कानपुर नगर, आशीष बाजपेई। रक्षाबंधन का पर्व सावन महीने की पूर्णमासी यानी तीन अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 9:30 बजे तक भद्रा रहेगी, इसके बाद दिनभर शुभ मुहूर्त है। इस बार रक्षाबंधन पर कई वर्षों के बाद समसप्तक योग पड़ रहा है। सुबह प्रातः 7:19 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग लगेगा। यह दिन भर रहेगा। श्री राम जानकी साहित्य सेवा मंडल के आचार्य सोमनाथ बाजपेई का कहना है इन दोनों योगों का महासंयोग अत्यंत ही शुभ है। भद्राकाल के बाद जो भी बहनें अपने भाइयों के राखी बांधेगी उनके भाइयों की आयु में वृद्धि होगी। साथ ही बहनें भी दीर्घायु होंगी।
रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस संयोग में सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही आयुष्मान और दीर्घायु प्राप्त होती है। सोमवार के दिन पूर्णिमा पड़ने का अच्छा संयोग है। तीन अगस्त को चंद्रमा का ही श्रवण नक्षत्र है। मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य मिलकर के समसप्तक योग बना रहे हैं। यह संयोग 29 साल बाद आया है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:30 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। दोपहर 1:35बजे से शाम 4:35बजे तक मुहूर्त अत्यंत ही शुभ रहेगा। इसके बाद शाम 7:30बजे से रात 9:30बजे तक का मुहूर्त शुभ है।
आचार्य रविशंकर तिवारी(बकोठी) ने बताया कि राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। बताते चलें रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांधी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया था।