Monday, November 18, 2024
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जनता के पैसे का हिसाब आरटीआई व कैग ऑडिट के दायरे से बाहर क्यों ?

– सुप्रीम कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड का पैसा एनडीआरएफ में स्थानांतरित करने की मांग पर किया साफ इंकार 
– सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रिंट, इलेक्ट्राॅनिक व वैब मीडिया के हवाले आई खबरों से जनता के बीच चर्चा जोरों पर है
– पीएम केयर्सफंड के पीएम अध्यक्ष और फंड का खाता वैध लेकिन जनता हिसाब नहीं ले सकती!
कानपुर, पंकज कुमार सिंह। कोरोना वायरस से फैली महामारी से लड़ने के लिए केन्द्र सरकार की ओर लाए गए पीएम केयर फण्ड को लेकर सवाल अब भी जनता के बीच हैं कि जो पैसा जनता ने पीएम केयर फंड में दान किया है उसका हिसाब जनता क्यूं नहीं ले सकती? पीएम केयर फंड का ऑडिट सरकारी ऑडिट एजेंसी कैग के द्वारा क्यों नहीं किया जा सकता। पीएम केयर फंड कैग व आरटीआई के दायरे से बाहर क्यों रखा गया है? यह सब प्रश्न जनता के बीच में बरकरार हैं।
हालांकि मंगलवार को आई खबरों के अनुसार पीएम केयर फंड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर वो याचिका खारिज कर दी गई जिसमें सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर मांग की थी कि पीएम केयर फंड का पैसा नैशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड (NDRF) में ट्रांसफर किया जाए। उच्चतम् न्यायालय ने इसके लिए आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। उच्चतम् न्यायालय ने कोष को वैध मानते हुए कहा कि कोविड 19 जैसी आपात स्थिति में मदद के लिए इसे बनाया गया है। जरूरत की घङी में इसके गठन पर आपत्ति नहीं कर सकते।
मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा सरकार जरूरत के हिसाब से फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से हाजिर हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ती आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ती एमआर शाह सहित न्यायमूर्ती अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच के सामने कहा था कि पीएम केयर फंड स्वैच्छिक फंड है। जबकि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ फंड बजट आवंटन के दायरे में हैं। सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से पक्ष रखते हुए कहा था कि हम किसी पर सवाल नहीं उठा रहे है लेकिन पीएम केयर फंड का गठन नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट के प्रा‌वधान के विपरीत है। दवे ने कहा था कि एनडीआरएफ का ऑडिट सीएजी द्वारा होता है लेकिन सरकार कह रही है कि पीएम केयर फंड का ऑडिट प्राइवेट ऑडिटर द्वारा कराया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर पीएम केयर फंड का बचाव किया था। अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय और राज्यों के आपदा में राहत कार्यों के लिए पीएम केयर फंड दूसरे किसी फंड पर रोक नहीं लगाता है। इन फंड में लोग स्वेच्छा से डोनेट करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि एनडीआरएफ जैसी वैधानिक फंड होने के बावजूद ऐसे कोष यानी पीएम केयर फंड के गठन पर कोई रोक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों एनजीओ की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी। याचिका दाखिल कर अनुरोध किया था कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए लोगों ने और संस्थानों ने जो पैसे डोनेट किए हैं वह पीएम केयर्स फंड से एनडीआरएफ में ट्रांसफर किया जाए। सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर पीआईएल दाखिल की गई थी और कहा गया था कि करोड़ों का फंड जो पीएम केयर फंड में आया है उसे एनडीआरएफ में ट्रांसफर किया जाए ताकि महामारी से लड़ने में उसका इस्तेमाल हो।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 28 मार्च को प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस ऐंड रिलीफ इन इमर्जेंसी सिचुएशंस (PM CARES) फंड की स्थापना की थी जिसके द्वारा कोविड-19 महामारी जैसे आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। प्रधानमंत्री इस फंड के पदेन अध्यक्ष हैं जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस फंड के पदेन ट्रस्टी है।