डीआईजी कानपुर प्रीतिंदर सिंह ने एसपी साउथ को सौंपी जाँच
राष्ट्रपति प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को फेसबुक पर गाली देने वाले अपराधियो व पुलिस ने मिलकर फंसाया
इटावा। डीजीपी लखनऊ से मिलकर लौट रहे सैफई निवासी सुघर सिंह को फर्जी मुकदमे में फंसाने की जांच डीआईजी कानपुर ने एसपी साउथ को सौंपी है।
पीड़ित सुघर सिंह ने डीआईजी को दिए पत्र में बताया कि 18 मार्च को प्रदेश के डीजीपी से मिलकर लौट रहे थे तो नजीराबाद का पूर्व एसओ को मनोज रघुवंशी जो कि पूर्व परिचित था उसने वीडियो कॉल करके बुलाया और 2 फर्जी मुकदमे लगाकर जेल भेज दिया।
सुघर सिंह ने बताया उन्होंने सैफई थाने में पांच मुकदमे दर्ज करा रखे हैं उन मुकदमों की वापसी के लिए अभियुक्त व अधिकारी लगातार जान से मारने की धमकी व फर्जी मुकदमे में फंसाए जाने की धमकी देते आ रहे हैं। इन अधिकारियों इन अभियुक्तों के खिलाफ अमेठी, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, अयोध्या, इलाहाबाद, बनारस में लगभग दो दर्जन मुकदमे पंजीकृत हैं और कई बार जेल जा चुके हैं। सैफई थाने में दर्ज मुकदमे के निरीक्षिकों ने कोई कार्यवाही नहीं की बल के अपराधियों के साथ मिल गए और मुझे फर्जी तरीके से जेल भिजवा दिया। उन्होंने आरोप लगाया मनोज रघुवंशी है सोने मेरे मुकदमे के अपराधियों से 1000000 रुपए रिश्वत लेकर मुझे फर्जी तरीके से जेल भिजवाया। पुलिस ने मेरा फर्जी एनकाउंटर करने के लिए मेरी रिवाल्वर से फायर किए वह फर्जी बरामद तमंचे से भी फायर किए। उन्होंने कहा इस मामले में कानपुर के दो बड़े पुलिस अधिकारियों की भी भूमिका है जिसके लिए उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए शासन को पत्र लिखा है।