Sunday, June 8, 2025
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लेख/विचार

न्यायिक व्यवस्था में मिसाल बनेंगे न्यायमूर्ति रमना ! – योगेश कुमार गोयल

महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की स्वीकृति के बाद न्यायमूर्ति नथालापति वेंकट रमना भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) होंगे। 64 वर्षीय जस्टिस रमना 24 अप्रैल को देश के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे। दरअसल मौजूदा मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े का कार्यकाल 23 अप्रैल को पूरा हो रहा है और अपने उत्तराधिकारी के रूप में उन्होंने पिछले महीने न्यायमूर्ति एनवी रमना के नाम की सिफारिश की थी। नियमानुसार मौजूदा मुख्य न्यायाधीश अपनी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले केन्द्रीय कानून मंत्री को एक लिखित पत्र भेजकर नई नियुक्ति के लिए सिफारिश करते हैं। कानून मंत्री सही समय पर मौजूदा मुख्य न्यायाधीश से उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगते हैं और मुख्य न्यायाधीश नियमानुसार प्रायः उच्चतम न्यायालय के सबसे वरिष्ठ जज के नाम की सिफारिश भेजते हैं। अनुशंसा पत्र मिलने के बाद कानून मंत्री इसे प्रधानमंत्री के समक्ष रखते हैं, जिनकी सलाह पर राष्ट्रपति नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं। चीफ जस्टिस ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में जस्टिस एनवी रमना को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के लिए सबसे उपयुक्त बताया था।

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खेतों में तैयार खड़ी फसलों में, आग लगना चिंता का विषय – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंथन जरूरी

जंगलों और फसलों में आग से पर्यावरण व किसानों को भारी क्षति – रणनीति बनाना जरूरी – एड किशन भावनानी
वैश्विक स्तर पर अनेक समस्याएं होती है, जो किसी एक देश, राज्य या व्यक्ति के लिए नहीं होती बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए होती है जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मिट, सम्मेलन होते हैं। जिसमें उस विषय पर वैश्विक स्तर के नेता, विशेषज्ञ व बड़े अधिकारी शामिल होते हैं और विचारविमर्श कर रणनीति और उसका रोडमैप तैयार किया जाता है। जैसे जलवायु परिवर्तन शिखरसम्मेलन महामारी, मानवाअधिकार, इसके अनेक विषय हैं।… बात अगर हम अनेक देशों में जंगलों में आग लगने की करें तो यह घटनाएं अभी हालके कुछ वर्षों या दशकों में काफी बढ़ी हुई अवस्था में हैं।

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बेहद चिन्ताजनक है कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर

तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के आंकड़े एक बार फिर देश की रफ्तार पर ब्रेक लगा सकते हैं। मुख्यमन्त्रियों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने देश में पुनः लॉकडाउन की सम्भावना को भले ही सिरे से खारिज कर दिया हो परन्तु कोरोना संक्रमितों की संख्या का आंकड़ा जिस गति से बढ़ रहा है वह बेहद चिन्ताजनक है। स्वास्थ्य मन्त्रालय द्वारा 9 अप्रैल की सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार 24 घण्टे में 1,31,968 नये मामले सामने आये और 780 लोगों की मृत्यु हो गयी। इस तरह से देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या एक 1,30,60,542 हो गयी है। जो निरन्तर बढ़ रही है। वहीं कोविड-19 से अब तक मरने वालों का आंकड़ा 1,67,642 पर पहुँच गया है। यद्यपि इस बीमारी से लड़कर ठीक होने वालों की संख्या भी 1,19,13,292 हो गयी है। जो राहतकारी है परन्तु सन्तोषजनक नहीं है। शोध से पता चला है कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ज्यादा शक्तिशाली और जानलेवा है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से पार कर सकता है। इसलिए अब नौजवानों के लिए भी कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

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वंचित तबके की अवहेलना का कड़वा सच

भारतीय इतिहास सैदव ही अनूठा रहा है और इसकी विशेषताओं में भी एक ऐसा मिश्रण रहा है जो विश्व के अन्य देशों से अलग पहचान दिलाता है। दुनिया के देशों में शासन-प्रशासन व्यवस्था के विभिन्न रूप देखे जा सकते हैं और इसी क्रम में भारत की शासन व्यवस्था की बात की जाए तो समय के साथ इसमे भी बदलाव आये हैं, जहां कभी राजतंत्र, निरकुंश तंत्र और अभी लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था रही है। हम स्वंतत्रता के पश्चात् के दौर की बात करते हैं तो संवैधानिक रूप से देश में संसदीय लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था का प्रचलन है परन्तु इसमें भी शासन के विभिन्न रूप देखे जा सकते हैं। भारतीय संविधान भेदभावरहित समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, न्याय की सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक व्यवस्था करता है परन्तु वास्तविकता के धरातल पर इसका व्यावहारिक स्वरूप उससे भिन्न है।

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श्रेष्ठता जन्म से नहीं आती – गुणों के कारण निर्माण होती है

गुण हर व्यक्ति में होता है – बस जरूरत है उसे निखारने की – एड किशन भावनानी
वैश्विक रूप से अगर हम देखें तो भारत संस्कारों की एक खान है, जिसमें अनेक लाजवाब इंटेलेक्चुअल मोती भरे हैं, जो विश्व प्रसिद्ध हैं। आज अगर हम हर क्षेत्र में देखें तो भारत में हमें अच्छे संस्कारों में उपरोक्त व्यक्तित्व भरेमिलेंगे। यह भारत की मिट्टी में ही अच्छे संस्कारों की महक समय हुई है और वातावरण को भरपूर श्रेष्ठ बनाने में सुलभ होती है।.. बात अगर श्रेष्ठता, सौम्यता, बुद्धिमता, कुशलता, नम्रता, काबिलियत और उच्च मानसिक योग्यता की करें, तो किसी ने ठीक ही कहा है कि श्रेष्ठता जन्म से नहीं आती वह तो गुणों के कारण निर्माण होती है। बिल्कुल सच्ची बात और किसी महान व्यक्ति ने यह भी जोड़ा कि दूध, दही, छाश, माखन, सब एक ही कुल के होते हैं, पर सबके मूल्य अलग- अलग होते हैं। वाह क्या बात है! सुंदर बात कही है, यह संस्कारों की एक कड़ी के साथ जुड़ती है,जो भारत देश की मिट्टी से में समाई हुई है।

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विश्व स्वास्थ्य दिवसः दुनिया की आधी आबादी को उपलब्ध नहीं अनिवार्य स्वास्थ्य सुविधाएं, लगातार बढ़ती स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियां

लोगों के स्वास्थ्य स्तर को सुधारने तथा स्वास्थ्य को लेकर प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को वैश्विक स्तर ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने का प्रमुख उद्देश्य दुनिया के हर व्यक्ति को इलाज की अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करानाए उनका स्वास्थ्य बेहतर बनानाए उनके स्वास्थ्य स्तर को ऊंचा उठाना तथा समाज को बीमारियों के प्रति जागरूक कर स्वस्थ वातावरण बनाते हुए स्वस्थ रखना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बैनर तले मनाए जाने वाले इस दिवस की शुरूआत 7 अप्रैल 1950 को हुई थी। और यह दिवस मनाने के लिए इसी तारीख का निर्धारण डब्ल्यूएचओ की संस्थापना वर्षगांठ को चिन्हित करने के उद्देश्य से किया गया था। दरअसल सम्पूर्ण विश्व को निरोगी बनाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन नामक वैश्विक संस्था की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी। जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में है। कुल 193 देशों ने मिलकर जेनेवा में इस वैश्विक संस्था की नींव रखी थी।

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उम्र बढ़ाने के फार्मूले

कहा गया है कि जीवन का सबसे बड़ा सुख निरोगी काया हैए उसके बाद अन्य सुख हैं।क्योंकि यदि किसी व्यक्ति का शरीर ही स्वस्थ नहीं होगा, तो उसके पास चाहे जितनी धन दौलत हो। वह जीवन में सुखी नहीं रह सकता। अतः हमें सबसे अधिक ध्यान अपने स्वास्थ्य पर देना चाहिए। एक अच्छी लाइफ स्टाइल, अच्छे खान.पान और नियमित व्यायाम के द्वारा हम अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि कोई इंसान कितने वर्षों तक जीवित रहता है। इसमें व्यक्ति के डीएनए का योगदान केवल 10ः होता है। बाकी 90% व्यक्ति का लाइफ स्टाइल यानी जीवन जीने की आदतों पर निर्भर होता है। लंबे समय तक जीवन जीने के लिए एक अच्छा लाइफस्टाइल होना बहुत जरूरी है। दुनिया भर की अपेक्षा जापान में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है। वहां पुरुषों की औसत उम्र 81 वर्ष व महिलाओं की औसत उम्र 88 वर्ष है। जापान में लोगों की लंबी उम्र का राज है इकिगाई।इकिगाई नाम के सिद्धांत का मतलब है व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य। हर व्यक्ति के जीवन जीने का तरीका, मान्यताएं एवं विचार अलग.अलग होते हैंए उद्देश्य अलग.अलग होते हैं। ये सिद्धांत व्यक्ति की आत्मा से जुड़े एक दर्पण की तरह होता हैए जो व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा या बुरा असर डालता है अर्थात यदि व्यक्ति के विचार सकारात्मक हैं। वह अपने प्रत्येक दिन की शुरुआत किसी लक्ष्य को पाने की उम्मीद के साथ करता है और अपने परिवार के साथ उसका करीबी संबंध है| तो फिर व्यक्ति का जीवन अच्छा रहेगा और उसकी आयु भी लंबी होगी। इकिगाई सिद्धांत जापान के ओकिनावा से आया हैए जहां 100 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे अधिक है।

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देश की राजनीति की दिशा तय करेंगे पांच राज्यों के चुनाव

वो दल जो केवल हिंदी भाषी राज्यों तक सीमित था आज वो असम में अपनी सरकार बचाने के लिए मैदान में है, केरल तमिलनाडु और पुड्डुचेरी जैसे राज्यों में अपनी जड़ें जमा रहा है तो पश्चिम बंगाल में प्रमुख विपक्षी दल है।
चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जहां पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु में 6 अप्रैल को एक ही चरण में चुनाव होंगे वहीं पश्चिम बंगाल में आठ चरणों तो असम में तीन चरणों में चुनावों का आयोजन चुनाव आयोग द्वारा किया गया है। भारत केवल भौगोलिक दृष्टि से एक विशाल देश नहीं है अपितु सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से भी वो अपार विविधता को अपने भीतर समेटे है। एक ओर खान पान बोली मजहबी एवं धार्मिक मान्यताओं की यह विविधता इस देश को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध तथा खूबसूरत बनाती हैं।

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सावधान? कोरोना के नए वेरिएंट वायरस का आक्रमण

अब सरकार और आम जनता को एकदम सचेत और अत्यंत सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि विदेशों से आने वाले नागरिकों से नए वर्जन के वायेरेंट वायरस मिले हैं। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में देश में आने पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जांच के दौरान ऐसे 10 मरीज मिले हैं, जिनमें नए वेरिएंट के वायरस की पुष्टि हुई है। इसमें महाराष्ट्र से ही 2 मरीज बिल्कुल नए वैरीअंट के करोना पॉजिटिव पाए गए हैं। केंद्रीय सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से बताया कि देश के 18 राज्यों में करोना के कई प्रकार के वैरीअंट मिले हैं, करोना वायरस का एक नया डबल म्युटेंट वैरीयेट प्राप्त हुआ है।

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बीमा क्षेत्र में FDI 74% तक बढ़ाने का विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास – कानून बनेगा

बीमा सहित वित्त विधेयक, आयकर, सेबी, प्रतिभूति संविदा, सीएसटी, अनेक संशोधन विधेयक दोनों सदनों में पास – जनता को इसमें बहुत लाभ – एड किशन भावनानी
भारत में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से हम पढ़ते, सुनते और देखते आ रहे हैं कि जनता से चुनने के बाद विधायक या संसद जब विधानभवन या संसद में जाता है तो अपना मस्तक संसद की चौखट पर टेकते और नमन करते हैं। यह खुद प्रधानमंत्री महोदय को भी करते हमने देखा था, क्योंकि यह जनता का सबसे बड़ा मंदिर है जहां कानून बनते हैं और उसके आधार पर पूरा भारतवर्ष उस प्रक्रिया अनुसार संचालित होता है, जो सभी पर लागू होता है.. इसी क्रम में वर्तमान बजट सत्र में जिन कानूनों में संशोधन और जिन विधेयकों की घोषणा बजट 2021 में की गई थी उन्हें अब संसद के दोनों सदनों में पास किया गया है।

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