Friday, September 20, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » मणिपुर के मुद्दे पर बचाव में सरकार

मणिपुर के मुद्दे पर बचाव में सरकार

⇒मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी
नई दिल्ली: राजीव रंजन नाग। मणिपुर पर गतिरोध के बीच विपक्षी दलों ने कल संसद में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे कल दाखिल किया जाएगा।
मिल रही जानकारी के अनुसार विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में इसे लेकर फैसला कर लिया गया है। इसके साथ ही विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर सदन में पीएम के बयान की मांग पर कायम रहेगा। मणिपुर के मुद्दे पर पिछले कई दिनों से हंगामा जारी है। संसद का मानसून सत्र शुरू होने के एक दिन पहले मणिपुर में 4 मई को महिलाओं को नग्न घुमाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर से लेकर राजधानी दिल्ली तक राजनीति गर्म है।
विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर के मुद्दे पर संसद में बयान की मांग कर रहे हैं। हालांकि, 20 जुलाई को सत्र शुरू होने से पहले संसद के बाहर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मणिपुर की घटना को शर्मनाक बताते हुए दोषियों की कड़ी सजा दिलाने की बात कही थी। लेकिन विपक्ष का कहना है कि पीएम को सदन के अंदर बयान देना चाहिए।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की आज की बैठक में सभी दल सहमत थे। हालांकि टीएमसी ने अपनी राय जाहिर करने के लिए 24 घंटे का समय मांगा। केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पचास सांसदों की जरूरत होती है।
सूत्रों के मुताबिक लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और मनीष तिवारी को इसकी रूपरेखा तैयार करने और सांसदों के हस्ताक्षर जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है। विपक्षी दलों की रणनीति यह है कि अविश्वास प्रस्ताव के बहाने विपक्षी दल विस्तार से मणिपुर का मुद्दे पर सरकार को घेर सकेंगे और पीएम मोदी को चर्चा का जवाब देना होगा।
संसद भवन परिसर में धरने पर बैठे आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जब तक जवाब नहीं देंगे गतिरोध यूं ही बना रहेगा। पीएम को जवाब देना होगा। संजय सिंह को सोमवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया था।
आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “मणिपुर की घटना से दिल दहल गया है. प्रधानमंत्री को मन की बात की जगह मणिपुर की बात करना चाहिए। दुनिया के संसद में मणिपुर पर चर्चा हो रही है लेकिन भारत की संसद में इस पर चर्चा से परहेज किया जा रहा है। आप सांसद ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
इस बीच, विपक्षी दलों ने आप के संजय सिंह के निलंबन को लेकर कल रात भर विरोध प्रदर्शन किया, उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था, “मणिपुर के लिए आई.एन.डी.आई.ए.” श्री सिंह को कल राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के दौरान निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बार-बार होने वाले व्यवधानों पर वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और उनसे संसद की सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करने का आग्रह किया। गुरुवार को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से विपक्ष के विरोध के कारण दोनों सदनों में विधायी कार्य रुका हुआ है। आज भी, विधायी मोर्चे पर कोई प्रगति नहीं होने के कारण संसद के दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक बंद कर दिया गया है। उनके ट्वीट में लिखा था, ”भारत की हर पार्टी ने विरोध में वॉकआउट किया।”
विपक्ष सदन में इस विषय पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंसा प्रभावित मणिपुर पर बयान की मांग कर रहा है। इसकी मांग तब और बढ़ गई जब मणिपुर से एक वीडियो सामने आया, जिसमें दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाया गया।