कानपुर देहात, राहुल राजपूत। पराली जलाने से फैल रहे प्रदूषण को रोकथाम करने के लिए जहां जिलाधिकारी के निर्देशन पर जगह-जगह जागरूकता फैलाई जा रही है जिससे किसान पराली ना जलाएं और पराली जलाने से प्रकृति के लिए घातक साबित हो रही है। जिसको देखते हुए सरकार ने हार्वेस्टर मशीनों में पीछे पुआल की जगह पर कटर लगावाने के आदेश कर दिए थे अगर कटर लगे नहीं पाया गया तो जुर्माना लगेगा मशीनों से जिससे पुआल कट कट के नीचे गिर जाए और किसान उसको न जलाए बल्की अपने संसाधनों से उसको खेत मे मिला दे तो वह खाद का काम करेगी लेकिन ऐसा नही हो पा रहा है। क्योंकि कटा हुआ पुआल ना तो हल से उसको दबाया जा सकता है और ना ही उसको बाहर निकाला जा सकता है किसान पुआल को अपने कृषि यंत्रों से दबाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह खेत मे न तो दब रहा न ही कट रहा है जिससे किसान इसको लेकर बहुत परेशान है और चिंतित भी है। हार्वेस्टर मशीनों को अगर कटर हटाने की अनुमति मिल जाये तो किसानो के लिए लाभदायक होगा। क्योंकि जब हार्वेस्टर मशीन से कटर हट जाएगा तो मशीन बड़ा-बड़ा पुआल ढेर के साथ निकालेगा जिसको हटाया जा सकता है और उसके बाद किसान का खेत भी अच्छे से बन जाएगा किसानों के सामने पुआल को लेकर बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है इस समस्या पर सरकार व जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए और हार्वेस्टर मशीनों में लगे कटर को हटवाना चाहिए जिससे किसान आसानी से अपने कृषि यंत्रों के माध्यम से पुआल निकाल लेगा उसके बाद खेत भी अच्छे से बन सकेगा।