Saturday, June 29, 2024
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टिट फॉर टैट यानी ‘आंख के बदले आंख’ यह सिर्फ डोभाल जी की अदा है!

हमारे पड़ोसी देश चीन व पाकिस्तान के क्षेत्र में उनकी खासी भूमिका रही है। वे खुद पाकिस्तान में कई वर्ष बतौर जासूस बन कर रहे हैं और अहम खबरें भारत तक लाए हैं। तथा हाल ही में 2019 में जम्मू कश्मीर में जब अनुच्छेद 370 व 35 ए हटा तो वहां शांति बनाने के लिए पहुंच गए। 2017 में चीन को डोकलाम विवाद में भारत की सीमा में घुसपैठ करते चीन को पीछे किया व इस वर्ष भी गलवान घाटी के विवाद में अहम भूमिका निभाई वो हैं अजीत डोभाल।
डोभाल जी का मानना है, पाकिस्तान भारत से कहीं ज्यादा नाजुक है। एक बार उन्हें एहसास हो जाए। भारत ने अपना गैर रक्षात्मक मोड़ से बदल कर रक्षात्मक आक्रामक कर लिया है तो वह भारत को परेशान करने की जुर्रत नहीं करेगा। आप एक मुंबई कर सकते हैं लेकिन हो सकता है आप ब्लूचिस्तान खो दें। विशेषज्ञों का मानना है टिट फॉर टैट यानी आंख के बदले आंख यह सिर्फ डोभाल जी की अदा है। उनका ही दिमाग था पुलवामा व उरी हमलों का बदला सर्जिकल एयर स्ट्राइक्स के द्वारा। इस वर्ष शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के वर्चुअल मीटिंग से भारत की ओर से डोभाल जी उठ खड़े हुए जब पाकिस्तान ने अपने मानचित्र में पाक अधिकृत कश्मीर, लद्दाख व गुजरात राज्य का जूनागढ़ को अपना बतलाया। इस पर रूस के श्री निकोलाई पाटुशेव (एन.एस.सी.रूस) ने कहा हमने बहुत प्रयास किया पाकिस्तान को रोकने का परंतु वह माना नहीं व डोभाल जी की प्रशंसा की इस पर। एन.एस.ए के पूर्व अध्यक्ष एम.के नारायणन मानते हैं कि जब डंडे का काम होता है तो वह हमेशा डोभाल जी को याद करते थे और नरम मामलों में श्री अमरजीत दूलत को। उनके बास व रॉ पूर्व प्रमुख अमरजीत दूलत तालमेल बहुत अच्छा है मोदी जी और डोभाल जी का स्टाइल बदलता है इंसानों के साथ बाकी काम तो वही रहता है। आलोचकों का मानना है कि वह हर जगह खुद उपस्थित होकर हर चीज हैंडल करना चाहते हैं व गैर पारंपरिक वाक्य जैसे दिल्ली में 2020 के दंगों में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप भारत का दौरा कर रहे थे तब वे सड़क पर उतरकर इन दंगों को संभाल रहे थे या कोरोना के वक्त तबलीगी जमात के लोगों को। परंतु कांग्रेस काल में भी वह आईबी के प्रमुख थे। के. एन सिंह उन के बैचमेट व पूर्व सीआईएसएफ अध्यक्ष का मानना है आई बी में डोभाल जी से अच्छा कोई अफसर नहीं है, आज तक ऑपरेशन के मामले में शुरू से ही उनका काम सराहनीय है और वे अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिनको सेना का प्रसिद्ध कीर्ति चक्र गैर सैनिक होकर मिला है।
इन सभी वजहों से उनको हिंदुस्तान का जेम्स बॉन्ड, ऑपरेशन मैन, स्पाई मास्टर कहां जाता है। भारत सलाम करता है ऐसे सुपुत्र को जिसका व्यक्तित्व व परछाई में हमें स्वयं हमारे शहीद भगत सिंह, अर्थशास्त्री कूटनीति विशेषज्ञ चाणक्य जी, छत्रपति महाराज शिवाजी व सर्वज्ञानी विवेकानंद जी की झलक दिखती है।
– सुमन नारंग