40 लाख रुपये की वसूली के लिये DM ने अपर मुख्य सचिव सहकारिता को लिखा पत्र
कानपुर देहात। साधन सहकारी समिति गौरीहसनपुर, राजपुर एवं गोपालपुर विकास खण्ड राजपुर में पूर्व सचिव ज्ञान सिंह द्वारा अपने कार्यकाल में किये गये वित्तीय गबन पर कानपुर देहात जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। गौरतलब है कि किसानों को खाद, बीज एवं अल्पकालीन फसली ऋण प्रदान करने के साथ साथ उनकी उपज का सही मूल्य दिलाये जाने हेतु किसान/साधन सहकारी समितियों की स्थापना शासन द्वारा की गयी है किन्तु सम्बन्धित समिति सचिव द्वारा सही ढंग से अपने दायित्वों का निर्वहन न करने, बकायेदारों द्वारा अदा की गयी धनराशि का दुरुपयोग करने से जनपद में कार्यरत कई सहकारी समितियों की ऋण सीमा चोक हो गयी एवं समितियों में ताला लग गया।
औद्यानिक विकास गोष्ठी/सेमिनार का आयोजन 15 मार्च को
कानपुर देहात। निदेशालय उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश लखनऊ के दिशा निर्देशों के क्रम में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय दो दिवसीय औद्यानिक विकास गोष्ठी, सेमिनार, प्रक्षेत्र भ्रमण 2021 जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में दिनांक 15 मार्च 2021 को प्रातः 10 बजे विकास भवन सभागार के प्रागण में आयोजित किया जायेगा। जिसमें दिनांक 15 मार्च 2021 में कृषकों को औद्यानिक फसलों से सम्बन्धित वैज्ञानिकों द्वारा नवीनतम तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी तथा उनकी समस्याओं का निराकरण किया जायेगा। औद्यानिक एवं अन्य सेक्टरों से सम्बन्धित सभी योजनाओं की जानकारी गोष्ठी में दी जायेगी एवं औद्यानिक/कृषि से सम्बन्धित सभी विभागों के अन्य स्टाल लगाये जायेगे दिनांक 16 मार्च 2021 को कृषकों को सेन्टर आफ एक्सीलेन्स फार वेजीटेविल उर्मदा कन्नौज में ग्रीन हाउस, पालीहाउस में पुष्प एवं सब्जियों की संरक्षित खेती की जानकारी लेने हेतु भ्रमण कराया जायेगा, जिससे अधिक से अधिक कृषक लाभ उठा सके। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि उक्त गोष्ठी, सेमिनार में उद्यान विभाग, कृषि विभाग से सम्बन्धित समस्त अनुभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी प्रतिभाग करना सुनिश्चित करेगे।
Read More »अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: महिला सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं हम ?
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने वर्तमान सदी को महिलाओं के लिए समानता सुनिश्चित करने वाली सदी बनाने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि न्याय, समानता तथा मानवाधिकारों के लिए लड़ाई तब तक अधूरी है, जब तक महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव जारी है। महिलाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने और उनके अधिकारों पर चर्चा करने के लिए प्रतिवर्ष आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम कोरोना काल में सेवाएं देने वाली महिलाओं और लड़कियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए ‘महिला नेतृत्वरू कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना’ रखी गई है। हर साल पूरे उत्साह से दुनियाभर में यह दिवस मनाया जाता है, इस अवसर पर बड़े-बड़े सेमिनार, गोष्ठियां, कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं लेकिन 46 वर्षों से महिला दिवस प्रतिवर्ष मनाते रहने के बावजूद पूरी दुनिया में महिलाओं की स्थिति में वो सुधार नहीं आया है, जिसकी अपेक्षा की गई थी। समूची दुनिया में भले ही महिला प्रगति के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैें पर वास्तविकता यही है कि ऐसे लाख दावों के बावजूद उनके साथ अत्याचार के मामलों में कमी नहीं आ रही और उनकी स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।
Read More »वेदों में है मनुष्य की हर समस्या का समाधानः आचार्य सोमदेव
कानपुर। आर्य समाज में रविवार से प्रारंभ हुए पांच दिवसीय सामवेद पारायण यज्ञ में पहले दिन वेद की गंगा बही। यज्ञ का आरंभ वैदिक विधि विधान से हुआ। उपदेशक आचार्य सोमदेव ने कहा कि आर्य समाज एक संगठन मात्र नहीं बल्कि आडंबर, अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन है। समाज व राष्ट्र की उन्नति के लिए आर्य समाज का मजबूत होना बहुत जरूरी है।
गोविंद नगर स्थित आर्य समाज सत्संग हॉल में आयोजित यज्ञ में यजमानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आहुतियां दी। आचार्य सोमदेव जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि मनुष्य वेदों में बताए कर्तव्यो का पालन कर ही सच्चा मनुष्य बनता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर परिसर में भव्य वेद विद्यालय अथवा गुरुकुल खुल जाए तो राम का मंदिर सार्थक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अविद्या ही हमारे दुखों का सबसे बड़ा कारण है। दुख में सुख ढूंढना व अपवित्रता में पवित्र ढूंढना यही हमारे भटकने का मूल कारण है। राजस्थान सवाई माधोपुर वैदिक गुरुकुल से पधारे वेद पाठी ब्रह्मचारी विकास जी एवं ब्रह्मचारी अक्षय जी स्वामी आत्मानंद जी ने कहा कि मनुष्य कहलाने का कारण परमात्मा द्वारा हमें बुद्धि व ज्ञान दिया जाना है हमें उस ज्ञान को प्राप्त कर मनन पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्धारण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारा देश आदिकाल से ऋषि-मुनियों और विद्वानों का देश रहा है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद यह चारो ही सत्य, ज्ञान व विद्या की पुस्तकें हैं। वेदों का अध्ययन करने से ही हमें मानव जीवन के कर्तव्यों का ज्ञान होता है। जीव के ईश्वर, संसार व अपने प्रति क्या कर्तव्य है यह सब वेदों से जाना जाता है। हमारे देश में वेदों के आधार पर शासन व्यवस्थाएं चलती थी। लोग सुखी रहते थे। शारीरिक, आत्मिक व सामाजिक उन्नति करते थे और त्याग से युक्त परोपकार में जीवन व्यतीत करते थे ।आज भी वेद एवं वैदिक जीवन ही सार्थक एवं प्रासंगिक है।
Kanpur: 16 मई को निकलेगी भगवान परशुराम शोभा यात्रा
कानपुरः जन सामना ब्यूरो। भगवान परशुराम महासभा की बैठक आज किशोरी वाटिका साकेत नगर में भगवान परशुराम शोभा यात्रा की तैयारी के संदर्भ में सम्पन्न हुई। बैठक में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने तथा ब्राह्मणत्व का पालन करने का संकल्प लिया गया।
15 युवाओं ने आज महासभा की सदस्यता गृहण करते हुए सभी प्रकार के दुर्व्यसनों से दूर रहने की शपथ ली तथा समाज को दिशा देने का संकल्प लिया।
बैठक में 16 मई को शोभायात्रा निकाले जाने का निर्णय लेते हुए अन्तिम मार्ग निर्धारित किया गया। शोभायात्रा दीप सिनेमा तिराहे से प्रारंभ होकर गोविंदनगर, किदवई नगर, नौबस्ता, बर्रा, दबौली आदि स्थानों से जाएगी।
शोभायात्रा का विभिन्न स्थलों पर स्वागत भी किया जाएगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तर-पश्चिम एवं पूर्व से युवाओं के नेतृत्व में टोलियाँ आयेंगी जो यात्रा प्रारंभ होने के स्थान दीप सिनेमा तिराहे पर सम्मिलित होंगी।
भगवान परशुराम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने बताया कि 14 मई को अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा उस दिन भगवान का पूजन, अभिषेक एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा।
शाखा प्रबन्धक द्वारा जागरूक करने के चलते मृतक किसान के परिजनों को मिला बीस लाख का दुर्घटना बीमा
कानपुर देहात, रवि कुमार राठौर। शाखा प्रबन्धक द्वारा जागरूक करने के चलते मृतक किसान के परिजनों को दुर्घटना बीमा का लाभ मिल गया, जिसके चलते मृतक के परिजनों ने शाखा प्रबंधक की प्रशंसा की।
मामला कानपुर देहात के कहिंजरी का है। यहां के बरई झाल निवासी राजकुमार पेशे से किसान था। उसका खाता भारतीय स्टेट बैंक की शाखा कहिंजरी में था। लेनदेन के दौरान शाखा प्रबन्धक नरेन्द्र कुमार मिश्रा ने किसान राज कुमार को सलाह दी थी कि सरकार द्वारा संचालित बीमा योजना के चलते उसे बीमा करवा लेना चाहिये। इस बात को मानते हुए किसान राज कुमार ने मात्र 1000 रुपये वार्षिक प्रीमियम का दुर्घटना बीमा करवा लिया। इसी के बाद दुर्भाग्य से किसान राज कुमार को एक सांड ने हमलाकर नाले में गिरा दिया था। हमले के दौरान ही राज कुमार की मौत हो गई थी।
महाकुंभ 2021ः हर – हर महादेव के जयकारों से गूंज उठी धर्मनगरी
हरिद्वारः मदन यादव। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और आनंद अखाड़े की भव्य पेशवाई निकलने के साथ ही बुधवार को हरिद्वार महाकुंभ का विधिवत आगाज हो गया। इस दौरान पेशवाई के स्वागत के लिए सड़क के दोनों ओर जनसैलाब उमड़ पड़ा। दोनों अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वरों और संतों पर हेलीकॉप्टर और घरों की छतों से फूलों की बारिश हुई।
दर्शकों ने जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत कर संतों का आशीर्वाद लिया। शोभायात्रा में शिव तांडव नृत्य, महिला बैंड, ऊंट, हाथी और शाही सिंहासन पर सवार संतों की झांकियां दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहीं। शहर में घूमने के बाद पेशवाई शाम छह बजे श्री निरंजनी अखाड़े की स्थायी छावनी पहुंची।
एसएमजेएन पीजी कॉलेज से सुबह करीब ग्यारह बजे पेशवाई का शुभारंभ हुआ। इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अखाड़े के संतों के साथ पूजा-अर्चना की। इष्टदेव के पूजन के साथ बैंड बाजों की धुन, शिव तांडव नृत्य और डमरुओं की थाप से कॉलेज परिसर गूंज उठा।
प्रसाद ग्रहण करने के बाद हर-हर महादेव के जयघोष के साथ पेशवाई निकली। गोविंदपुरी कॉलोनी से हरिद्वार मुख्य मार्ग, चंद्राचार्य चैक अवधूत मंडल तक लंबी पेशवाई में संतों की झांकियां शामिल थीं। सबसे आगे घोड़े और हाथी चल रहे थे। अलग-अलग बैंडो ने पूरा माहौल भक्तिमय बना दिया।
श्री निरंजनी अखाड़े के आचार्य मंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि ने अपने-अपने अखाड़ों का नेतृत्व किया। केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी रथ में सवार थीं। पूर्व निर्धारित रूट पर पेशवाई के पहुंचने से पहले ही दर्शकों की भीड़ जमा हो गई। सड़क के दोनों तरफ, डिवाइडर और घरों की छतों पर हर उम्र के लोग शोभायात्रा देखने उमड़े।
पेशवाई में श्री निरंजनी अखाड़े के नागा संन्यासियों की टोली दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। नागा संन्यासियों के हर-हर महादेव के जयकारों ने दर्शकों का उत्साह बढ़ा दिया। हाथों में त्रिशूल-डमरू, गले में फूलों और रुद्राक्ष की मालाएं पहने नागा संन्यासियों की टोली पेशवाई में संतों के आगे चल रही थी। नागा संन्यासियों को देखने के लिए दर्शक उत्साहित दिखे।
नागेंद्र सिंह के द्वारा निशुल्क नेत्र शिविर में 500 लोगों की हुई जांच
रसूलाबाद/कानपुर देहात, जन सामना। निः शुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। समाजसेवी नागेंद्र सिंह राजावत के द्वारा आयोजित किए गए नेत्र शिविर में बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे और मरीजों ने आंखों का परीक्षण कराया। रसूलाबाद क्षेत्र के अंतर्गत रतनपुर में समाजसेवी नागेंद्र सिंह राजावत द्वारा निः शुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। नेत्र चिकित्सा शिविर के दौरान करीब 500 मरीजों ने आंखों का परीक्षण कराया। समाजसेवी नागेंद्र सिंह राजावत ने अपने हाथों से लोगों को निःशुल्क चश्मे व सिरप वितरित की। साथ ही उन्होंने कहा कि 25 से अधिक मरीजों का पंजीकरण हुआ है। जिनका ऑपरेशन निःशुल्क उनके द्वारा कराया जाएगा। गौरतलब हो कि समाजसेवी नागेंद्र सिंह राजावत रतनपुर ग्राम पंचायत के निवासी हैं और नियमित समाज सेवा के कार्यों में लगे रहते हैं। उन्होंने बड़ी संख्या में आए लोगों को निशुल्क चश्मे वितरित किए। नागेंद्र सिंह राजावत ने कहा कि समाज सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरे के दर्द को बांटने में उन्हें अच्छा लगता है। क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के लिए हमेशा आगे रहूंगा। वही निः शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में डॉ प्रदीप सिंह, डॉ रमन द्विवेदी, डॉ अशवनी, शिवेंद्र, रामनरेश सिंह, बबलू सिंह, सत्येंद्र कुमार, अमित कुमार सहित हजारों मरीज रहे।
Read More »गंगा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि क्रय/अधिग्रहण के कार्य में तेजी लाने के निर्देश
लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे तथा डिफेन्स काॅरीडोर की प्रगति की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी एक्सप्रेसवेज का निर्माण निर्धारित टाइमलाइन के अनुसार पूरा करने के निर्देश दिये। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण की उल्लेखनीय प्रगति के लिये उन्होंने यूपीडा के अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए बधाई दी। माइल स्टोन-2 के लिए निर्धारित लक्ष्य 35 प्रतिशत के सापेक्ष 46 प्रतिशत प्रगति प्राप्त की गई है।
उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण के कार्य में तेजी लाई जाये। उन्होंने डिफेन्स काॅरीडोर में निवेश के लिए एमओयू साईन करने वाले निवेशकों से नियमित संपर्क व संवाद बनाये रखने तथा वीडियोकान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये।
इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का करीब 46 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है तथा अवशेष कार्य द्रुत गति से चल रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का मुख्य कैरिजवे की एक साइड पर यातायात खोलने की लक्षित तिथि 28 फरवरी, 2022 है तथा दोनों साइड खोलने की लक्षित तिथि 30 अप्रैल, 2022 है। बैठक में यह भी बताया गया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का संपूर्ण कार्य 30 सितम्बर, 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा। एक्सप्रेसवे में 343 कलवर्ट, 120 अंडरपास तथा 25 लघु ब्रिज के कार्य पूरे कर लिए गये हैं। दीर्घ सेतु, रेलवे उपरिगामी सेतु एवं फ्लाईओवर्स का निर्माण बड़ी तेजी से चल रहा है।
घोटालों के बादल और चुनावी हिंसा
पश्चिम बंगाल में चुनावों की औपचारिक घोषणा के साथ ही राजनैतिक पारा भी उफान पर पहुँच गया है। देखा जाए तो चुनाव किसी भी लोकतंत्र की आत्मा होते हैं सैद्धांतिक रूप से तो चुनावों को लोकतंत्र का महापर्व कहा जाता है।और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की नींव को मजबूती प्रदान करते हैं।
लेकिन जब इन्हीं चुनावों के दौरान हिंसक घटनाएं सामने आती हैं जिनमें लोगों की जान तक दांव पर लग जाती हो तो प्रश्न केवल कानून व्यवस्था पर ही नहीं लगता बल्कि लोकतंत्र भी घायल होता है।
वैसे तो पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान हिंसा का इतिहास काफी पुराना है। नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े इस बात को तथ्यात्मक तरीके से प्रमाणित भी करते हैं। इनके अनुसार 2016 में बंगाल में राजनैतिक हिंसा की 91 घटनाएं हुईं जिसमें 206 लोग इसके शिकार हुए। इससे पहले 2015 में राजनैतिक हिंसा की 131 घटनाएं दर्ज की गई जिनके शिकार 184 लोग हुए थे। वहीं गृहमंत्रालय के ताजा आंकड़ों की बात करें तो 2017 में बंगाल में 509 राजनैतिक हिंसा की घटनाएं हुईं थीं और 2018 में यह आंकड़ा 1035 तक पहुंच गया था।
इससे पहले 1997 में वामदल की सरकार के गृहमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने बाकायदा विधानसभा में यह जानकारी दी थी कि वर्ष 1977 से 1996 तक पश्चिम बंगाल में 28,000 लोग राजनैतिक हिंसा में मारे गए थे। निसंदेह यह आंकड़े पश्चिम बंगाल की राजनीति का कुत्सित चेहरा प्रस्तुत करते हैं।
पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल का रक्तरंजित इतिहास उसकी ष्शोनार बंगलाष् की छवि जो कि रबिन्द्रनाथ टैगोर और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जैसी महान विभूतियों की देन है उसे भी धूमिल कर रहा है।