बीमा सहित वित्त विधेयक, आयकर, सेबी, प्रतिभूति संविदा, सीएसटी, अनेक संशोधन विधेयक दोनों सदनों में पास – जनता को इसमें बहुत लाभ – एड किशन भावनानी
भारत में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से हम पढ़ते, सुनते और देखते आ रहे हैं कि जनता से चुनने के बाद विधायक या संसद जब विधानभवन या संसद में जाता है तो अपना मस्तक संसद की चौखट पर टेकते और नमन करते हैं। यह खुद प्रधानमंत्री महोदय को भी करते हमने देखा था, क्योंकि यह जनता का सबसे बड़ा मंदिर है जहां कानून बनते हैं और उसके आधार पर पूरा भारतवर्ष उस प्रक्रिया अनुसार संचालित होता है, जो सभी पर लागू होता है.. इसी क्रम में वर्तमान बजट सत्र में जिन कानूनों में संशोधन और जिन विधेयकों की घोषणा बजट 2021 में की गई थी उन्हें अब संसद के दोनों सदनों में पास किया गया है।
लेख/विचार
कोरोना संक्रमण से तुरंत सतर्कता, प्रशासन से सहयोग हर नागरिक का कर्तव्य
महामारी अधिनियम का पालन और शासकीय दिशा निर्देशों का पालन, देशव्यापी प्रकोप से बचाने जरूरी – एड किशन भावनानी
वैश्विक स्तर पर जिस तरह भारत सहित कई विकसित देशों ने कोरोना टीकाकरण मुहिम तेजी से चलाने के बावजूद भी कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है, वह काफी चिंता का विषय बना हुआ है विश्व में फिर अनेक देशों ने लॉकडाउन की ओर कदम बढ़ा दिए हैं जिसकी सूचना हमें रोज प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मिल रही है। बात अगर हम भारत की करें,तो यहां भी अभी आठ राज्यों में कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है कोरोना महामारी को लेकर आठ राज्यों – महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और छत्तीसगढ़ने केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। इन्हीं राज्यों में 80 फीसद से ज्यादा केस सामने आए हैं।
प्याले में तूफान? पुलिस कमिश्नर के पत्र से हिल गई महाराष्ट्र सरकार/
महाराष्ट्र सरकार के मुंबई के पुलिस कमिश्नर दलवीर सिंह की पद से हटाए जाने के बाद अचानक ज्ञान और इमानदारी जागृत हुई है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार के ही गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का पुलिंदा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा जिलेटिन कांड के प्रमुख आरोपी सचिन वझे के माध्यम से मुंबई के 1750 शराब के बार तथा उससे संलग्न डांस क्लब से 100 करोड़ों रुपयों की हर महीने रिश्वत की मांग की है। पुलिस कमिश्नर का पत्र बम की तरह फटा और पूरी महाराष्ट्र सरकार पत्ते की तरह हिलने लगी। आठ पेज के पत्र में पुलिस कमिश्नर दलवीर सिंह ने अनेक आरोप लगाए हैं। जिसमें प्रमुख 100 करोड़ के रिश्वत लेने की बात का प्रमुखता से उल्लेख किया है पद से हटाए जाने के बाद ही पुलिस कमिश्नर ने अपना मुंह खोला, इसके पहले किन कारणों से वह चुप थे। यह तो वही बता पाएंगे| क्या वे सरकार के दबाव में थे। या वह भी इस भ्रष्टाचार के सहयोगी थे। और हटाए जाने के बाद क्रोधित होकर इस तरह का पत्र लिखने के लिए आमादा हो गए हैं। इसी परिपेक्ष में शरद पवार दिल्ली कूच कर गए। और उन्होंने अपनी कार्यसमिति की बैठक भी बुला ली हैं।उद्धव ठाकरे ने अपने खास सिपहसलार सांसद संजय राउत को इस बैठक में शामिल होने भेजा है। संजय राउत ने माना है और अपने बयान में की कहा कि सरकार पर कालीमा के छीटें तो पड़े हैं, पर सरकार को ऐसा दोबारा नहीं करना चाहिए,मतलब वह मानते हैं की भ्रष्टाचार तो हुआ है।
Read More »नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी 2021 का ऐलान – प्रदूषण कम होगा
आम जनता से सुझाव के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा
प्रदूषण रोकने हर स्तर पर सख्त कदम व आधुनिक तकनीकी का प्रयोग जरूरी – एड किशन भावनानी
भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री द्वारा गुरुवार दिनांक 18 मार्च 2021 को लोकसभा में नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी 2021 का ऐलान किया गया और कहा कि इस नई पॉलिसी से सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी और पेट्रोल डीजल की खपत कम होगी और तेल आयात में कमी आएगी और नई स्क्रैप पॉलिसी 2021, कई विकसित देशों के विश्वसनीय मानकों के आधार पर तैयार की गई है इसमें और भी आम जनता से सुझाव प्राप्त करने के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा, ताकि जनता अपने बहुमूल्य सुझाव दे सके। इस पॉलिसी के समर्थन में बताया गया कि इसको लागू होने से पुराने वाहन धीरे धीरे हट जाएंगे क्योंकि पुराने वाहन, नएवाहनों की अपेक्षा, 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषण करते हैं।
संयुक्त परिवार ख़ुशहाली का एक बाग – सौभाग्य और समुन्नती का द्वार
समुचित विकास के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक, मानसिक सुरक्षा का वातावरण आवश्यक है जो संयुक्त परिवार से मिलता है – एड किशन भावनानी
भारत में दशकों पूर्व के जीवन में अगर आ जाए तो हमारे अतीत ने हमें समाह अर्थात संयुक्त में रहना सिखाया है, क्योंकि हम कबीलों के नबों में और संयुक्त परिवार में जिए हैं। पूर्व से ही हर समाज, जाति, धर्म में सहपरिवार ही अक्सर दिखाई देते थे जिन्हें कुनबे का नाम दिया जाता था परंतु समय का चक्र चलता गया और हर कुनबा यूंही बिखरता चला गया कि पता ही नहीं चला। आधुनिकता का एक ऐसा दौर आया कि सब बह कर चला गया, परंतु आज भी अगर हम गहराई से देखेंगे तो, अपने आसपास ही ऐसा कुनबा या सहपरिवार जरूर हमें मिलेगा जो उसी पूर्वकाल की तर्ज पर संयुक्त परिवार या कुनबा की तरह एक होगा
देश की प्रमुख नदियों का स्वच्छ होना अनिवार्य है
हमारे देश में गंगा और यमुना आदि पवित्र नदियों का केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि देश की 40 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या इन नदियों पर आर्थिक रूप से भी निर्भर है। गंगा, यमुना व अन्य प्रमुख नदियों को साफ करने के लिए अनेकों सामाजिक अभियान व सरकारी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, अरबों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, फिर भी हमारे देश की इन प्रमुख नदियों का प्रदूषण कम नहीं हो रहा और इनकी हालत बद से बदतर होती जा रही है। जब देश की प्रमुख नदियों का ये हाल है तो छोटी नदियों के बारे में क्या कहना। हमारी सरकारें इनको स्वच्छ करने के लिए अनेकों घोषणाएं करती हैं, अनेकों योजनाएं बनाती हैं, किंतु उन्हें सफलतापूर्वक कार्यान्वित नहीं कर पातीं और इसी का परिणाम है कि हमारे देश की आस्था और संस्कृति की प्रतीक ये नदियां आज नष्ट होने की कगार पर हैं। दिल्ली में यमुना नदी एक गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है। बढ़ती जनसंख्या और बढ़ते औद्योगीकरण ने नदियों को अत्यधिक प्रदूषित कर दिया है।
कृषि भूमि से बेदखल करने पर रोक लगाने हाईकोर्ट के आदेश की अवज्ञा – जिला कलेक्टर को अवमानना का दोषी ठहराया – तीन माह की सजा व जुर्माना – हाईकोर्ट
कार्यपालिका व न्यायपालिका के आदेशों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य व बाध्यता – अवज्ञा पर नियमानुसार कार्यवाही ज़रूरी – एड किशन भावनानी
भारत विश्वप्रसिद्ध सबसे बड़ा लोकतांत्रिक और संविधान के अनुसार चलने वाला देश है और यही इसकी खूबसूरती विश्वप्रसिद्ध है। हम सब जानते हैं कि भारत में अनेक संवैधानिक संस्थाएं, एजेंसियां, आयोग हैं जो अपने अपने कर्याअधिकार क्षेत्र में संवैधानिक अनुच्छेदों, सांसद व विधायका द्वारा बनाए गए कानूनों के आधार पर चलकर भारत में संवैधानिक ढांचे को मजबूती व बल प्रदान करते हैं यही इन संवैधानिक संस्थाओं की खूबसूरती भी है और नागरिकों का भी कर्तव्य बनता है कि इन संवैधानिक संस्थाओं को संविधान व कानूनों का पालनकरने,उनके अनुसार चलने में सहयोग व बाध्यता प्रदान करें परंतु यदि जिन पर जवाबदारी है और वह ही संविधान और कानूनों के अनुरूप नहीं चलेंगे तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी और जनता का विश्वास उठ जाएगा।
आधुनिक तकनीक से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
देश भर में बोर्ड परीक्षाओं की घोषणा के साथ ही वर्तमान शिक्षण सत्र समाप्ति की ओर है। आज़ाद भारत के इतिहास में यह पहला ऐसा सत्र है जो स्कूल से नहीं बल्कि ऑनलाइन संचालित हुआ है। दरअसल कोरोना काल वाकई में सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है, हमारे बच्चों के लिए भी, उनके शिक्षकों के लिए भी और उनके अभिभावकों के लिए भी।
लेकिन इसके बावजूद आज अगर हम पीछे मुड़कर बीते हुए साल को एक सकारात्मक नज़रिए से देखें तो हम कह सकते हैं कि कोरोना काल भले ही हमारे सामने एक चुनौती के रूप में आया हो परन्तु यह काल अनजाने में शिक्षा के क्षेत्र में हमारे छात्रों के लिए अनेक नई राहें और अवसर भी लेकर आया है।
चेक बाउंस मामला – सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित निपटारे के लिए कदमों पर विचार के लिए समिति का गठन किया
चेक बाउंस पीड़ितों के लिए राहत की खबर – किस्तों पर सामान लेकर एडवांस चेक देने का प्रचलन हाल में बड़ा हैं – एड किशन भावनानी
भारत में डिजिटल भुगतान सिस्टम इन दिनों हर कोई अपना रहा है, यह एक आसान और सुविधाजनक प्रक्रिया है। डिजिटल भुगतान सिस्टम का उपयोग कोई भी किसी भी समय और कही सें भी कर सकता है। भले ही डिजिटल भुगतान सुविधा को लोग आज सबसे ज़्यादा अपना रहे हैं, लेकिन हमें उस प्रक्रिया के बारे में नहीं भूलना चाहिए जिस प्रक्रिया से डिजिटल भुगतान प्रणाली के आने से पहले ऑफलाइन एक बैंक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में फंड ट्रांसफर किया जाता था।
जनता की लापरवाही, परेशान सरकार, करोना संक्रमण फिर?
करोना संक्रमण की वैश्विक स्थिति देखें तो करोड़ों लोग इस बीमारी से संक्रमित होकर लाखों लोग इस संक्रमण से ग्रसित होकर ईश्वर को प्यारे हो गए हैं। भारत के संदर्भ में 131 करोड़ की जनसंख्या वाला देश मैं कोविड-19 की पहेली लहर के बाद नियंत्रण में आ गया था। लेकिन इतनी बड़ी जनसंख्या को समझाना एवं उपचार करना देश के लिए एक दुष्कर कार्य था। पर केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों के भागीरथ प्रयास से इस पर नियंत्रण कर लिया गया था। इसी दौरान भारत के वैज्ञानिकों द्वारा कोविड-19 के संक्रमण की दो वैक्सीन का इजाद कर लोगों को काफी राहत दिलवाई एवं वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से भारत में होने लगा,वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की गाइडलाइंस पर काम करते हुए लोगों ने संयम बरतकर मास्क पहने भीड़ में ना जाने और लगातार हाथ धोने के चलते अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम लोगों को संक्रमण झेलना पड़ा, किंतु फिर निश्चिंत होकर कोविड-19 के संक्रमण की वैक्सीन के इजाद के बाद लापरवाही के चलते करोना संक्रमण तेजी से भारत में फैलने लगा है।
Read More »