चौरई: छिंदवाड़ा: जन सामना डेस्क। हमारी संस्कृति एवं परंपरा हर व्यक्ति के लिए एक धरोहर होती है, इसे संयोजकर रखना हम सब की जिम्मेदारी है। 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाना हम सब के लिए बड़ा गौरव का विषय है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस दिवस को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाने हेतु घोषणा भी कर दी है, संस्कार और संस्कृति के बिना हम अच्छे नागरिक नहीं बन सकते और उसके बिना अच्छे राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता है। बच्चों में संस्कारों के बीजारोपण के लिए 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाने एक सराहनीय पहल है। कपड़ा बैंक, सेवा सहयोग संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा 14 फरवरी मातृ-पितृ दिवस के रूप मे मनाया गया।
प्राथमिक शाला खुट-पिपरिया चौरई में सनातन संस्कृति गुरुकुल की परम्परा बच्चों को माता-पिता गुरुजनों के आदर्शों पर चलने की परम्परा को कपड़ा बैंक के संथापक राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमलता महेश भावरकर के मार्गदर्शन में एवं शाला परिवार ने मिलकर बच्चों के मन मे संस्कार के बीज अंकुरित करने का प्रयास किया। कपड़ा के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में उपस्थित स्कूली बच्चों के माता एवं पिता को पुष्प भेंट के सभी का सम्मान एवं वंदन किया।
कार्यकर्ता श्याम कोलारे ने बताया कि कपड़ा बैंक राष्ट्रीय सचिव सोनू विनोद पाटिल की गरिमामयी उपस्थिति में ब्लॉक अध्यक्ष स्वाति श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष दीपा राय, संगठन प्रभारी सोनम शर्मा, कोषाध्यक्ष सिंधु राय, विशेष सलाहकार समिति मिथलेश मलानी,उमा सोनी, सह सचिव राधा मालवी निर्मला ठाकुर, सरपंच संजय डेहरिया, शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष राजेश रघुवंशी, प्रधान पाठक संगीता शर्मा, शिक्षक अवधेश भलावी, कपड़ा बैंक की परम शुभ चिंतकप मनीषा शर्मा जी के विशेष सहयोग रहा एवं प्यारे बच्चों के उत्साह पूर्वक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी आगन्तुकों का मोह लिया।