Monday, November 18, 2024
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नोडल अधिकारी एसएस अली ने गौशाला का निरीक्षण किया

गौशालाओं में बंद मवेशियों केा 15 घंटे पीने तक नहीं मिला पानी
राठ/हमीरपुर, जन सामना। गौशालाओं में बंद मवेशियों की स्थिति का जायजा लेने के लिए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक नोडल अधिकारी ने आधा दर्जन से अधिक गांवों में बनी गौशालाओं को देखा। गौशालाओं में बंद मवेशियों को करीब 15 घंटे तक पीने का पानी न मिलने की स्थिति को देखा। निरीक्षण के दौरान जिन गौशालाओं में पचास से कम पशु थे वहां की स्थिति ठीक मिली। परंतु जिन गौशालाओं में पचास से अधिक पशु मिले वहां पर टीन शैड पशुओं की संख्या के आधार पर कम मिले। नोडल अधिकारी ने बताया कि इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जायेगी। सरकार द्वारा हर गांव में लाखों करोड़ों खर्च करके गौशालाए बनाईं गई। सरकार की मंशा अन्ना मवेशियों पर लगाम लगाने और किसानों की फसलों को बर्बाद होने से बचाने का वीणा उठाया गया। परंतु अब गौशालाओं में स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। हालत यह हो गए हैं कि ग्राम पंचायत स्तर से उनके खान पान पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रविवार और सोमवार को पशुपालन विभाग लखनऊ के संयुक्त निदेशक एसएस अली ने गिरवर के पास बनी ओम गौशाला, नगर पालिका परिषद राठ के अलावा सैना, करगवां, सरीला नगर पंचायत, करियारी, बरगवां, मनकहरी, छिबौली, ममना आदि गांवों में बनी गौशालाओं को देखा। नोडल अधिकारी ने बताया कि जिन गांवों में पचास से कम अन्ना मवेशी हैं वहां पर टीन शैड की व्यवस्था ठीक मिली। बताया कि कुछ गौशालाओं को छोड़कर अधिकांश गौशालाओं में मवेशियों के लिए पीने के पानी की कमी मिली। बताया कि शाम को जब मवेशी चर कर गौशालाओं में पहुंचता है तो उसे सीधे बंद कर दिया जाता है। शाम पांच बजे से सुबह 10 बजे के बीच करीब 15 घंटे मवेशी प्यासे रहते हैं। इस दौरान गौशाला की देखरेख करने वाले कर्मचारी ध्यान नहीं देते हैं। सुबह दस बजे के बाद मवेशियों को पानी पिलाया जाता है। नोडल अधिकारी के निरीक्षण के दौरान अधिकांश गौशालाओं में सफाई व्यवस्था नहीं मिली। निरीक्षण के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अखिलेश कुमार, उपमुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. नवल किशोर सचान, डा. परमेश्वरी दयाल गोहांड, डा. पुष्पेंद्र जराखर, डा. योगेंद्र सरीला की टीम रही।