Tuesday, July 2, 2024
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कमला हेरिसः जिन्होंने उड़ा दी है ट्रम्प की नींद

अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को के काउंटी अल्मेडा की अदालत के कटघरे में एक 14 साल की लड़की खड़ी थी। उसके फेस पर गहरा मेकअप था। अदालत की ज्यूरी सहित सभी उसे विचित्र नजरों से देख रहे थे। तभी उस लड़की के वकील के रूप में डिस्ट्रिक्ट एटार्नी कमला हेरिस ने ज्यूरी की ओर देख कर कहा कि ‘कटघरे में खड़ी यह लड़की गैंगरेप का शिकार बनी है। मैं जानती हूं कि आप लोग नहीं चाहते कि यह लड़की आप लोगों के बच्चों के साथ खेले। परंतु इस देश का कानून मात्र गोरे लोगों को बचाने के लिए नहीं बना है। कटघरे में खड़ी यह लड़की अभी मासूम है और इसे उन लोगों से सुरक्षा चाहिए, जो इसे जंगली जानवारों की तरह नोच खाने की ताक में बैठे हैं।’’
असिस्टेंट एटार्नी के रूप में अदालत में जब कमला हेरिस कटघरे में खड़ी लड़की की ओर अंगुली से इशारा कर के ज्यूरी की आंख से आंख मिला कर बात कर रही थीं, तब उनकी कही एक-एक बात ज्यूरी के दिल में उतरती जा रही थी। इस केस को कमला हेरिस जीत गई थीं। लड़की के साथ रेप करने वाले अपराधी ठहराए गए थे। परंतु अदालत से निकलने के बाद वह लड़की गायब हो गई थी। डिस्ट्रिक्ट एटार्नी कमला हेरिस और पुलिस ने उस लड़की की बहुत खोज की, पर उसका कहीं पता नहीं चला। वकील के रूप में कैरियर बना चुकी कमला हेरिस सदैव दमन का शिकार बनी युवतियों के लिए लड़ती रहीं। वकील के रूप में उनका एटेंशन हमेशा टीनएज प्रोटक्शन पर रहा।
पुलिस जब सेक्स बेंचना अपराध है, इस बात पर अपना ध्यान केंन्द्रित कर रही थी, तब कमला हेरिस देख रही थीं कि युवा लड़कियों को आर्थिक तंगी की वजह से ड्रग एडिक्ट बना कर अथवा जबरदस्ती उन्हें गंदे व्यवसाय में धकेला जा रहा है। कमला हेरिस का मानना था कि जो लड़कियां इस सेक्स के बिजनेस से बाहर जाना चाहती हैं, उनके लिए समाज में खड़े होने का क्या स्थान है? सेन फ्रांसिस्को जैसी जगह में इन लड़कियों के लिए सेफ हाऊस कहां है? आखिर कमला हेरिस और उनके साथियों के प्रयास से जनवरी, 2004 में इस तरह की लड़कियों के लिए एक सेफ हाऊस शुरू किया गया।
यही कमला हेरिस आज 2020 में अमेरिका के वाइस प्रेसीडेंट का चुनाव लड़ने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी की अत्यंत चर्चित उम्मीदवार हैं। अमेरिका के प्रेसीडेंट ट्रम्प को इस समय अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार जो विडेन की उतनी चिंता नहीं थी, जितनी चिंता अब वाइस प्रेसीडेंट उम्मीदवार कमला हेरिस की है। जो बिडेन ने कमला हेरिस को वाइस प्रेसीडेंट के रूप में पसंद कर के प्रेसीडेंट ट्रम्प के इंडियन मतदाताओं के गणित पर पानी फेर दिया है। क्योंकि कमला हेरिस की जड़ इंडिया में है। कमला हेरिस की मां श्यामला गोपालन मूल तमिलनाडु की थीं। पढ़ाई के लिए वह 1960 में मद्रास से अमेरिका गईं और वहां कैंसर रिसर्चर के रूप में काम किया। श्यामला ने अमेरिका में ही इकोनॉमी के प्रोफेसर डोनाल्ड हेरिस के साथ शादी की, जो अप्रीका के जमैका के रहने वाले थे। जब कमला 5 साल की थी, तभी दोनों में तलाक हो गया। इस तरह कमला हेरिस पर उनकी मां श्यामला और उनके दादा गोपालन, जो भारत में ब्रिटिस सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट में अफसर थे, की ओर से भारतीय संस्कार मिले। कमला हेरिस को एक ब्लैक वुमन के रूप में अमेरिका में काफी संघर्ष करना पड़ा है। परंतु कमला हेरिस कभी अपनी चमड़ी के रंग की वजह से पीछे नहीं हटीं। वकील के रूप में अपना कैरियर शुरू करने के बाद कमला हेरिस एक के बाद एक क्षेत्र सर करती गईं। हार्वर्ड कालेज से ग्रेज्युएशन करने के बाद कमला ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई की और एक वकील के रूप में काम करना शुरू किया। 1990 में कमला को कैलिफोर्निया के अल्मेडा शहर में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट एटार्नी बनने का मौका मिला। 2003 में कमला सेन फ्रांसिस्कों की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में चुनी गईं। इस पद तक पहुंचने वाली कमला हेरिस पहली महिला थीं। इस चुनाव में उन्होंने अपनी बॉस रह चुकी टेरेस हलीनन को हरा कर सब को चैंका दिया था। जबकि कमला हेरिस का स्वभाव ही सबको चैंकाने वाला था। आगे बढ़ते हुए उन्होंने सबको चोंका दिया था। कमला हेरिस ने दो बार सेन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने के बाद 2011 में कैलिफोर्निया की एटार्नी जनरल पर अपना दावा ठोंका। कमला दो बार अपने प्रतिद्वंद्वियों को हरा कर राज्य की एटार्नी जनरल बनीं। इस पद पर कमला पहली अश्वेत महिला थीं।
कैलिफोर्निया जैसे समृद्ध राज्य की एटार्नी जनरल बनने के बाद कमला हेरिस डेमोक्रेटिक पार्टी में अपना दबदबा बढ़ाती रहीं। जब अमेरिका के प्रेसीडेंट बराक ओबामा थे, तब ओबामा की फ्रंट ट्रेजर के रूप में काम कर के प्रेसीडेेंट ओबामा की नजरों में कमला बस गईं। 2016 में जब कमला ने कैलिफोर्निया की सीनेटर के रूप में अपना काम किया तो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। हैरानी की बात यह थी कि डेमोक्रेटिक पार्टी में सेनेटर के रूप में उम्मीदवारी करने वाली कमला हेरिस हमेशा चुनाव जीतती रहीं। इसका कारण गरीब, अश्वेतों, अल्पसंयकों इमिग्रंट्स और गे कम्युनिटी पर उनकी मतबूत पकड़ थी। समाज से उपेक्षित और अमेरिकी समाज के शिक्षित कहे जाने वाले लोग गे को धिक्कारते हैं। जबकि उनके न्याय के लिए कमला हेरिस हमेशा लड़ती रहीं।
उनके लिए कानून की लड़ाई लड़ते हुए कमला हेरिस का विरोध उनकी पार्टी के तमाम नेताओं ने भी किया, परंतु कमला हेरिस अपनी लड़ाई में पीछे नहीं हटीं और उसी का परिणाम था कि गरीब पीड़ित अमेरिकियों ने कमला हेरिस को हमेशा बहुमत से चुनाव जिताया।
जब कमला हेरिस से पूछा गया कि अन्याय से लड़ने के लिए इतनी जबरदस्त ताकत उनके अंदर कहां से आई तो उन्होंने संकोच किए बगैर कहा कि ‘मैं बचपन से ही ऐसे माहौल में पली-बढ़ी, जहां हमने लोगों को अन्याय से लड़ते देखा है। मेरे माता-पिता भी जातिभेद के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लेते थे। बर्कले शहर में मैं जहां बड़ी हुई, वहां हमारी चमड़ी के रंग की वजह से पड़ोसी बच्चे मेरे और मेरी बहन के साथ खेलने नहीं आते थे। इन सभी सामाजिक बुराइयों को देख कर मैंने वकील बनने का निश्चय किया। इसीलिए मैं पीड़ित लोगों की लड़ाई लड़ रही हूं।’ आज कमला हेरिस अमेरिका में ‘लेडी ओबामा’ के रूप में जानी जाती हैं।
हैरानी की बात यह है कि जिन कमला हेरिस को इस समय डेमोक्रेटिक पाटी्र के प्रेसीडेंट के उम्मीदवार जो बिडेन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पसंद किया है उन्हीं जो बिडेन के सामने कमला हेरिस ने पार्टी के प्राइमरी इलेक्शन में प्रेसीडेंट की उम्मीदवारी दर्ज करा चुकी हैं। जबकि यह चुनाव जीतने के बाद जो बिडेन अपना उपराष्ट्रपति किसे घोषित करेंगे, अमेरिका में इसकी काफी चर्चा थी। आखिर जो बिडेन ने फाइटर लीडर कमला को पसंद किया और आज कमला हेरिस प्रसीडेंट ट्रम्प के सामने एक जबरदस्त ट्रम्प कार्ड बन कर उभरी हैं।
कमला हेरिस इंडियन और अफ्रीकन मूल के लोगों को आकर्षित कर सकती हैं। क्योंकि कमला की मां इंडियन और पिता अफ्रीकन मूल के थे। ऐसे संयोगों में दोनों कम्युनिटी के लोग कमला हेरिस की उम्मीदवारी से खुश हैं, जिससे प्रेसीडेंट ट्रम्प की नींद उड़ी हुई है।
-वीरेन्द्र बहादुर सिंह