Monday, May 6, 2024
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निजी स्कूलों में कॉपी किताबो से लेकर ड्रेस तक में कमीशन का खेल शुरू

♦ कमीशन के खेल में लुट रहे अभिभावक
♦ महगा पड़ रहा अपने बच्चो को पढ़ाना
हाथरस। मोटी फीस और किताबों व स्कूल ड्रेस के नाम पर कमीशनखोरी से अभिभावकों की कमर टूट रही है। उच्च शिक्षा की तो बात क्या है। पढ़ाई की शुरुआत करने वाले बच्चे पर भी इतना खर्च हो रहा है कि घर का दूसरा खर्च एक तरफ और एक महीने की फीस तथा कॉपी किताबो की कीमत एक तरफ। स्थिति किसी से छिपी नहीं है इसके बावजूद विभाग ओर सरकार की खामोशी समझ से परे है। एक तरफ शिक्षा को हर किसी तक पहुंचाने के लिए शिक्षा का अधिकार जैसे कानून लागू हो रहे है और दूसरी तरफ शुरुआत की सामान्य पढ़ाई भी पहुंच से बाहर हो रही है। इन दिनों स्कूलों में दाखिलो का दौर चल रहा है। ऐसे में दाखिला फीस, स्कूल ड्रेस, कॉपी, किताब और बस्ते के खर्च को मिलाकर हिसाब, किताब की जो लिस्ट अभिभावकों को मिल रही है उसे देखकर तो दिन में ही तारे नज़र आ रहे है ओर पैरो के नीचे से जमीन खिसक रही है। नए वर्ष से कई स्कूलों ने फीस भी बढ़ा दी है तो ऐसे में बोझ भी बढ़ना तय है। महंगाई ने पहले ही जीना मुहाल किया हुआ है। ऐसे में शिक्षा के बढ़ते खर्च ने तो हर किसी के होश उड़ा दिए है।
कॉपी, किताबो, ड्रेस में सेट है स्कूल सचालकों का मोटा कमीशन
हरेक स्कूल का किताबो व ड्रेसो की दुकानों से सीधा समझोता है। समझौता कमीशन का है। यही वजह है की स्कूल सचालको ने किताबो व ड्रेसों की दुकानों को बाध रखा है। इस दुकान के अलावा किसी दूसरी दुकान पर किताबे व ड्रेस नही मिल पाएगी। बात चाहे इसमें शहर के नामचीन स्कूलों की हो या फिर दूसरे स्कूलों की। तमाम स्कूल तो अपने ही स्कूल से किताबे व ड्रेस बेच रहे है। कमीशन का खेल इतना गहरा हो गया है की पेन, पेसिल से लेकर पूरा कोर्स खरीदने पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जा रही है। अभिभावकों से वसूली जाने वाली मोटी रकम का हिस्सा स्कूल सचालको की जेब तक पहुंच रहा है।