Sunday, November 24, 2024
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प्रथम 6 माह में अभी तक का सर्वाधिक कोच उत्पादन

पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी आरएन तिवारी ने बताया कि आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना, रायबरेली में वित्तीय वर्ष 2024-25 में अप्रैल 2024 से सितंबर 2024 तक प्रथम 6 माह में कुल 873 कोच का उत्पादन किया गया जो आरेडिका के अभी तक का प्रथम 6 माह का सर्वाधिक उत्पादन हैै।
इन 873 कोचों में दीनदयालु, स्लीपर और वातानुकूलित शामिल हैं। इस वित्तीय वर्ष दीनदयालु के 122 कोच, 3एसी के 211 कोच, 3एसी इकोनोमी के 210 कोच, 2एसी के 60 कोच, स्लीपर के 85 कोच तथा अन्य कोच शामिल हैं। 2024-25 के प्रथम 6 माह में 3एसी के 211 कोचों का निर्माण किया गया है जो पिछले वर्ष 2023-24 में प्रथम 6 माह में बने 19 कोचों से लगभग 13 गुना अधिक है।

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आरेडिका ने डकौली गाँव में किया ग्राम चौपाल का आयोजन

रायबरेली। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना रायबरेली के कर्मिक विभाग द्वारा स्वच्छता पखवाडे के तहत (स्वच्छता ही सेवा मिशन 4.0) आरेडिका के आस-पास के गाँवों में स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में ग्राम चौपालों का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को डकौली गाँव में ग्राम चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया गया। इस ग्राम चौपाल में बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों, एवं किसानों ने भाग लिया।

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सर्विस इंप्रूवमेंट ग्रुप की टीम ने आगरा छावनी रेलवे स्टेशन का किया निरीक्षण

आगरा: श्याम बिहारी भार्गव। आगरा छावनी रेलवे स्टेशन पर मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल के मार्गदर्शन में व अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) प्रनव कुमार के नेतृत्व में सर्विस इंप्रूवमेंट ग्रुप टीम के द्वारा स्टेशन के एक सिरे से दूसरे सिरे तक निरीक्षण किया। जिसके अंतर्गत स्टेशन, फ़ूड प्लाजा, प्रतीक्षालय कक्ष, प्लेटफॉर्म, कैटरिंग स्टाल, बुकिंग ऑफिस, सर्कुलेटिंग एरिया, रिजर्वेशन ऑफिस, पे एंड यूज शौचालय व वाटर बूथ आदि का गहन पूर्वक निरीक्षण किया व उसके बारे में दिशा-निर्देश दिए एवं जिस बिन्दुओं पर इंप्रूवमेंट की जरूरत थी उसको संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। यात्री सुविधाओं के रखरखाव और उन्हें बेहतर बनाने हेतु मंडल के अधिकारियों द्वारा स्टेशन पर कार्यरत निरीक्षक एवं पर्यवेक्षकों को काउंसिल किया गया व स्टेशन की साफ़ दृसफाई उच्च स्तरीय बनाये रखने हेतु विशेष जोर दिया गया। स्टेशन में जो भी कमियां और जरूरत है उसे दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाते है।

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नव रात्रि पर मिलावटी खाद्य पदार्थ की रोक थाम हेतु प्रवर्तन दल की छापेमारी

मथुरा: श्याम बिहारी भार्गव। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उ0 प्र0 लखनऊ एवं जिलाधिकारी महोदय मथुरा के निर्देश के क्रम में नवरात्र एवं अन्य पर्वाे के अवसर पर मिलावटी खाद्य एवं पेय पदार्थाे के विक्रय पर प्रभावी रोकथाम विशेषकर कुट्टू का आटा, सिंघाडे़ का आटा, सूखे मेवे, मूंगफली, साबूदाना, रामदाना व अन्य फलाहार आदि की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु की गयी प्रवर्तन कार्यवाही के तहत विभिन्न प्रतिष्ठानों/स्थलों का निरीक्षण करते हुए नमूने संग्रहित किये गये।
संग्रहित नमूनो का विवरण निम्नवत् है-
अमर कॉलोनी गोवर्धन रोड से साबूदाना के दो नमूने, राधा वैली कॉलोनी से घी का एक नमूना, बसंत विहार कॉलोनी गोवर्धन चौराहे से पनीर का एक नमूना, धोली प्याऊ से सरसों के तेल का एक नमूना, सरायशाही कोसीकला से सरसों के तेल का एक नमूना, साबूदाने के दो नमूने, मुनक्का का एक नमूना और थाना रोड कोसीकला से कुट्टू के आटे का एक नमूना नियमानुसार संग्रहित किया गया।

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विधिक जागरूकता कार्यक्रम ‘विधान से समाधान’ का किया आयोजन

चकिया, चन्दौलीः दीप नारायण यादव। महिलाओं एवं बालिकाओं की पहचान एवं सम्मान के निहितार्थ मेगा कार्यक्रम ‘अनन्ता’ महिलाओं एवं एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से महिलाओं के हितार्थ विधिक जागरूकता कार्यक्रम ‘विधान से समाधान’ का आयोजन संयुक्त रूप से ग्राम्या संस्थान एवं महिला कल्याण विभाग, चंदौली द्वारा चकिया ब्लॉक सभागार में किया गया। कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव विकास वर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहभागिता रहीं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में चकिया तहसील के तहसीलदार, महिला कल्याण विभाग से डीपीओ प्रभात कुमार, जिला बाल संरक्षण समिति के सदस्यों धर्मेद्र, ताहिर, चकिया विकास खण्ड के बीडीओ, आईसीडीएस विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभाग के अधिकारीगणों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति रही।ग्राम्या संस्थान से संस्था प्रमुख बिन्दु सिंह एवं टीम सदस्यों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में बालिकाओं द्वारा अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके साथ ही बालिकाओं ने ‘संविधान प्रस्तावना’ पर रचित गीत, बेटी हूं मैं बेटी मैं तारा बनूंगी, मनमानी करेंगे हम आज, खुद से वादा कियाश् जैसे गीत प्रस्तुत किए। महिला कल्याण विभाग की मुख्य योजनाओं जैसे स्पॉन्सरशिप योजना, बाल सेवा योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, कन्या सुमंगला योजना इत्यादि के बारे में जानकारी दी।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य द्वारा पात्र श्रेणी वाले लोगों को निःशुल्क न्यायिक सेवा के बारे में, लोक अदालत के द्वारा मामलों के निपटारे के बारे में जानकारी दी।

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NHAI ने तोड़ डाला सार्वजनिक प्रसाधन, लोगों को हो रही परेशानी

पवन कुमार गुप्ताः ऊंचाहार, रायबरेली। तहसील ऊंचाहार के अधिवक्ताओं ने तहसील ऊँचाहार के गेट की बाउण्ड्री से सटकर बने सार्वजनिक सुलभ शौचालय को एन एच ए आई द्वारा गिरा दिया गया है जिससे वादकारी, अधिवक्तागण और आम जनमानस को प्रसाधन में परेशानी उत्पन्न हो गयी है। अधिवक्ताओं ने एसडीएम ऊंचाहार सिद्धार्थ चौधरी को ज्ञापन सौंपकर यह कहा कि अपने स्तर से एन एच ए आई को निर्देशित करके उक्त सार्वजनिक शौचालय तोड़ दिए जाने के एवज में तहसील परिसर के अन्दर एक सुलभ शौचालय / सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करा दिया जाए।
जिससे आम जनमानस, अधिवक्तागण, वादकारीगण को प्रसाधन की परेशानी न हो।
उपजिलाधिकारी ऊंचाहार सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में अधिवक्तागण, आने वाले आमजनमानस व वादकारी को प्रसाधन की हो रही असुविधा को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है।

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ऋषि परम्परा के उद्योगपति रतन टाटा

रतन टाटा आजाद भारत में उद्योग जगत के ऐसे नायक कहें या महानायक थे जिन्हें हर कोई स्नेह करता था। वे 86 साल के थे, उनका जाना दुखी करता है लेकिन उनका जीवन कभी भी शोक का क्षोभ का कारण नहीं रहा । क्योंकि उनके हिस्से में यश-कीर्ति के अलावा कुछ और था ही नहीं। वे अपयश से कोसों दूर रहे। जो उनसे मिला वो भी और जो उनसे नहीं मिला वो भी रतन टाटा का मुरीद था।
मैं रतन टाटा से कभी नहीं मिला,लेकिन मुझे ऐसा प्रतीत होता था कि वे हमारे घर के ही बुजुर्ग सदस्य हैं। वे न हमारी जाति के थे और न बिरादरी के ,फिर भी अपने से थे। वे पारसी थे ,ये बहुत कम लोग जानते होंगे,क्योंकि उन्होंने कभी अपने पारसी होने का डंका नहीं पीटा । हिन्दुस्तान के बच्चे -बच्चे की जुबान पर रतन टाटा का नाम था । आखिर क्यों न होता? एक जमाने में टाटा उद्योग समूह ने भारतीयों के लिए छोटे से लेकर बड़े उपभोक्ता सामिन का गुणवत्ता के साथ निर्माण किया और जन-जन तक उसे पहुंचाया। रतन टाटा दरअसल आज के भारत में एक अपवाद थे, जो उद्योगपति होते हुए भी सादगी पसंद थे। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है । उनके जीवन के तमाम ऐसे किस्से हैं जो आपको चौंकाएंगे भी और प्रभावित भी करेंगे।
आज के युग में जहाँ कोई भी उद्योगपति विवादों से परे नहीं है । विवाद भी ऐसे जो कि जो आपको हैरान भी करें और दुखी भी। लेकिन रतन टाटा इन सबसे बचे रहे। कैसे बचे रहे ये शोध का विषय हो सकता है। रतन टाटा को हालाँकि भारतरत्न अलंकरण नहीं मिला लेकिन वे थे तो भारतीय उद्योग जगत के रतन ही। उनकी चमक दमक आखरी वक्त तक कायम रही । उनका नाम सड़क से संसद तक सम्मान के साथ ही लिया गया । कभी किसी भी सरकार के साथ उनकी न नजदीकी रही और न दूरी। किसी सरकार को उनकी वजह से और उन्हें किसी सरकार की वजह से न विवादित होना पड़ा और न अपमानित। उन्हें लेकर संसद में कभी कोई उत्तेजक बस नहीं हुई ।
रतन टाटा को ईश्वर ने बेहद खूबसूरत बनाया था। वे यदि उद्योगपति न होते और फ़िल्मी दुनिया में काम कर रहे होते तो शायद वहां भी उनका स्थान शीर्ष पर ही होता । रतन जी खास होकर भी हमेशा आम आदमी कि बारे में सोचते थे। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के छोटे बेटे की कल्पना से जैसे सबसे सस्ती पारिवारिक कार मारुति-800 का जन्म हुआ था उसी तरह रतन टाटा ने भी एक लाख की कीमत वाली नैनो कार का निर्माण कराया और आम आदमी के कार वाले सपनों में रंग भरे थे। नैनो को मारुति-800 जैसा प्रतिसाद नहीं मिला लेकिन उनकी सोच को प्रणाम किया गया और उसे एक कीर्तिमान की तरह हमेशा याद किया जाएगा।
रतन टाटा अविवाहित थे, क्यों थे इसकी एक अलग कहानी है।

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देवी में निहित श्रृद्धा

शक्ति आराधना पर्व शारदीय नवरात्रि समापन की ओर है। हमने नौ दिवस माता के प्रत्येक रूप की महिमा एवं स्वरूप का गुणगान किया है। नौ दिन माँ ही हमारे लिए सर्वस्व रही है। प्रत्येक कन्या आदिशक्ति दुर्गाजी का प्रतिरूप है, जिसमें सृजन की शक्ति है जो सदैव परिवार के लालन-पालन, भरण-पोषण के लिए समर्पित रही है। जगतमाता जगदंबा ने प्रत्येक प्राणी को अपनी ममता की छाव प्रदान की है। सभी को संतति मानकर स्नेह और प्रेम से सींचा है। कन्या पूजन के समय हम कन्याओं को देवी का प्रत्यक्ष स्वरूप मानकर पूजते है, पर उस शक्ति स्वरूपिणी देवी की उत्कंठा, प्रताड़ना, भय, संत्रास, घुटन एवं पीड़ा हमें वर्ष भर दर्शनीय नहीं होती। भ्रूण हत्या के समय हम उस मातृ शक्ति को स्मरण रखना भूल जाते है। बलात्कार के समय हम उस देवी के आशीर्वाद, उसकी प्रार्थना, ध्यान, अर्चना एवं उसकी सृजन शक्ति सभी को नगण्य मानते है।
नारी की विशालता का वर्णन तो असंभव है। प्रत्येक स्वरूप में नारी ने उत्कृष्टता, समर्पण, श्रृद्धा, निष्ठा, त्याग एवं प्रेम को प्रदर्शित किया है। जब सीता बनी तो अपनी पवित्रता के लिए अग्निपरीक्षा दे दी। सावित्री बनी तो अपने पति के प्राणों के लिए निडर होकर यमराज के समक्ष प्रस्तुत हुई। राधा बनी तो प्रेम की उत्कृष्टता को दर्शाया। सती बनी तो पति सम्मान में देह त्याग दी। मीरा बनी तो सहर्ष विष का प्याला ग्रहण किया। लक्ष्मी बनी तो नारायण के चरण दबाकर सेवा का महत्व समझाया। उर्मिला बनी तब वियोग की पीड़ा को सहन किया। शबरी बनकर प्रभु के प्रति अगाध श्रृद्धा एवं भक्ति भाव को दर्शाया। भगवान शिव माता गंगा को शीश पर धारण करते है। वे नारी के प्रति सम्मान को बताते है। सीता स्वयंवर में नारी की स्वेच्छा को कितना महत्वपूर्ण बताया गया है।
आज पुनः महिषासुर रूपी राक्षस का आतंक, क्रूरता एवं भय दृष्टिगोचर हो रहा है। माता की पूजा शक्ति आराधना पर्व में तो हमने पूर्ण पवित्रता रखी है, परंतु हमारे विचार कलुषित हो गए है। वात्सल्य रूपी माँ भगवती को आज दैत्य शुंभ-निशुंभ एवं रक्तबीज का वध करना होगा। आज का मानव पुनः दानव में परिवर्तित होता नजर आ रहा है, जो स्त्री की गरिमा, निष्ठा एवं सम्मान का हनन कर रहा है, जिसके कारण दुर्गा रूपी कन्या का हृदय दहल गया है, जिससे शक्ति की आराधना करने वाले समाज में नारी स्वयं को असुरक्षित अनुभव करती है।
माँ के स्वरूप में आदि-अनंत, सृजन-विनाश, क्रूर-करुणा एवं काल सब कुछ व्याप्त है, तो माँ के इस स्वरूप के दर्शन हमें सदैव प्रत्येक नारी में करने चाहिए और कन्या के प्रति अपने विचारों को दिव्यता प्रदान करनी चाहिए।

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स्वस्थ समाज के लिए मानसिक विकारों से छुटकारा जरूरी है : डॉ अमरीन

कानपुरः स्वप्निल तिवारी/अखिलेश सिंह। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कानपुर प्रेस क्लब में एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सल रिलीफ ऐड (AURA) ट्रस्ट की संस्थापक डॉ0 अमरीन फातिमा ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया, ‘‘ AURA ट्रस्ट के बैनर तले ट्रस्ट के सदस्यों के सहयोग से जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अनेक बच्चों को नशे की लत से छुटकारा दिलाया गया है और निरन्तर छुटकारा दिलाया जा रहा है। इसके साथ ही कई लोगों को मानसिक विकारों से उबारने का काम किया है।’’
डॉ0 फातिमा ने यह भी बताया कि संस्था का उद्देश्य है कि लोगों के बेहतर जीवन के लिए कार्य करना है। इस मौके पर उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर किसी को मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है तो वह कभी भी मुझसे या ट्रस्ट के सदस्यों से सम्पर्क कर सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोगो को अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। भावनात्मक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाये रखना चाहिए, क्योंकि आत्महत्या का एक कारण यह भी है। आये दिन देखने को मिल रहा है कि मानसिक अस्वस्थता के चलते लोग आत्महत्यायें कर रहे हैं।

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सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी मराठी भाषा तथा तत्त्वज्ञान अध्ययन केंद्र का कुलपति ने किया निरीक्षण

वर्धा: जन सामना डेस्क। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के रिद्धपुर (अमरावती) स्थित सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी मराठी भाषा तथा तत्त्वज्ञान अध्ययन केंद्र पर संचालित करने हेतु प्रस्‍तावित पाइलेट परियोजना के संचालन हेतु आवश्यक व्यवस्था आदि का निरीक्षण करने के लिए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने कुलसचिव प्रो. आनंद पाटील के साथ 8 अक्‍टूबर 2024 को केंद्र का औचक दौरा किया। इस अवसर पर महानुभाव पंथ के अध्‍येता मोहन बाबा कारंजेकर, सद्य स्थापित मराठी भाषा विद्यापीठ के प्रथम कुलपति प्रो. अविनाश आवलगांवकर एवं महंत राजधर वाईंदेशकर बाबा उपस्थित रहे।
निरीक्षण के क्रम में सबसे पहले चक्रधर स्‍वामी की प्रतिमा पर पुष्‍प अर्पित किया गया और केंद्र का निरीक्षण किया गया। इसके उपरांत कुलपति प्रो. सिंह ने मोहन बाबा कारंजेकर एवं डॉ. अविनाश आवलगांवकर का स्‍वागत पुष्‍पगुच्‍छ एवं अंगवस्‍त्र प्रदान कर स्वागत किया। इस अवसर पर मोहन बाबा कारंजेकर ने कहा कि सभी भारतीय भाषाओं का अध्‍ययन, अध्‍यापन हो इस विचार से विश्‍वविद्यालय के रिद्धपुर केंद्र की स्‍थापना की गई। रिद्धपुर में संतों द्वारा लिखे गए 4500 दुर्लभ ग्रंथों की पांडुलिपियाँ मौजूद हैं। इस ग्रंथ संपदा का सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद कर देश-दुनिया में पहुँचाना आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि मराठी भाषा की दृष्टि से रिद्धपुर ऐतिहासिक महत्त्व का स्थान है और यहाँ विश्‍वविद्यालय का केंद्र स्‍थापित होना हम सभी के स्‍वाभिमान का विषय है।

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