Thursday, November 7, 2024
Breaking News

प्रधानमंत्री आवासों की फोटो लेकर करायें अपलोड : DM

इटावाः राहुल तिवारी। ग्राम स्तरीय अधिकारी सेकेटरी, ग्राम विकास अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों का रोस्टर के अनुसार भ्रमण करें और प्रतिदिन प्रधानमंत्री आवासों की फोटो लेकर अपलोड करायें, साथ ही खण्ड विकास अधिकारी को फोटो अपलोड की सूचना देगे, खण्ड विकास अधिकारी सुनिश्चित करें कि सेक्रेटरी द्वारा किये गये भ्रमण की सूचना प्रतिदिन उपलब्ध करायी जाये, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियो को द्वितीय किश्त की धनराशि तत्काल रिलीज की जाये, 31 जनवरी तक आवासो का निर्माण कार्य प्रत्येक दशा में पूर्ण कराना सुनिश्चित करें, निर्धारित समय में आवास पूर्ण न कराने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। स्वच्छ भारत मिशन के अर्न्तगत सेक्रेटरी अपने क्षेत्र मे शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण करायें ताकि जनपद को ओडीएफ श्रेणी में लाया जा सके।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने विकास भवन के सभागर में खण्ड विकास अधिकारिये, सेक्रेटरी एवं ग्राम विकास अधिकारियों की आयोजित समीक्षा बैठक में दिये। उन्होने नरेगा, प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ शौचालय में सबसे खराब कार्य करने वाले ग्राम पंचायतों के सेकेटरी के जमकर फटकार लगायी वहीं अच्छा कार्य करने वालो की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा कार्य करने वाले 10 सेक्रेटरियों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाये साथ ही सबसे खराब प्रगति वाले को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाये तथा जो सेक्रेटरी 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं और उनके द्वारा कार्य में रूचि नहीं ली जा रही है। खराब प्रगति है, को चिन्हित कर बीआरएस देने की कार्यवाही की जाये।

Read More »

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा गरीब का आशियाना

बीडीओ ने मामले को दबाया, डेढ़ माह बाद भी नहीं मिला न्याय
खीरों, रायबरेली। प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली थमने का नाम नहीं ले रही। अधिकारियों की कारगुजारी से एक पात्र लाभ पाने से वंचित हो रहा है और न्याय की गुहार लगाते हुए महीनों से दर-दर की ठोकरें खा रहा है। खंड विकास अधिकारी की मनमानी सरकारी मंशा पर भारी पड़ रही है, वह गरीब को उसका हक देने के बजाय प्रधान पति और भट्ठा मालिक के बचाव को तरजीह दे रहे हैं।
बताते चलें कि परमेश्वर (40) पुत्र स्वर्गीय ईश्वरदीन निवासी दुकनहां ने बीते वर्ष नवंबर माह की 16 तारीख को आवास की किस्त में धांधली से संबंधित एक शिकायती पत्र बीडियो को दिया था। शिकायतकर्ता का आरोप था कि ग्राम प्रधान बिटूल साहू के पति रामबरन साहू ने धोखे से उससे कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर 40000 रुपये किस्त का धन दुकनहां स्थित चित्रांश ब्रिक फील्ड के मालिक मनोज श्रीवास्तव पुत्र स्वर्गीय हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के खाते में ट्रांसफर करा दिया था। बीडियो ने मामले में जांच के बजाए उल्टा शिकायतकर्ता के घर पर तीन दिन के अंदर निर्माण कार्य शुरू न कराए जाने पर गबन के आरोप के तहत कार्यवाही किए जाने की एक नोटिस चस्पा करा दिया था। प्रधान पति और भट्ठा मालिक ने उसी दिन देर शाम गरीब के घर पहुंच कर धमकाया और शिकायत वापस लेने को कहा। जिसकी तहरीर पीड़ित ने थानाध्यक्ष को दिया। उस पर आज तक एसओ ने कोई कार्रवाई नहीं किया। इसके बाद 4 दिसंबर को पीड़ित ने जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान के समक्ष उपस्थित होकर प्रार्थना पत्र दिया।
परमेश्वर ने बताया कि 15 दिन पहले बीडियो ने मुझे अपने कार्यालय बुलाकर कहा कि भट्ठा मालिक से ईंट ले लो और यह लिखकर दो कि तुमने ईंट खरीदने के लिए पहली किस्त का धन खुद भट्ठा मालिक के खाते में ट्रांसफर किया था। लिखकर देने से मना करने पर उन्होंने

Read More »

इटावा पुलिस ने दबोचे 114 अपराधी

इटावाः राहुल तिवारी। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एसएसपी वैभव कृष्ण के निर्देशन में सिर्फ 12 घंटे चलाये गये आपरेशन चक्रव्यूह में पुलिस ने फरार और वांछित 114 अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। इटावा जिले में यह अब तक की सबसे बड़ी पुलिस कार्रवाई मानी जा रही है। आज से पहले इतनी बड़ी तादात में अपराधी एक साथ कभी नहीं पकड़े गये। एसएसपी वैभव कृष्ण ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के क्रम पुलिस उपाधीक्षकों की निगरानी में चलाये गये आपरेशन चक्रव्यूह में 78 वारंटी और 3 वांछितों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि कोतवाली में 3 वांछित और 10 वारंटी, सिविल लाइन में 4, इकदिल में 7 वारंटी, फ्रेंड्स कालोनी में 3, भर्थना में 8 वांछित और 10 वारंटी, बकेवर में 5 वांछित और 8 वारंटी, उसराहार में एक वांछित और 4 वांरटी, लवेदी में 6 वारंटी, जसवंतनगर में 5 वांछित और 9 वारंटी, बढ़पुरा में एक वांछित और 7 वांरटी, बलरई में एक वारंटी, पछायगांव में 4 वारंटी, सैफई में 4 वांछित और एक वांरटी, बसरेहर में एक वांछित एक वारंटी, चैबिया में एक वांछित और द वांरटी और वैदपुरा सा 3 वांछित और 5 वांरटिबदल को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि पकड़े गये अपराधियों में एक बलात्कार, दो चोरी, 3 बलवा, डाक्टर से मारपीट के 3, महिला अपहरण के मामले में एक, नाबालिग अपहरण के मामले में एक, हत्या में दो, जालसाजी में एक, छेड़छाड़ में 5, मारपीट में 6, अवैध शराब की तस्करी में एक, दहेज हत्या में 4, जानलेवा हमला में 4, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने के मामले में 3 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आपरेशन चक्रव्यूह में जिले भर के सभी थानों के पुलिस बल के अलावा पुलिस कार्यालयों में तैनात फोर्स को तैनात किया गया था।

Read More »

अंडर आम्र्स डार्क को कैसे करें दूर

अधिकांश महिलाएं टाॅपलेस गाउन या स्लीव लैस कपड़े पहना पसंद करती हैं, जब अंडर आर्म क्षेत्र में किसी भी तरह त्वचा टोनिंग या मैलापन हो तो इसे ढककर रखना ही सही है। अगर आप भी काले अंडर आर्म की समस्या से परेशान हैं, तो आइए जानते हैं ‘जन सामना’ की ब्यूटी एडवाइजर सी डब्लु सी ब्यूटी एन मेकअप स्टूडियो की सेलिब्रिटी मेकओवर एक्सपर्ट शालिनी योगेन्द्र गुप्ता से अंडर आर्म को गोरा करने के तरीके के बारे में, ताकि आप भी बिना किसी झिझक के खुल कर टाॅपलेस गाउन या स्लीव लैस कपड़े पहन सकें ।
अंडर आर्म के बालों को हटाने के लिए लोग रेजर का प्रयोग करते हैं। शेविंग करने से थोड़े बाल छूट जाते हैं, जो भद्दे भी लगते हैं जिस कारण से आपके अंडर आर्म डार्क होने लगते हैं। ठीक ऐसा ही बाल साफ करने वाली क्रीम के उपयोग से भी होता है। इसलिए बालों को साफ करने के लिए वैक्सीन करना उचित रहता है, क्योंकि इसमें बाल जड़ से साफ होते हैं और निशान भी नहीं रहता।
मृत कोशिकाओं के कारण डार्क अंडर आर्म, मृत कोशिकाओं के संचय का परिणाम भी हो सकता है। इसलिए अंडर आर्म में डार्क पपड़ी को लैक्टिक एसिड के साथ एक स्क्रब की मदद से धीरे से हटाना चाहिये।
प्रोडक्ट्स का जरूरत से ज्यादा उपयोग करनाः यह पाया गया है कि डियोड्रेंट में मौजूद रासायनिक यौगिकों डार्क अंडर आर्म का कारण बनते हैं। इनका अधिक उपयोग रंजकता ;पिग्मन्टैशनद्ध पैदा करता है, जो स्थायी रूप से गहरे रंग की बगल का कारण बनते हैं। इसलिए बगल की गंध के लिए कोई प्राकृतिक तरीके का प्रयोग करें या फिर संवेदनशील त्वचा वाले डियोड्रोंट प्रयोग करें।

Read More »

भ्रष्टाचार एक बीमारी

भ्रष्टाचार का सामान्य अर्थ किसी व्यक्ति के द्वारा किसी प्रतिष्ठित पद पर रहते हुए अपनी ताकत का अनुचित रूप से प्रयोग है। वैसे, भ्रष्टाचार शब्द से ऐसा प्रतीत होता है कि यह शब्द एक चोरी, अनैतिक या गलत व्यवहार का आशय है। शाब्दिक रूप में भ्रष्टाचार अर्थात भ्रष्ट-आचार। भ्रष्ट यानी बुरा या बिगड़ा हुआ तथा आचार का मतलब है आचरण। अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो।
जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरू( जाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए गलत आचरण करने लगता है तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है। आज भारत जैसे सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश में भ्रष्टाचार अपनी जड़ें बहुत तेजी से फैला चुका है। जीवन के हर क्षेत्र में यह बुराई यानी बीमारी मौजूद है। यह एक ऐसी बीमारी है जिससे सभी भली भांति परिचित है। यह किसी भी व्यक्ति की मनोदशा पर हावी होकर उसे दुष्प्रभावित कर सकता है।
भ्रष्टाचार के कई प्रकार होते है। यह प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से संमाज पर दुष्प्रभाव डालता हैं। खेल जगत, शिक्षा जगत, राजनीति एवं विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में भ्रष्टाचार ने अपनी बुरी छाप को छोड़कर हित में बाधा पहुंचाई है। जैसे रिश्वत, काला- बाजारी, जान-बूझकर दाम बढ़ाना, पैसा लेकर काम करना, सस्ता सामान लाकर महंगा बेचना आदि।
आज के आधुनिक परिवेश में हर पाचँ में से कम से कम चार व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।जिससे सार्वजनिक संपत्ति की बर्बादी, व्यक्ति बिशेष का शोषण, अनैतिक आचरण अपने पांव दिन रात फैलाए जा रहा है। आज व्यक्ति पैसों के लालच में आकर अपने साथ साथ देश का भी पतन कर रहा है।
भ्रष्टाचार के कई कारण होते हैं। जैसे जब किसी को अभाव के कारण कष्ट होता है तो वह भ्रष्ट आचरण करने के लिए विवश हो जाता है। असमानता, आर्थिक, सामाजिक या सम्मान, पद -प्रतिष्ठा के कारण भी व्यक्ति अपने आपको भ्रष्ट बना लेता है। हीनता और ईर्ष्या की भावना से शिकार हुआ व्यक्ति भ्रष्टाचार को अपनाने के लिए विवश हो जाता है। साथ ही रिश्वतखोरी, भाई-भतीजावाद आदि भी भ्रष्टाचार को जन्म देते हैं।

Read More »

अस्मिता की लड़ाई कोरे गांव

कोरे गांव में बिगत दिनों घटित बवण्डर को लेकर पूरे देश की मीडिया ने इस घटना को जिस तरह से पेश करने की कोशिश की है उसमें राजनीति ‘बू’ पैदा होने की अपार सम्भावनाएं पनप गईं। जबकि उस पर वर्तमान में विचार करने की जरूरत है कि तत्कालीन ऐसा वातावरण क्यों पनप गया कि महार जाति के योद्धाओं को विदेशियों का साथ देना पड़ा? ऐसे लोगों को न्यूज रूम में स्थान दे दिया गया जिन्हें शायद कोरेगांव का इतिहास ही ना मालूम हो। हां इतना तो जरूर है कि वो मीडिया के माध्यम में समाज में जहर उगलने का कार्य कर सकते हैं। जबकि एक कटु सच्चाई 1818 का घटनाक्रम बयां करता है कि कोरेगांव का वह युद्ध देश विरोधी कृत्यों को नहीं बल्कि एक अस्मिता की लड़ाई को बयां करता है। विचारणीय तथ्य यह है कि ऐसे हालात क्यों पनपने दिए गए थे कि अपनो को अपनों के विरुद्ध युद्ध लड़ना पड़ा था। अतीत पर नजर डालेे तो कोरेगांव का युद्ध उन पाॅच सौ महार दलित योद्धाओं की बहादुरी को व्यक्त करता है जिन्होंने बाजी राव पेशवा के अट्ठाईस हजार सैेनिकों को युद्ध में छक्के छुड़ा दिये थे। उस घटनाक्रम को इस नजरिये से देखा जाना उचित है कि आज हीं बल्कि उस समय भी अस्मिता के लिए संघर्ष करने वाले बहादुरों की कमी नहीं थी।
गौरतलब हो कि 19वीं सदी में भारत की दलित जातियों में शुमार महारों पर कानून लागू किया था जिसमें महारों को कमर पर झाड़ू बाँध कर चलना होता था ताकि उनके दूषित और अपवित्र पैरों के निशान उनके पीछे घिसटने इस झाड़ू से मिटते चले जाएँ. उन्हें अपने गले में एक मटका भी लटकाना होता था ताकि वो उसमें थूक सकें और उनके थूक से कोई उच्चवर्णीय प्रदूषित और अपवित्र न हो जाए। असहनीय यातनाओं व तत्कालीन नियमावली से महार उकता गए थे। और ऐसा उकताना किसी के लिए आज भी संभव है जिसका जीना बद से बदतर कर दिया जाये चाहे फिर वह महार हो या अन्य कोई भी वर्ग या सम्प्रदाय। इसीलिए तत्कालीन व्यवस्था में अपनी अस्मिता को बचाने के लिए अंग्रेजों के साथ हो गए थे। एक तरफ ब्रिटिश अधिकारियों की नजर महारों पर टिकी थी जो कद काठी में अच्छे खासे थे।

Read More »

बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता परीक्षा बोर्ड

इस बार यू.पी. बोर्ड की लिखित परीक्षाएं 6 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं। जबकि प्रायोगिक परीक्षाएं जनवरी माह में ही सम्पन्न हो जाएँगी। जिसके कारण कड़ाके की ठण्ड में भी हाईस्कूल तथा इण्टर के छात्र-छात्राओं को विद्यालय बुलाया जा रहा है। ऐसी भीषण सर्दी में बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करके परीक्षा बोर्ड घनघोर संवेदनहीनता का ही परिचय दे रहा है। जुलाई की जगह एक अप्रैल से नया सत्र चालू करने की प्रक्रिया को दुरुस्त करने के चक्कर में ही यह सारी कवायद की जा रही है। इसी कारण वर्ष 2016 में 18 फरवरी से 21 मार्च के बीच परीक्षाओं को सम्पन्न कराया गया था। जबकि वर्ष 2017 में विधान सभा चुनाव के कारण 16 मार्च से 18 अप्रैल के बीच परीक्षाएं करायी गयी थीं। इस वर्ष 2018 में 6 फरवरी से 10 मार्च के बीच परीक्षाएं सम्पन्न कराके बोर्ड एक अप्रैल तक परीक्षा परिणाम देना चाहता है। ताकि नया सत्र अप्रैल माह से सुचारू रूप से चलाया जा सके।
आजादी के बाद सबसे अधिक खिलवाड़ अगर किसी के साथ हुआ है तो वह शिक्षा ही है। उत्कृष्ट शिक्षा के नाम पर हो रहे नित नये प्रयोगों ने भारत की शिक्षा व्यवस्था को अन्ततोगत्वा चैपट ही किया है। शिक्षा का नया सत्र कभी जुलाई से शुरू किया गया था। जो बीते कुछ वर्षों पूर्व तक बना रहा। प्रश्न उठता है कि शिक्षा के नये सत्र की शुरुआत के लिए तब जुलाई माह को ही क्यों चुना गया था? निश्चित रूप से ऐसा मौसम की अनुकूलता के कारण ही किया गया होगा। एक जुलाई से नया सत्र शुरू होता था। उस समय प्रायः बरसात का मौसम होता है। बच्चे नयी कक्षाओं में प्रवेश लेते थे। जुलाई माह में प्रवेश प्रक्रिया सम्पन्न होती थी और अगस्त आते-आते पढ़ाई शुरू हो जाती थी। दिसम्बर माह में छमाही परीक्षाएं होती थीं। उसके बाद शीतकालीन अवकाश हो जाता था। जनवरी माह में सर्दी की न्यूनता और अधिकता के हिसाब से विद्यालय खुलते थे। जबकि फरवरी भर जम कर पढ़ाई होती थी और मार्च के प्रथम सप्ताह में प्रायोगिक परीक्षायें शुरू हो जाती थीं। 15 मार्च के आसपास वार्षिक परीक्षाएं होने लगती थीं। जो कि अप्रैल माह तक चलती थीं। उसके बाद गर्मियों की छुट्टियाँ हो जाती थीं।

Read More »

सरकारी मशीनरी की नकारा कार्यशैली के कारण नहीं सुधर रही यातायात व्यवस्था

⇒करोड़ों की लागत से लगायी गईं सिग्नल लाईटें खा रहीं धूल।
⇒लाखों की लागत से रस्सी भी हो चुकी धड़ाम।
⇒यातायात जागरूकता अभियान भी असरकारक साबित नहीं हो पा रहे।
अर्पण कश्यप:कानपुर। महानगर की यातायात व्यवस्था को नियमानुसार चलाने व शहरियों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए कई बार प्रयास किए जा चुके हैं। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। एक दो चैराहों को अगर छोड़ दिया जाये तो लगभग सभी चैराहों पर सिग्नल लाईटें मात्र एक सिम्बल के अलावा कुछ नहीं साबित हो रहीं हैं। कई बार चैराहों पर लाइटें लगाई गईं लेकिन उनका उपयोग होने से पहले वो कबाड़ में तब्दील हो गई। शहर की यातायात व्यवस्था भले ही ना बदले लेकिन उन लोगों के दिन जरूर बदल गए जो लोग इन लाइटों को लगवाने का ठेका लेते है। यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए लगी लाइटों का नजारा देखकर वो हास्यास्पद नजारे याद आते हैं जब यातायात माह में लाउडस्पीकरों ने बकवासी प्रचार की ओर किसी का ना तो धन जाता है और ना ही उसका असर शहरियों पर होता दिखता है। हां इतना तो जरूर है कि प्रचार प्रसार में लाखों का वारान्यारा जरूर कर दिया जाता है। वहीं खास तथ्य यह भी है कि यातायात के नियम को कोई माने या ना माने लेकिन ट्रैफिक सिपाही हो या टी एस आई सभी चैराहों पर बाज की तरह सिर्फ शिकार खोजते रहते हैं और उनका मकसद सिर्फ वसूली करना ही दिखता है। हर बार महकमें में नये अधिकारी आते हैं और उपदेश देते हैं कि यातायात व्यवस्था में सुधार करना पहली प्राथमिकता है लेकिन उनका उपदेश सार्थक नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं नये नये नियम कानून बना कर तब तक काम करते है जब विभाग से काम के लिये पैसा न पास हो जाये।

Read More »

शहर के साउथ क्षेत्र में है चोरों का रैन बसेरा!

चोरों के आतंक से दक्षिणी ईलाके मे लोगो में है दहशत
क्षेत्रीय पुलिस की कार्य शैली पर उठते सवाल
क्षेत्र के दहशत गर्द मुखबिर और पुलिस खासकार लोगों का लगा रहता है थाने में जमावाडा
कानपुरः अर्पण कश्यप। शहर के दक्षिणी इलाके में चोरों ने खूब धमाचैकड़ी मचा रखी है। लोग अपने घरों में ताला लगाकर बाहर जाने में डर रहे हैं। वही पुलिस की मुस्तैदी तो इसी बात से पता लग रही कि चैकी से चंद कदम दूरी पर ही एटीएम काटा जा रहा था और पुलिस को भनक तक नही। नौबस्ता, बर्रा, बाबूपुरवा गोविन्द नगर क्षेत्र में रोज चोरी व चैन लूट की घटनायें हो रही। वही पुलिस की माने तो रोज अपराधी पकड़ कर प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनी पीठ थपथपा रही है। शुक्रवार रात भी बर्रा के एक घर में घुसे चोरों ने पैंट में रखी पर्स ही पर हाथ साफ कर पाये थे तभी आहट होने से परिवार जाग गया जिससे शोर मचाने पर चोर भाग निकले नौबस्ता मे हाईवे रोड पर एटीएम काटा गया। वही दिन बीत भी न पाया था कि बाबूपुरवा कॉलोनी निवासी एयरफोर्स कर्मी आशीष त्रिपाठी की पत्नी अंकिता शनिवार शाम किदवई नगर एम ब्लॉक अपने मायके में बेटे अक्षत को छोड़कर खरीदारी करने मां किरन बाजपेई के साथ बाजार गई थीं। खरीदारी करने के बाद दोनों लौट ही रही थीं।

Read More »

ठण्ड के चलते एमपी बिरला ग्रुप ने वितरित किये कम्बल

रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। रिलायन्स सीमेंट कम्पनी प्रा0लि0 (एम0पी0 बिरला ग्रुप) द्वारा ठन्ड को ध्यान में रखते हुये कम्बल वितरण कार्यक्रम किया गया, जिसमें परियोजना के आसपास के गांवों के गरीब और जरूरत मंद लोगों एवं परियोजना में काम करने वाले लेबरों को कम्बल वितरण किये गये। रिलायन्स सीमेन्ट सी0एस0आर0 के अन्तर्गत गरीबों के हित में काम करती रही है। परियोजना प्रमुख हरीभानु सिंह परिहार के मार्ग दर्शन में कार्यक्रम की शुरुआत सी0एस0आर0 विभाग के प्रमुख नवीन काकड़े ने की। कार्यक्रम मंे मुख्य रूप से जयंत कंडपाल, संजीव मिश्र, हरवंश मिश्र, अनुराग सिंह, के0के0 बरनवाल, सुनील गुप्ता, विवके सक्सेना आदि लोग उपस्थित रहे।

Read More »