फिरोजाबाद, एस.के. चितौड़ी। नगर निगम ठेका पंप चालकों को भ्रमित कर हटाने की बात को महापौर ने निराधार बताया। उन्होंने कहा कि नगर निगम में लाखों के हो रहे घोटाले की सूचना पर उचित कार्यवाही की जा रही है। किसी भी पम्प चालक को नहीं हटाया जायेगा।
मेयर नूतन राठौर नेे पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि कुछ लोगों द्वारा कुत्सित षडयंत्र रचकर यह भ्रामक प्रचार किए जाने का प्रयास किया जा रहा है कि ट्यूबवैल ऑपरेटर हटाए जायेंगे। यह पूर्णतया भ्रामक एवं दुष्प्रचारित है। कार्यरत पम्प चालक कार्यरत ही रहेंगे। लेकिन मेहनतकश पम्प संचालक जिनके मानदेय पर डकैती डालते हुए तथाकथित ठेकेदार द्वारा विभिन्न अनुचित कराणों को दर्शाकर गैरहाजिरी के नाम पर या अवैध अव्यवस्था के कारण मेहनतकश पम्प संचालकों के मानदेय में की जा रही कटौती तथा नगर निगम द्वारा कर्मचरियों के ईपीएफ तथा ईएसआई के रूप में जो धनराशि देय है, वह भी समय से जमा की जा रही है अथवा नहीं, की जांच कराई जा रही है। जो पम्प संचालक के हित में है। अतः सभी पम्प संचालक व्यवस्था कि अनुरूप अपने कार्य को करते रहें। नगर निगम द्वारा लगभग 67 लाख की धनराशि पम्प संचालकों के मानदेय के भुगतान हेतु प्रति माह सम्बन्धित ठेकेदार को दी जा रही है। जबकि उक्त धनराशि के सापेक्ष ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से पम्प संचालकों का शोषण करते हुए लगभग 36.00 लाख की धनराशि ही मानदेय के रूप में भुगतान की जा रही है। साथ ही कहा कि सम्बन्धित फर्म द्वारा किसी प्रकार का कोई हैसियत प्रमाण पत्र पत्रावली पर उपलब्ध नहीं कराया गया है। हैसियत प्रमाण पत्र की छायाप्रति जो पत्रावली पर उपलब्ध है। वह मनोज कुमार पुत्र स्व. ओमप्रकाश के नाम की है। जबकि शासनादेश दिनांक 13.12.2017 में यह स्पष्ट अंकित है कि ‘‘दो या अधिक साझेदारों वाली फर्म/कम्पनी के नाम से पंजीकरण कराते समय फर्म/कम्पनी के नाम का हैसियत प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। इसी प्रकार मनोज कुमार ठेकेदार द्वारा उक्त ठेका से सम्बन्धित प्रतिभूति के रूप में आईडीबीआई बैंक से दिनांक 13.06.2018 को निर्गत की गयी रु0 91,61,227.00 की एफडीआर संख्या 213636 जमा किया जाना पत्रावली पर दर्शित है, परन्तु उक्त एफडीआर मूल रूप में जमा न करके सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा उसकी छायाप्रति जमा की गयी है, जो अत्यन्त आपत्तिजनक एवं अनियमित है। इस सम्पूर्ण प्रकरण की जांच कराई जा रही है।