Monday, April 29, 2024
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पवित्र मन में ही पवित्र परमात्मा की स्मृति रहती है

हाथरसः जन सामना ब्यूरो। डाॅक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है।  इसलिए इस कार्यक्षेत्र पर आने के लिए सेवाभाव सर्वोपरि है इसके साथ मन की शुद्धि भी चाहिए। पवित्र मन में ही पवित्र परमात्मा की स्मृति रहती है। है। यह उदगार मैडीकल विंग के सौजन्य से ‘‘मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान’’ के अन्तर्गत प्रेमरघु नर्सिंग पैरामैडीकल काॅलेज में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अलीगढ रोड स्थित आनन्दपुरी कालोनी केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए व्यसन मुक्ति अभियान की हाथरस कोर्डीनेटर बी0 के0 शान्ता बहिन ने व्यक्त किये। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्या की देवी सरस्वती के छवि चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के बाद सभी आगंतुकों का डाॅ0 सतेन्द्र, डाॅ0 लोकेष, डाॅ0 अभिनव द्वारा पुश्पमाला देकर स्वागत किया गया।  व्यसनों जिसमें प्रमुख रूप से तम्बाकू एवं षराब आदि से होने वाली हानियों की जानकारी देते हुए ब्रह्माकुमार दिनेष भाई ने बताया छोड़ने का प्रयास करने के बाद इसकी लगने वाली हुडक जिसे अंगे्रेजी में एडवर्स डिजायर कहा जाता है उसका आयुर्वेद में अदरक के रूप में सरल उपाय है। अदरक में सल्फर बहुतायत में पाया जाता है। शरीर में सल्फर की कमी को पूरा करने के लिए लोग अधिकांशतः तम्बाकू की ओर आकर्षित हो जाते हैं। उन्होंने अदरक के उपयोग से तम्बाकू मुक्ति की विधि भी बताई।  व्यसन मुक्ति कोर्डीनेटर बी0 के0 शान्ता बहिन ने कहा कि कि यह तो सभी जानते हैं कि व्यसनों के प्रयोग से एक दिन हानि ही पहुँचेगी और मुक्त होने की अभिलाषा भी रखते हैं लेकिन आत्मबल न होने के कारण इनसे मुक्ति के प्रयास में कमी आ जाती है। व्यसनों के लगातार प्रयोग से शरीर और मन दोनों बीमार हो जाते हैं धन की हानि तो होती ही है। ब्रह्माकुमारीज़ संगठन का भारत सहित संसार के एक सौ चालीस देशों में कोई भी नियमित राजयोग का अभ्यास करने वाला विद्यार्थी किसी भी प्रकार का प्रयोग अपने जीवन में नहीं करते। उन्होंनें सत्यम शिवम सुन्दरम परमपिता परमात्मा शिव के अलौकिक परिचय से भी सभी विद्यार्थियों को अवगत कराने के साथ उन्हें दो मिनट का आत्मस्थिति का भी अभ्यास गाइडैड काॅमेन्ट्री के माध्यम से कराया तथा सभी प्रशिक्षुओं को जीवन में व्यसनों से दूर रहकर समाज और परिवार को व्यसनों से दूर रखने का संकल्प भी कराया गया। कार्यक्रम में आयुर्वेद और एलोपैथी प्रभाग के सभी प्रशिक्षुओं के साथ डाॅ0 शिवम, डाॅ0 सतेन्द्र, घनश्याम सिंह, सचिन वर्मा, डाॅ0 लोकेश, डाॅ0 अभिनव, डाॅ0 निधि सहित बी0 के0 गजेन्द्र, बी0 के0 राकेश अग्रवाल, बी0के0 गिरीश अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।