हमीरपुर, अंशुल साहू। नगर पालिका परिषद हमीरपुर में हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा नगर पालिका रैन बसेरा में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष जगदीश चंद्र जोशी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ हरिराम गुप्ता निष्पक्ष एवं कैलाश चंद सोनी ने सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम में उपस्थित कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं का पाठ किया कार्यक्रम का संचालन कवि कमल किशोर कमल बुंदेलखंड ने किया। हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर मातृभाषा हिंदी को मैं प्रणाम करता हूं, क्योंकि हिंदी में मैं हर काम करता हूं-देशराज रचनाकार। हिंदी दिवस सुहावना हिंदी सारे लोग हिंदी भाषा सभी की हिंदी में सब लोग-गजेंद्र नारायण दीक्षित मोक्ष। तेरी यादों का सहारा, न गर मिला होता, खुदा ही जाने मेरी जिंदगी का क्या होता-बादशाह सिंह। लगा कर डाली बना कर डाली घूमे गांव मां चैहान निकल गई नौ देवी दइया आये न मेहमान-कमलेश सिंह भौली। हिंदी हर हिंद नागरिक की अपनी भाषा कहलाती है-रेवती पाठक मौदहा। भाषाओं के शब्द को सहज करें स्वीकार हिंदी में ममता धनी प्रांजल रसधार-हरिराम गुप्त। हिंदी हमारी राजरतन है हिंदी हमारी शान है हिंदी है जीव राष्ट्र की हिंदी से होती पहचान है-दिनेश चंद्र आर्य सिद्धांत। घर ही मां कुछ दिन रहियो बाहर कहूं घूमर ना जइयो-पंकज कुमार अनुराग। जय हिंद जय हिंदुस्तान जय जय भारत देश महान-कैलाश प्रसाद सोनी। हिंदी देश में हुआ हिंदी का यह हाल हिंदी दिवस मनाए हम बिन भूले हरसाल-अभिषेक मिश्रा। आर्यों की जुबानी वेद ग्रंथों की कहानी है संस्कृत की सुपुत्री मां सरस्वती का पानी है-जगदीश चंद्र जोशी। हिंदी बिंदी मानिये जिसमें भरे विचार शब्द वृक्ष संजाल में भारत भू का सार-कमल किशोर कमल। हिंदी दिवस के अवसर पर बैठे हुए लोगों ने कार्यक्रम का आनंद लिया एवं श्रोताओं ने कार्यक्रम को सराहा।