भारत के किसी हिस्से में पहली बार कार्बन न्यूट्रल पंचायत होगी, सारे रिकॉर्ड डिजिटल होंगे! पीएम द्वारा एक क्लिक के जरिये देश की अच्छी पंचायतों को अवॉर्ड मनी भी वितरित की जाएगी
गोंदिया – भारत विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र और 135 करोड़ जनसंख्यकीय शक्ति का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा देश है। बड़े बुजुर्गों की कहावत है कि एक और एक ग्यारह बस!! इन चार शब्दों में, एक छोटे से कस्बे से लेकर वैश्विक स्तर पर किसी भी क्षेत्र में काम करने की सफ़लता की कुंजी समाई हुई है, जिसने समझकर इसे क्रियान्वित किया समझो आधुनिक प्रौद्योगिकी युग में सफलता के झंडे गाड़े!! जिसे आज के युग में विकेंद्रीकरण की संज्ञा दी गई है। यूं तो हर स्तरपर हर क्षेत्र में यह हो सकता है परंतु चूंकि 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस है इसलिए हम आज राजनीतिक शक्ति के विकेंद्रीकरण की बात करेंगे।साथियों बात अगर हम इस उत्सव को मनाने की करें तो, हर साल 24 अप्रैल को पूरे देश में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था। इस दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। पूरे देश को चलाने में सिर्फ केंद्र सरकार या सिर्फ राज्य सरकार सक्षम नहीं हो सकती है। ऐसे में स्थानीय स्तरपर भी प्रशासनिक व्यवस्था ज़रूरी है।
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