⇒इन केन्द्रों में पंजीकृत थे शून्य से छह साल तक के 10 हजार बच्चे
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने खुले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए छत प्रदान कर एक बेहतर काम किया है। जनपद के ऐसे 260 आंगनबाड़ी केंद्र थे जो खुले में संचालित थे, इनमें पंजीकृत 3 वर्ष से 6 वर्ष के लगभग दस हजार बच्चे थे, जो प्राथमिक विद्यालय परिसर में खुले में बैठते थे या किसी अन्यत्र स्थान पर खुले में बैठा करते थे। इनमें मथुरा ग्रामीण के 47 आंगनबाड़ी केंद्र, बलदेव के 26, छाता के 18, गोवर्धन के 34, चौमुहां के 32, नौहझील के 13, मांट के 18, राया के 28, फरह के 26, नंदगांव के कुल 18 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे थे जो प्राथमिक विद्यालय परिसर में या अन्यत्र खुले में संचालित थे। जिलाधिकारी ने इसे त्वरित संज्ञान में लिया, इस कार्य को पूरा करने के लिए उन्होंने सात दिन का समय दिया। इन हजारों बच्चों को सात दिन में छत दिलाने के लिए उन्होंने मिशन का नाम दिया हर बच्चे को छत। स्वयं इस मिशन का नेतृत्व करते हुए मुख्य विकास अधिकारी समेत जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की पूरी टीम लगा दी। मथुरा ग्रामीण के तो लगभग 47 आंगनबाड़ी केंद्रों को छत की जरूरत थी, देखते ही देखते यहां के सभी केंद्र छत के नीचे आ गए। अपने गोद लिए प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र भैंसा को भी उन्होंने सुदृढीकृत कराया है, इन केंद्रों का नियमित निरीक्षण कर इनके अवसरंचना सुधार में निरंतर वे प्रयासरत हैं।