पूरी दुनिया में मत्स्य क्षेत्र के लाभ के लिए एफएओ ने स्वैच्छिक दिशानिर्देशों में आईसीएआर के परामर्शों को शामिल किया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोविद -19 महामारी दुनिया भर में फ़ैल गयी है। महामारी की रोकथाम के लिए लगाये गए लॉकडाउन ने देश में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्रों (एक्वाकल्चर) को कई तरीकों से प्रभावित किया है। मछली पकड़ने की गतिविधियों और मीठे और खारे पानी की प्रणालियों में एक्वाकल्चर के अलावा बीज उत्पादन, चारा संयंत्र संचालन, आपूर्ति और बाजार श्रृंखला आदि कई संबद्ध गतिविधियाँ अत्यधिक प्रभावित हुई हैं। मोटे तौर पर, मछुआरों, श्रमिकों, प्रसंस्करण काम में लगे लोगों और उनके समुदायों को महामारी के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। इससे पूरी मूल्य श्रृंखला और इस पर आधारित आजीविका भी प्रभावित हो रही है।
रक्षा मंत्री ने सैन्य अभियांत्रिकी सेवा के 9,304 पदों को समाप्त करने को मंजूरी दी
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मूलभूत एवं औद्योगिक श्रम बल में 9,300 पदों से अधिक का ईष्टतम उपयोग करने के लिए सैन्य अभियांत्रिकी सेवा (एमईएस) के इंजीनियर इन चीफ के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। यह लेफ्टिनेंट जनरल शेकातकर की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञों की समिति की अनुशंसाओं की तर्ज पर है जिसने सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने एवं रक्षा व्यय को फिर से संतुलित करने के उपायों की अनुशंसा की थी।
समिति द्वारा की गई एक अनुशंसा सिविलियन श्रम बल को इस प्रकार पुनर्संरचित करने की थी जिससे कि एमईएस का कार्य आंशिक रूप से विभागीय रूप से तैनात कर्मचारियों द्वारा किया जाए और अन्य कार्यों को आउटसोर्स करा दिया जाए।
एमईएस के इंजीनियर इन चीफ के प्रस्ताव के आधार पर समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं के अनुरूप मूलभूत एवं औद्योगिक कर्मचारियों की कुल 13,157 रिक्तियों में से एमईएस में 9,304 पदों की समाप्ति के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है।
इस अनुशंसा का उद्वेश्य कम श्रम बल के साथ एमईएस को एक प्रभावी संगठन बनाना था जो दक्ष एवं किफायती तरीके से उभरते परिदृश्य में जटिल मुद्वों से निपटने के लिए सुसज्जित हो।
‘मदर्स डे’ के मौके पर सोनी सब के कलाकारों ने अपनी मांओं के प्रति व्यवक्त किया आभार
स्मिता बंसल (सोनी सब के ‘अलादीन: नाम तो सुना होगा’ की अम्मीय)
हर किसी की जिंदगी में मांओं का एक खास स्थाान होता है और मुझे ऐसा लगता है कि हमारी व्यमस्तम जीवनशैली, में एक ऐसा दिन है जहां सारा परिवार एक साथ मिलकर मांओं को शुक्रिया कहता है। इस दिन को मनाने का मेरी दोनों ही बेटियों का एक अलग ही तरीका है। मेरी छोटी बेटी को कुछ खास तोहफा देना जैसा कोई कार्ड और केक देना पसंद है। वहीं दूसरी तरफ मेरी बड़ी बेटी बोलकर अभिव्यटक्तस करती है और अपनी बातों से मुझे स्पेहशल महसूस कराती है। ये छोटी-छोटी बातें मेरे जीवन की सच्चीी खुशियां हैं। परदे पर मेरे बेटे की भूमिका निभा रहे सिद्धार्थ भी अपने व्यटवहार से मुझे खास महसूस कराते हैं। मैं सचमुच उनकी बहुत चिंता करती हूं और सेट पर भी स्वाधभाविक रूप से उन पर ध्यामन चला जाता है। मुझे ऐसा लगता है कि मैं उन्हें अच्छीर तरह समझती हूं, क्योंयकि वह मेरी बेटी के उम्र के ही हैं।
कैम्प कार्यालय में मनाई गयी महामना बुद्ध जयंती
कानपुर नगर, जन सामना संवाददाता। अपना दल (एस) के पदाधिकारियों ने महामना गौतम बुद्ध की जंयती मनाई। कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉक डाउन व सरकार द्वारा जारी सभी नियमों का पालन करते हुए दामोदर नगर स्थित अपना दल (एस) कैम्प कार्यालय में महामना बुद्ध की जयंती मनाई गई।
अपना दल (एस) के प्रदेश महासचिव जे. एन. कटियार ने सभी को महापर्व बुद्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा कि गौतम बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त कर पूरे विश्व को मानवता का पाठ पढ़ाया, युद्ध नहीं बुद्ध की शिक्षा दी। उनके विचारों को आत्मसात करके मनुष्य अपना जीवन बदल सकता है। आज उनके अनुयायी पूरी दुनिया में उनके विचार फैला रहे है। इसी कड़ी में महिला प्रदेश मंच की अध्यक्षा अंकिता सचान ने कहा कि गौतम बुद्ध ने शांति पर चलने का ज्ञान दिया है।
इस अवसर पर मुख्यरूप से कानपुर जिलाध्यक्ष नवीन श्रीवास्तव, रामकेश कटियार, राम नरेश कटियार, शशांक दीक्षित, विकास सचान आदि लोग मौजूद रहे।
मण्डलायुक्त तथा पुलिस महानिरीक्षक ने लोगों से प्रयागराज जंक्शन पर मिलकर जाना उनका हाल
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। मण्डलायुक्त, प्रयागराज मण्डल आर० रमेश कुमार तथा पुलिस महानिरीक्षक के० पी० सिंह ने आज जनपद प्रयागराज से विभिन्न जनपदों और जनपद प्रयागराज के विभिन्न क्षेत्रों को रवाना किए जा रहे लोगों से प्रयागराज जंक्शन पर मिलकर उनका हाल जाना। प्रयागराज जंक्शन पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आने वाले प्रवासी कामगारों को उनके गृह जनपदों प्रतापगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर आदि तथा जनपद प्रयागराज के विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कराए गए समुचित प्रबंधों का जायजा भी लिया। उन्होंने बसों के माध्यम से लोगों को गंतव्य स्थान की ओर रवाना किए जाने की व्यवस्था में लगे सभी अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा निर्धारित किए गए प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन कराते हुए इस बात का भी ख्याल रखा जाए कि बाहर से आने वाले इन समस्त लोगों को इनकी मूल आवश्यकताओं के अनुसार यथोचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए और सभी के साथ मानवीय संवेदना पूर्ण व्यवहार किया जाए।
Read More »रसूलाबाद में नहीं थम रहा आत्महत्या का सिलसिला, 24 घण्टे में दो मौतें
रसूलाबाद/कानपुर देहात, संतोष गुप्ता। कोरोना काल में हुए लॉक डाउन के दौरान जनपद के रसूलाबाद थाना क्षेत्र में आत्महत्या करने का दौर नही थम रहा है। एक के बाद एक आत्महत्या की घटनाएं सामने आ रही है। इसी क्रम में रसूलाबाद थाना क्षेत्र में एक युवक ने नीम के पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी।
देश में चल रहे लॉक डाउन के दौरान जैसे ही लॉक डाउन के तीसरे चरण में शराब के ठेके खुले जनपद के रसूलाबाद थाना क्षेत्र में दो युवकों नें 36 घण्टे के अंदर ही नीम के पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी। मामला जनपद के रसूलाबाद का है जहां झींझक रोड तिराहा लोहियानगर के रहने वाले कप्तान सिंह कुशवाहा (32) पुत्र स्व. रतिराम कुशवाहा का गुरुवार को सुबह शव संदिग्ध परिस्थितियों में अपने घर के पास नीम के पेड़ में मफ़लर के सहारे फांसी पर लटका मिला। सुबह जब लोगों ने नीम के पेड़ में शव को लटका देखा तो इलाके में सनसनी फैल गई।
सपा नेता हाजी फैजान खान को फोन पर जान से मारने की धमकी
अज्ञात युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज
रसूलाबाद/कानपुर देहात, संतोष गुप्ता। समाजवादी पार्टी युवजन सभा के पूर्व प्रदेश सचिव को फोन से गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देने वाले अज्ञात युवक के खिलाफ थाना रसूलाबाद में मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस द्वारा उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी गयी है। हाजी फैजान खान को जान से मारने की धमकी दिए जाने से जनता में व्यापक रोष व्याप्त है।
रसूलाबाद थाना क्षेत्र के कस्बा रसूलाबाद निवासी समाजवादी पार्टी युवजन सभा के पूर्व प्रदेश सचिव हाजी फैजान खान को मंगलवार को एक नंबर से एक फोन आया। जिसमें युवक ने फोन करके बहुत ही अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। युवक ने फोन पर साफ-साफ धमकी दी कि यदि बाहर दिखे तो गोली मारकर हत्या कर देंगे। हाजी फैजान खान पेशे से प्रतिष्ठित व्यापारी व समाजसेवी हैं और उनका आना जाना कई जगहों पर रहता है। उक्त मामले की शिकायत कोतवाल तुलसीराम पांडेय से की गई तो पुलिस ने अज्ञात युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरू कर मोबाइल नम्बर को सर्विलांस पर लगवाकर अपराधी तक पहुंचने की कोशिशें तेजी के साथ शुरू कर दी है।
नोडल अधिकारी ने चकरपुर मंडी का औचक निरीक्षण किया
कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। नोडल अधिकारी कानपुर नगर अनिल गर्ग आई0ए0एस0 ने आज चकरपुर मंडी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मंडी की व्यवस्था के विषय में जानकारी की तो जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि वर्तमान समय में ऑड – इवेन व्यवस्था लागू की ही है उसी के आधार पर मण्डी संचालित हो रही। इस पर श्री गर्ग ने यहां के व्यवसाइयों से वार्ता की तो सुनील कुमार ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद कोई समस्या तो नही हो रही है। अब मण्डी में भीड़ भी नही लगती है आने वाले व्यापरियों को आसानी से फल, सब्जियां उपलब्ध हो रही है। नोडल अधिकारी अनिल गर्ग ने अन्य व्यापारियों से भी इस विषय में वार्ता की तो सभी के द्वारा संतोषजनक उत्तर मिला। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जो भी व्यवसाई आपकी दुकान में आता है। उन सभी के हाथ धोने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए साथ ही आने वाले व्यापरियों को सैनेटाइजर अवश्य दिया जाए और आने वाले सभी लोग मास्क लगाकर आए, इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। निरीक्षण के दौरान डीआईजी एसएसपी अनन्त देव, जिलाधिकारी डॉ0 ब्रह्म देव राम तिवारी, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी, एस0पी 0ग्रामीण, मण्डी सचिव आदि सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
Read More »इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति के गठन का शुभारंभ
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। आज तहसील अकबरपुर में सदर एसडीएम आनंद कुमार सिंह के संरक्षण में इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति के गठन का शुभारंभ किया गया। एसडीएम आनंद कुमार सिंह ने समिति के गठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी राष्ट्रीय युवा पुरस्कार एवं विश्व रिकार्ड विजेता रजत गुप्ता को दी, इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति दो महत्वपूर्ण ग्रुप में गठन करना प्रस्तावित हैं जिसमें पहला ग्रुप कानपुर देहात इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति है। जिसमें कानपुर देहात के सभी महिला और पुरुष सदस्य शामिल होंगे जबकि दूसरा ग्रुप राष्ट्रीय इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति है। जिसमें कानपुर देहात के अतिरिक्त अन्य सभी जिलों के महिला और पुरुष सदस्य शामिल होंगे। इस समिति का मुख्य उद्देश्य अपने अपने घरों में रहकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना महामारी के प्रति जागरूक कर कोरोना को हराने और प्यारे भारत को जीतने में महत्वपूर्ण योगदान देना है।
Read More »लाॅकडाउन की तपस्या भंग
कोरोना वायरस (कोविड-19) ने पूरी दुनियां को दहशत में जीने पर मजबूर कर दिया है। हजारों लोग मौत के मुंह में समा गये। लाखों की संख्या में लोग जिन्दगी और मौत से लुका छिपी के दौर से गुजर रहे हैं। कई देश लाॅकडाउन के दौर से गुजर रहे हैं, भारत भी उनमें से एक है। लाॅक डाउन की घोषणा होते ही देश वासियों ने अपने अपने स्तर से लाॅक डाउन का पालन करने में सहयोग किया है। लेकिन राजस्व के लालच ने सब्र का बांध तोड़ने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। कोरोना के संक्रमण काल में शराब बन्दी का आदेश हटाने को कदापि उचित नहीं ठहरा सकते। यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं किया गया क्यों कि शराब की दुकानें खुलते ही उनके आगे जमा हुई भारी भीड़ ने शारीरिक दूरी बनाए रखने की ऐसी उपेक्षा की कि लाॅकडाउन की तपस्या भंग हो गई। यह कहना कदापि अनुचित नहीं कि सरकार का यह फैसला बिना सोंच-विचारे लिया गया। केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों व उनके स्थानीय प्रशासन को इसका पूरी तरह से ध्यान रहना चाहिए था कि शराब बिक्री की अनुमति मिलने पर उनकी दुकानों पर अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो सकता है। और ज्यादातर स्थानों पर ऐसा ही देखा गया। शराब के शौकीन कहें या लती लोगों ने जल्दवाजी दिखाते हुए शराब खरीदने की ललक में संयम और अनुशासन को ठेंगा दिखाते हुए लाॅक डाउन की व्यवस्था को पानी में बहा दिया।
हालांकि ऐसे में सवाल उठता है कि जब बीते 40 दिन से शराब के बगैर काम चल रहा था तो फिर कुछ दिन और रुक जाते या धैर्य रखते हुए संयम का परिचय देते शराब प्रेमी?
यह सवाल उठना भी लाजिमी है कि जब अनेक वस्तुओं की बिक्री अथवा उत्पादन पर रोक जारी है तो फिर शराब की बिक्री को लेकर उदारता दिखाने की इतनी जल्दवाजी अथवा जरूरत क्या थी सरकार को?
हालांकि शराब की दुकानों पर दिखे नजारों के चलते तमाम जगहों पर शराब की दुकाने बन्द करनी पड़ी अथवा बिक्री पर रोक लगानी पड़ी। शराब की दुकानों पर सुरक्षा बलों को तैनात करना पड़ा, शायद इसके अलावा और कोई उपाय भी नहीं था, क्योंकि लोग सर्तकता का जरा भी ध्यान देना नहीं चाहते थे। कोरोना से बचाव के लिये आवश्यक बताई गई शारीरिक दूरी को लेकर बरती जाने वाली सजगता को ताक पर रख चुके थे।