कौशाम्बी, विकास सिंह। इन दिनों जिले में किसान आवारा पशुओं से बहुत परेशान हैं। किसानों का कहना है कि आवारा पशु रात दिन खेतों में उनकी फसलों को बर्बाद करते हैं। कई बार तो टॉर्च लेकर उनके पीछे भागना पड़ता है। किसानों का कहना है कि मोदी सरकार खेती में तकनीक के प्रयोग से आय दोगुनी करने की बात करती है, लेकिन आय दोगुनी कैसे होगी? यदि फसल अच्छी हो भी जाए तो इन आवारा पशुओं का क्या करें। किसान को तो दोहरी मार सहनी पड़ती है। किसान ऋण लेकर खेती करता है, वहीं कभी मौसम और कभी पशु उसकी मेहनत पर पानी फेरने को उतारू हैं। किसानों को अपनी फसल बचाने के लाले हैं। जहां गांवों में नील गाय समस्या बनी हुई हैं। वहीं इन किसानों को यहां के छुट्टा जानवर अपनी फसलें उगाने में अड़चने डाल रहे हैं। हालात ये हैं कि रात-रात जागने के बावजूद उनके खेतों में खड़ी धान की फसलें ये जानवर साफ कर रहे हैं। आए दिन नुकसान उठा रहे किसान इस बात से परेशान हैं कि आखिर इस समस्या का निदान क्या है। अब इंतजार है कि कब पौधों में बालियां आएंगी और और फसल तैयार होगी। फिर उसे लेकर किसानों के मन में भविष्य की तरह-तरह की योजनाएं भी जन्म लेने लगती हैं। लेकिन खेतों में आपना पसीना बहाने वाले इन किसानों के मंसूबों पर तब पानी फिर जाता है, जब ये छुट्टा मवेशी उनके खेतों में न केवल इनकी फसल चर जाते हैं बल्कि अपने कदमों से उसे रौंद कर नष्ट भी कर देते हैं। इन मवेशियों को पकड़वाने के जिला प्रशासन ने कभी भी कोई प्रबंध नहीं किए। इस कार्य में नगरपालिका परिषद का अभियान भी फुस्स होता दिखा है।