Tuesday, April 22, 2025
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पूरब शरीरा गौशाला, बदहाली का शिकार

कौशाम्‍बी, जन जन सामना पूरब शरीरा गौशाला मे व्याप्त अव्यवस्था मे सुधार करने का मात्र नाटक किया जा रहा हैैैै। जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी जांच के नाम पर मात्र भाषण देकर चले जाते है, जिससे गौशाला की देखरेख’ ’करने वाले भी मनमानी करते है,दलदल कीचड से भरे गौशाला मे गोवंश रहते है, सफाई की समुचित व्यवस्था नही है,चारा पानी भी समय पर नही उपलब्ध होता है, जिससे आए दिन गोवंश बीमार होकर काल की गोद मे समा जाते है, बीमार गाय बछडा के इलाज की भी व्यवस्था नही है, सबसे अहम बात यह है कि बीमार गोवंश की मृत्यु के बाद गौशाला के अंदर दफना दिया जाता है, जिससे गौशाला के अंदर बदबू रहती है चारा पानी करने वाले मजदूर भी अंदर नही जाते है, जिससे अव्यवस्था बनी रहती है।
कुछ दिन पूर्व पशु चिकित्सा अधिकारी बीपी पाठक ने गौशाला का निरीक्षण करने आए थे।लेकिन निरीक्षण कोई असर नही दिखा द्यगौशाला परिसर मे सौकडो गोवंश दफनाई गई है। इसे कौन देखेगाए,किसकी ज़िम्मेदारी है, वहा की सडांध बदबू कैसे दूर होगी । नौटंकी के रंग मंच के कलाकार की तरह आकर अपना प्रहसन दिखाकर चले जाने से समस्या नही समाप्त होगी। इसके लिए पूरी ईमानदारी से कार्य करना पडेगा, गौशाला के कार्य मे लगे मजदूरो का आरोप है कि हमारी मजदूरी समय पर नही मिलती है मजदूरी मे भी कमीशन की चाहत रखते है, जिम्मेदार ऐसे मे काम करना असम्भव है, जैसा दाम वैसा काम शासन के निर्देशो़ का अमल प्रशासनिक अमला नही कर रहा है। इसी वजह से गौशाला की अव्यवस्था दूर नही हो रही है,जब कोई लखनऊ से गुड खिलाने वाला आता है, जिले की साफ सुथरी गौशाला दिखाकर वाहवाही लूटी जाती है। ग्रामीणो का आरौप है कि बरैसा गौशाला मे जब कोई गोवंश लेकर जाता है तो उससे पांच सौ रूपये लिए जाते है, वहा भारी अव्यवस्था है इसी प्रकार पौर काशीराम पुर गौशाला मे अव्यवस्था देखने को मिलती है।