Thursday, May 16, 2024
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सरकारी कर्मचारियों पर सरकार की चौतरफा मार

डीए पर ब्रेक लगाने के बाद जीपीएफ ब्याज दर में कटौती
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना महामारी का असर अब सरकारी कर्मचारियों पर ज्यादा पड़ने वाला है क्योंकि सरकार ने अभी हाल ही में महँगाई भत्ते पर रोक लगाई थी और अब जीपीएफ व सीपीएफ की ब्याज दरों में बड़ी कटौती की है। 1 अप्रैल से 30 जून की तिमाही के लिए ब्याज दर में एकमुश्त 0.8 प्रतिशत की कटौती की गई है। पहले इसकी ब्याज दर 7.9 प्रतिशत थी। अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल ने सरकारी कर्मचारियों को 1 अप्रैल से 30 जून 2020 की तिमाही के लिए ब्याज दर से वंचित करने का ऐलान किया है।
एकमुश्त 0.8 फीसदी की कटौती को कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने शुक्रवार को अगली तिमाही के लिए जीपीएफ की ब्याज दर 7.1 प्रतिशत किए जाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था में आये ठहराव को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है और राज्य सरकारों को केंद्र का अनुकरण करना होता है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने दो दिन पहले ही साल की दूसरी तिमाही, अप्रैल से जून के लिए जीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 रखने का आदेश जारी किया था। केंद्र का नोटिफिकेशन मिलने के बाद राज्य सरकार ने भी इस आशय का आदेश जारी कर दिया है।
घटी हैं ब्याज दरें-
साल की पहली तिमाही जनवरी से मार्च तक जीपीएफ पर ब्याज दर 7.9 फीसदी थी। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देश ही नहीं दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां ठप हैं और इसी वजह से केंद्र और फिर राज्य सरकार को ब्याज दरें घटाने का फैसला करना पड़ा है।
राहत भी मिली है-
ऐसा नहीं कि केंद्र और राज्य सरकारों ने ब्याज दर कम कर सरकारी कर्मचारियों को सजा दी हो। अर्थव्यवस्था के ठप होने की वजह से केंद्र पहले ही मकानों, कार आदि की किस्ते (ईएमआई) तीन महीने न चुकाने की छूट दे चुका है। देश भर में जरूरतमंद लोगों को तीन महीने का राशन और मुफ्त अतिरिक्त राशन दिया जा चुका है या दिया जा रहा है। सभी के साथ सरकारें भी आशा कर रही हैं कि यह स्थिति तीन महीने बाद सुधरे और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटे, किन्तु जबतक तो सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान का सामना करना ही पड़ेगा।