Friday, September 20, 2024
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जो मनुष्य जन्म और मृत्यु पर विजय प्राप्त कर लेता है, उसी को प्राप्त होता है मोक्षः आचार्यश्री

फिरोजाबाद। भगवान महावीर पंचकल्यानक महोत्सव में अंतिम दिन प्रातः प्रतिष्ठाचार्य सतीश जैन शास्त्री के कुशल निर्देशन में भगवान के जिनाभिषेक पूजन के पश्चात पांडाल में बने विशाल मंच पर भगवान महावीर के जीवन पर अद्भुत दृश्य दर्शाया गया। भगवान महावीर जंगल में एक विशाल पर्वत पर पदमासान मुद्रा में तपस्या करते हैं। अनेकों वर्ष तक ध्यान मग्न तपस्या करते करते कार्तिक माह की अमावस्या को अचानक महा मुनिराज जन्म और मृत्यु पर विजय प्राप्त करके तीर्थंकर भगवान हो जाते हैं। पांडाल में चारों ओर भगवान महावीर के जयकारे लगने लगते हैं, ढ़ोल नगाड़ों से आकाश गूंजने लगता है। सभी श्रद्धालु जन एक दूसरे को बधाई देते हैं। इस अवसर पर आचार्य श्री ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो जीव इस संसार के वैभव को त्याग कर अपनी पांचो इन्द्रिओं को अपने वश में करके जन्म और मृत्यु पर विजय प्राप्त कर लेता है उसी को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि जैन दर्शन में 24 तीर्थंकर भगवान आदिनाथ से भगवान महावीर तक ने कठिन तपस्या करके जन्म और मृत्यु पर विजय प्राप्त की थी। तभी वो मोक्ष को प्राप्त हुए। वहीं समिति के सभी सहयोगी अध्यक्ष अंशुल जैन, राजा जैन, पंकज जैन, संभव जैन, सुविधि जैन, संजीव जैन एडवोकेट, मनोज जैन दद्दा, अतुल जैन, राजेश जैन, कोषाध्यक्ष आशीष जैन, राजीव जैन, राजेंद्र जैन आदि सभी का दिल्ली से पधारे मुख्य आयोजक अशोक कुमार परिवार एवं अरुण जैन पीली कोठी ने तिलक लगाकर एवं पीत दुपट्टा उढ़ाकर सम्मान किया।