Sunday, May 5, 2024
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अतिरेक कृषि उत्पाद में से निकलने वाले ईधन की मांगी जानकारी

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सांसद राजेश कुमार दिवाकर ने लोकसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग से अतिरेक कृषि उत्पाद में से ईंधन निकालने सम्बन्धी जानकारी मांगी। सांसद ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से पूछा है कि सरकार ने मक्का, ज्वार, बाजरा और फल/सब्जियों के अवशिष्ट की अतिरेक मात्रा से ईंधन निकालने के लिये ईथेनाल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के दायरे को बढ़ा दिया है, क्या सरकार ने मक्का, ज्वार, बाजरा और फल/सब्जियों के अवषेश की अतिरेक मात्रा की किसानों से सुगम खरीद के लिये कोई रणनीति बनाई है और इसके लिये क्या एमएसपी तय की गई है। क्या सरकार ने मक्का, ज्वार, बाजरा और फल/सब्जियों के अवशेष की अतिरेक मात्रा की खरीद के लिये विशेष काउन्टर/केन्द्र खोलने की योजना बनाई है तो राज्य-वार ब्यौरा क्या है और क्या सरकार ने मक्का, ज्वार, बाजरा और फल/सब्जियों के अवशेष की अतिरेक मात्रा की किसानों से खरीद के लिये लक्ष्य निर्धारित किया है।
जानकारी देते हुऐ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्यमंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने बताया कि भारत सरकार ने पहले ही जैव ईंधन नीति, 2018 अनुमोदित कर दी है। इस नीति में गन्ने का रस, शुगर बीट, स्वीट सोरगम जैसे चीनी वाले पदार्थ, कोर्न, कसावा जैसे स्टार्च वाले पदार्थ, गेहूॅ, किनकी चावल, सड़े हुये आलू जैसे खराब खाद्यान्न, जो एथेनाॅल उत्पादन के लिये मानव उपभोग के लिये अनुपयुक्त है का उपयोग करके एनेथाॅल उत्पादन के लिये कच्चे पदार्थ की सम्भावना शामिल है। इसके अलावा, यह नीति पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति के अनुमोदन से पेट्रोल के साथ मिश्रण के लिये एथ्नोल के उत्पादन हेतु अधिशेष खाद्यान्न के उपयोग की अनुमति प्रदान करती है। कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के सम्बन्ध में कोई कार्यनीति नहीं बनाई है और न ही सरकार ने मक्का, ज्वार, बाजरा और फल/सब्जियों के अवशेष की अतिरेक मात्रा की खरीद के लिये विशेष काउन्टर व केन्द्र खोलने की योजना बनाई है।