Friday, May 3, 2024
Breaking News
Home » सम्पादकीय » कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकना जरूरी

कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकना जरूरी

कोरोना (कोविड-19) महामारी ने चीन, अमेरिका, ब्राजील, इटली, भारत सहित अन्य कई देशों खूब कहर बरपाया है और लाखों जिन्दगियों को निगल लिया है। कोई इलाज अथवा वैक्सीन ना होने के कारण ज्यादातर हर देश ने कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिये लाॅकडाउन का सहारा लिया और इसका असर काफी हद तक देखने को मिला। वहीं भारत की बात करें तो वर्तमान में जिस तरह से कोराना संक्रमितों की संख्या सामने आ रही है उससे तो यही साबित हो रहा है कि कोरोना से बचाव हेतु लाॅकडाउन की पहल तभी कारगर साबित होगी जब संदिग्ध कोरोना मरीजों के टेस्ट के साथ उन्हें कोरन्टाइन करने का काम भी सही ढंग से किया जाये।
वहीं ताजा रिपोर्टों की मानें तो जिन राज्यों में सबकुछ सामान्य सा लग रहा था वहां भी हालात चिन्ताजनक बनते जा रहे हैं। नतीजन केंद्र सरकार की ओर से बिहार, ओडिशा, बंगाल और असम को कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए नए सिरे से निर्देश जारी करने पड़े। ऐसा भी कह सकते हैं कि कई राज्यों ने कोरोना से बचाव हेतु समय रहते सही तैयारी नहीं की है। इसीलिये उन्हें अब दुष्परिणाम भोगने पड़ रहे हैं। जबकि इन राज्यों के पास समय था और उन्हें दूसरे राज्यों से सबक लेते हुए कोरोना निपटने हेतु तैयारी अच्छी कर लेनी चाहिये थी। लेकिन अब जब कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी है तो ऐसे में केंद्र सरकार के निर्देशों का सही तरह पालन करने के साथ ही लोगों को शारीरिक दूरी के प्रति सावधान रहना चाहिये। इतना ही नहीं साफ सफाई के साथ ही घर से बाहर निकलते समय अथवा सार्वजनिक स्थानों पर मास्क के प्रयोग में लापरवाही नहीं करनी चाहिये।
इसमें कतई दो राय नहीं कि कोरोना के खिलाफ जंग जीतना बिना जन सहयोग के असंभव है, लेकिन राज्यों की भी अपनी जिम्मेदारी बनती है कि केन्द्र सरकार का साथ देते हुए उसके कदम से कदम मिलाकर चलें और राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय हों। जिससे कि ऐसी व्यवस्था हो जाये कि कोरोना मरीजों के उपचार में देरी कतई न हो सके।
वहीं विचारणीय पहलू यह है कि शहरी क्षेत्र के अलावा अब ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ गया है इसलिए सभी राज्यों को ग्रामीण इलाकों में विशेष सावधानी बरतनी चाहिये और कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिये युद्ध स्तर पर तैयारी की जानी चाहिए, केवल लाॅकडाउन का सहारा लेना उचित नहीं है।
लाॅकडाउन तभी सार्थक साबित हो पायेगा जब कोरोना के संदिग्ध मरीजों के टेस्ट के साथ उनका इलाज भी ठीक से किया जाये क्योंकि इससे लोगों की मृत्यु दर को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी। कोरोना से सतर्कता बरतने के लिये जागरूकता के साथ साथ चिकित्सा व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि वर्तमान में कई सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर सवालिया निसान लगते दिख रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों को भी सचेत होना चाहिए ताकि कोरोना संक्रमण के चलते हर आम अथवा खास की जानमाल की रक्षा हो सके।

-Shyam Singh Panwar