हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सामाजिक संघर्ष पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान भारत ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले का जोरदार विरोध किया कि सरकारी नौकरी के लिये संविदा की अवधि पाँच वर्ष होगी। इस पाँच वर्ष की अवधि में हर छः महीने में टेस्ट होते रहेंगे। इन टेस्ट में यदि 60 प्रतिशत से कम नम्बर आये तो उस सेवारत व्यक्ति को सेवा से निकाल दिया जायेगा। यानि सेवारत व्यक्ति पाँच वर्ष तक असमंजस्य एवं डर के साये में सेवा देता रहेगा। इस दौरान सेवारत व्यक्ति को एक निश्चित मानदेय मिलेगा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति किसी वेतन-क्रम में नहीं होगी। इस अवधि के दौरान यदि व्यक्ति अधिकतम आयु सीमा को पार कर जाता है और टेस्ट में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक ना ला पाने के कारण सरकार उसे सेवा से निकाल देती है तो ऐसी अवस्था में वह व्यक्ति कहाँ जायेगा और क्या करेगा? डॉ. भारत ने कहा है कि सरकार के इस अज्ञानता पूर्ण, अव्यवहारिक निर्णय से छात्र/छात्राओं के साथ ही उनके अभिभावकों, माता-पिता और जनमानस में आक्रोश व्याप्त है। सामाजिक संघर्ष पार्टी योगी सरकार से माँग करती है, कि इस अव्यवहारिक निर्णय को शीघ्र ही वापिस ले अन्यथा इसके भयंकर परिणाम सामने होंगे जिसकी जिम्मेदारी स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार की होगी। साथ ही 2022 के विधानसभा चुनावों में यह आक्रोश प्रदेश से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकेगा।