हमीरपुर, अंशुल साहू। मत्स्य विभाग एवं खाद्य सुरक्षा विभाग के विभिन्न कार्यों की प्रगति से संबंधित समीक्षा बैठक जिलाधिकारी डॉ ज्ञानेश्वर त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा में जिलाधिकारी ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत जो 07 आवेदन निरस्त किए गए हैं, उनके रिजेक्शन के कारणों का सत्यापन किया जाए तथा इसका विवरण उपलब्ध कराया जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सभी रेस्टोरेंट, होटलों आदि में एक ही तेल को बार-बार गर्म करके खाद्य पदार्थ आदि न बनाया जाये, यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक होता है। अतः तेल का एक बार ही प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में किसी भी दशा में सिंथेटिक दूध का विक्रय नहीं होना चाहिए इस हेतु अभियान चलाकर सैंपल लिए जाएं। जनपद में किसी भी मेडिकल स्टोर से ऑक्सीटॉसिन आदि का इंजेक्शन न बिकने पाए, इसके लिए लगातार प्रवर्तनीय कार्रवाई की जाए। जनपद में असुरक्षित खाद्य पदार्थ न बिकने पाए इसके लिए लगातार सैंपलिंग की कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से अपने संबंधित एसडीएम को रिपोर्टिंग की जाए। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा सर्विलांस अभियान हेतु सूचना तंत्र को सक्रिय किया जाए तथा अच्छा कार्य करने वाले लोगों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी प्रकार के खाद्य लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन इत्यादि का कार्य अभियान चलाकर नियमित रूप से किया जाये। खाद्य लाइसेंस नवीनीकरण का कार्य भी लगातार किया जाए। मिठाई/खाद्य पदार्थों की दुकानों में डिब्बा सहित तौल को प्रत्येक दशा में रोका जाय। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के दृष्टिगत मेडिकल स्टोर पर जुखाम, बुखार, खांसी इत्यादि के मरीजों को सीधे दवा न दी जाए। अतः उनकी डिटेल नोटकर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराई जाए ताकि उनकी सैम्पलिंग आदि का कार्य हो सके। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी केके वैश्य, अपर जिलाधिकारी वीपी श्रीवास्तव, अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा विभाग, व्यापार मंडल के पदाधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।