में आए हैं। ये सभी लोग यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद उत्तर पूर्व भारत के लोगों के लिए मांस एवं दूध उत्पाद प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के लिए प्रशिक्षक के रूप में कार्य करेंगे। संस्थान निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली की अध्यक्षता में प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन हुआ और डॉ. विकास पाठक, डायरेक्टर रिसर्च, दुवासु मथुरा इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। इस उद्घाटन कार्यक्रम में इस प्रशिक्षण के उद्देश्य, संभावित परिणामों और प्रशिक्षणार्थियों की अपेक्षा पर चर्चा हुई। यहां पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अंतर्गत बकरी दूध उत्पाद जैसे पनीर, व्हे ड्रिंक, योग हार्ट के साथ-साथ मांस उत्पाद जैसे नगेट्स, पेटिस, मीटबॉल्स, कबाब इत्यादि के प्रसंस्करण पर विस्तृत प्रशिक्षण होगा। बकरी उत्पादों के कुछ आधारभूत गुणवत्ता मूल्यांकन भी प्रशिक्षणार्थियों को बताया जायेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ तरुण पाल सिंह, डॉ ए.के. वर्मा, डॉ वी. राजकुमार और आर. पुरुषोत्तमन है।