रायबरेली। वर्ष 2024 के अंतिम माह में जिले के सलोन ब्लॉक से एक बड़ा चौंकाने ही वाला मामला सामने आया था, जिसमें फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाकर सरकारी लाभ और नागरिकता लेने की बात कही गई थी। यह भी बताया गया था कि 11 गांवों से करीब 52000 प्रमाण पत्र फर्जी मिले । यह फर्जीवाड़ा वहां के ग्राम विकास अधिकारी की यूजर आईडी और पासवर्ड का दुरुपयोग करके की गई थी जिसकी जांच यूपी एटीएस और एनआईए ने की। जिसमें जांच टीम ने ग्राम विकास अधिकारी समेत दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार इसी तरीके का एक और फर्जीवाड़ा उमरन गांव में किया गया है, जिसकी उच्च स्तर पर जांच हो जाए तो अधिकारी समेत कई अन्य जद में आ जाएंगे। शिकायतकर्ता ने कहा कि नाबालिगों को बालिग बनाकर सरकारी योजनाओं में धांधली का खेल काफी समय से चल रहा है ,जिसे विभाग बिना जांच के पारित भी कर देता है। प्रमाण पत्रों में अवैध तरीके से बदलाव कर नाबालिग से बालिक बने बच्चे सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। 14 साल व 17 साल उम्र के बच्चों का मनरेगा में भुगतान हो रहा है।
उल्लेखनीय है फर्जी तरीके से बनाए गए जन्म प्रमाणपत्र से बने आधार कार्ड की सहायता लेकर वह वोट भी डाल सकते हैं। इसलिए शिकायतकर्ता की इस शिकायत पर आलाधिकारियों को गंभीरता से लेकर गहन जांच करनी चाहिए।
शिकायत में बताया गया है कि जनसुविधा केंद्र संचालक ने जन्म प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ कर नाबालिगों को बालिग बना दिया है, जिससे उन्हें मतदान का अधिकार भी मिल जाता है जो निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित भी कर सकता है। जिलाधिकारी को इस प्रकरण से जुड़े जनसुविधा केंद्र की जांच करनी चाहिए, इसकी साइट से संशोधित किया गए प्रमाण पत्र एवं डाटा को निकालकर जमीनी स्तर पर जांच करते हुए आवेदकों से भी पूछताछ करनी चाहिए और जिन अधिकारियों द्वारा आवेदन को हस्तांतरित किया गया है उनसे पूछताछ होनी चाहिए तभी इसके सिंडिकेट का पता भी चल सकता है।
👉कहीं रायबरेली जिले में कोई सिंडिकेट तो नहीं कर रहा काम:-
फ़र्ज़ी प्रमाण व आधार कार्ड की डीएम पुलिस अधीक्षक से की गई शिकायत में शिकायतकर्ता की मांग है कि यदि उसके द्वारा की गई शिकायत यदिफर्जी पाई जाए तो शिकायतकर्ता के ऊपर झूठी शिकायत करने के कारण थ्प्त् अवश्य दर्ज कराया जाए। इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत संख्या 20015825001960 दर्ज कराई है। गौरतलब यह है कि शिकायतकर्ता के दावे की गंभीरता से तो ऐसा भी लग रहा है कि कहीं रायबरेली जिले में कोई सिंडिकेट तो नहीं काम कर रहा है क्योंकि इससे पूर्व भी रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में कई को जेल भेजा गया है और लोगों के अनुसार इसके आंकड़े हजारों में बताए जा रहे थे।
शिकायतकर्ता ने कहा कि इस प्रकरण में डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम भी गठित की है।
Home » मुख्य समाचार » फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के बाद अब फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी बनाने का मामला आया सामने