👉पकड़ा गया एक अभियुक्त 2018 में जा चुका है दुबई, वहीं संपर्क में आए रहीम नामक व्यक्ति से सीखा साइबर फ्रॉड का तरीका
👉 पकड़े गए अभियुक्त अपना हिस्सा निकालकर, CDMA के माध्यम से गैंग संचालक के खातें में अब तक भेज चुके करोड़ों रुपए
👉 पुलिस जांच में अब तक 25 से 30 खाते मिले जिनका दुरुपयोग किया गया : एसपी
👉जांच में मिले पांच बड़े खाते चेन्नई , बंगाल, बिहार और झारखंड के हैं, जिनमें एक से डेढ़ वर्ष में करीब 60-80 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है : एसपी
रायबरेली। जिले के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर यशवीर सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि डीह थाना क्षेत्र निवासी शिकायतकर्ता ने पुलिस को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसके बैंक खाते को साइबर फ्रॉड करने के लिए दुरुपयोग किया गया है। वर्ष 2025 से पहले वर्ष 2023 में भी साइबर फ्रॉड करने के लिए उसके खाते का दुरुपयोग किया गया था। जिसके कारण उसका बैंक खाता फ्रीज भी हो गया था। शिकायतकर्ता ने पुलिस से इसी मामले में शिकायत की थी। पुलिस ने मामला पंजीकृत करते हुए एसपी और एएसपी के निर्देश पर पुलिस टीम गठित कर घटना के खुलासे एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किया जा रहा था। इसी बीच 11 अप्रैल 2025 को थाना डीह ,साइबर सेल, सर्विलांस व एसओजी टीम की संयुक्त मदद से साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह के चार सदस्य 1. सोनू पाण्डेय उर्फ योगेन्द्र पाण्डेय पुत्र राजेन्द्र पाण्डेय निवासी ग्राम देवनाथपुर बिरनावां थाना नसीराबाद जनपद रायबरेली 2. दुर्गेश पाण्डेय पुत्र राजेन्द्र पाण्डेय निवासीगण ग्राम देवनाथपुर बिरनावां थाना नसीराबाद जनपद रायबरेली 3.संजय पाण्डेय पुत्र लल्लन निवासी ग्राम रेधरा मजरे आशा रसीदपुर थाना डीह जनपद रायबरेली 4. दीपक सिंह पुत्र कुंवर बहादुर सिंह निवासी कुडहरा पूरे भदौरियन थाना नसीराबाद जनपद रायबरेली को तकनीकी सहयोग से साइबर फ्रॉड का पैसा व कूटरचित कागजातों के साथ थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। जिनके विरुद्ध थाना स्थानीय पर वैधानिक कार्यवाही करते हुए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 3,27,590/- रुपये (फ्रॉड के),04 अदद फर्जी आधार कार्ड ,09 अदद मोबाइल (घटना में प्रयुक्त),06 अदद एटीएम कार्ड,01 अदद प्रीपेड कार्ड ,0 अदद सिम कार्ड ,03 अदद बैंक पासबुक बरामद किया गया है साथ ही 01 वैगन आर कार भी मिली है जिसे पुलिस ने सीज किया है। पुलिस ने कहा है कि अन्य वांछित अभियुक्तों कि गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे है।
पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह ने यह भी बताया कि पुलिस द्वारा की गई जांच में जनपद के अंदर अब तक 25 से 30 खाते ऐसे मिले हैं जिनका साइबर फ्रॉड का पैसा मंगाने के लिए दुरुपयोग किया गया है, जिसके खाते में पैसे मांगे जाते थे उन्हें भी कुछ हिस्सा दिया जाता था जिसके कारण वह चुप रहते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि जांच में पांच बड़े खाते भी मिले हैं, जो कि चेन्नई ,बंगाल, बिहार और झारखंड के हैं, जिनमें यह लोग अपना हिस्सा निकालकर बाकी पैसा इन खातों में डाल देते थे। जांच में पता चला है कि एक से डेढ़ वर्ष के अंदर इन खातों में 60 से 80 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ है।
✍️अपराध का तरीका:- पुलिस ने बताया कि ये लोग अपने आसापस के लोगो को तरह तरह के लालच देकर और कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से साइबर फ्रॉड कर लेते थे।
✍️पूछताछ का विवरणः- पूछताछ के क्रम में अभियुक्त संजय पाण्डेय ने बताया कि वह वर्ष 2018 में दुबई गया था, वहां उसका संपर्क रहीम नाम के व्यक्ति से हुआ जिसने उसे बताया कि आप अपने यहां आसपास के लोगो को खाता खुलवाकर उनकी डिटेल्स मुझे दो, उन खातों में साईबर फ्रॉड का पैसा मंगवाऊंगा तथा उन लोगो के एटीएम व पासबुक अपने पास रखना जब साईबर फ्रॉड का पैसा खाते में आयेगा तो एटीएम से उस पैसे को निकालकर अपना कमीशन काटकर मेरे द्वारा भेजे गये खाते में ब्क्ड। मशीन के माध्यम से पैसा भेज देना। हम लोग उसके खाते में लगभग करोड़ो रुपये भेज चुके है।