Friday, September 20, 2024
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पहलवानों ने किसान नेता नरेश टिकैत को सौंपे मेडल

♦ मेडल गंगा में बहाने का कार्यक्रम पांच दिन के लिए स्थगित
राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों ने गंगा में मेडल बहाने का ऐलान किया है। पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा, श्श्इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां हैं। वहीं गंगा सभा ने पहलवानों का किया विरोध किया है..उन्होंने कहा कि हम गंगा में मेडल बहाने नहीं देंगे।
देश के प्रदर्शनकारी पहलवानों ने हरिद्वार में स्थानीय लोगों के बहुत मना करने के बाद गंगा में अपने पदक देने की अपनी योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। उन्होंने कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई के लिए पांच दिन का समय दिया है। बृज भूषण शरण सिंह, एक भाजपा सांसद, जिन पर कुछ शीर्ष पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है ।कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके विरोध को काफी हद तक नजरअंदाज करने का आरोप लगाने वाले पहलवानों ने आज एक भावनात्मक संदेश में गंगा को पदक सौंपने के अपने फैसले की घोषणा की। साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट सहित शीर्ष एथलीटों द्वारा ट्वीट किए गए हिंदी में एक बयान में कहा गया है, ‘ऐसा लगता है कि हमारे गले में सजाए गए इन पदकों का कोई मतलब नहीं है।’ पहलवानों ने कहा, ष्पुलिस और व्यवस्था हमारे साथ अपराधियों की तरह व्यवहार कर रही है।
घटनास्थल के दृश्य स्थानीय लोगों को आंसू भरे एथलीटों को सांत्वना देते हुए दिखाते हैं, जो उन्हें वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से भारत में आए पदकों को थामे रखने के लिए कहते हैं। अगर एथलीट अपने संकल्प पर कायम रहते हैं, तो भारत दो ओलंपिक पदक और मुट्ठी भर राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैम्पियनशिप पदक खो सकता है। साक्षी मलिक ने राष्ट्रमंडल खेलों में एक ओलंपिक कांस्य और तीन पदक जीते हैं। विनेश फोगट ने दो विश्व चौंपियनशिप पदक, एशियाड में दो पदक और तीन राष्ट्रमंडल खेलों के पदक जीते हैं। बजरंग पुनिया ने एक ओलंपिक कांस्य, चार विश्व चैंपियनशिप पदक, दो एशियाई खेलों और तीन राष्ट्रमंडल खेलों के पदक जीते हैं।
‘ये पदक हमारे जीवन, हमारी आत्मा हैं। आज गंगा में विसर्जित करने के बाद जीने का कोई कारण नहीं होगा। इसलिए, हम उसके बाद इंडिया गेट पर मरते दम तक भूख हड़ताल शुरू करेंगे।’
उधर, दिल्ली पुलिस, जिसने रविवार की कार्रवाई के बाद पहलवानों के लिए जंतर मंतर विरोध स्थल को बंद कर दिया, ने कहा कि उन्हें इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रविवार को, प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया क्योंकि उन्होंने नई संसद के लिए एक विरोध मार्च का प्रयास किया था। चैंपियन विनेश फोगट और उनकी चचेरी बहन संगीता फोगट के साथ मारपीट और पुलिस द्वारा जमीन पर गिराए जाने के दृश्यों ने देश भर में सदमे और आक्रोश पैदा कर दिया है।
इसबीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ष्पूरा देश स्तब्ध है… अब प्रधानमंत्री को अहंकार छोड़ देना चाहिए। ‘पहलवानों के पहुंचने के बाद उनके आस पास बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। इनमें से कुछ लोगों को ये अपील करते हुए सुना गया कि पहलवान अपने मेडल गंगा में न बहाएं।
पहलवानों के पहुंचने के घंटे भर बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता नरेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ पहलवानों को मनाने के लिए हरिद्वार में हर की पौड़ी पर पहुंच गए। इससे पहले उनके छोटे भाई राकेश टिकैत ने भी पहलवानों से अपील की थी कि वे गंगा में मेडल न बहाएं। पहलवानों ने अपने मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिए हैं।
वहीं पहलवानों के गंगा में मेडल बहाने का गंगा महासभा ने विरोध किया है। महासभा का कहना है, ष्यहां सनातनी लोग पूजा पाठ के लिए आते हैं। ये कोई राजनीति का अखाड़ा नहीं है। इसे अपनी राजनीति का अखाड़ा बनाएंगे।ष्
राकेश टिकैट ने पहलवानों से मेडलों को गंगा में न बहाने की अपील की। एक ट्वीट में टिकैत ने लिखा ‘यह मेडल देश और तिरंगे की शान है। हमारा सभी पहलवानों से अनुरोध है कि ऐसा कदम न उठायें।’