Tuesday, April 30, 2024
Breaking News
Home » महिला जगत » बालिका सुरक्षा अभियान के तहत नौ-दिवसीय कार्यशाला आयोजित की

बालिका सुरक्षा अभियान के तहत नौ-दिवसीय कार्यशाला आयोजित की

कानपुरः जन सामना संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर क्राइस्ट चर्च डिग्री काॅलेज के महिला प्रकोष्ठ द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘‘बालिका सुरक्षा अभियान’’ के अंतर्गत नौ दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला बिगत 17 से 25 अक्तूबर तक आयोजित की गई। कार्यशाला के माध्यम से छात्राओं को शारीरिक, मानसिक, आत्मिक और व्यावहारिक रूप से सबल व सुदृढ़ बनने की ओर प्रयास किया गया।
कार्यशाला का आरंभ ईश्वर की आराधना के साथ शुरू किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. जोजेफ डेनियल ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए उद्घाटन किया। वहीं महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डाॅ. शिप्रा श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य संकाय, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) ने प्रतिभागियों को इस कार्यशाला के उद्देश्य से परिचित कराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नव-दुर्गा के शक्ति-उपासना के नौ दिनों के समानांतर चलने वाली इस कार्यशाला का ध्येय सभी बालिकाओं में आतंरिक शक्ति एवं बाह्य दृढ़ता का संचार करना ही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यशाला का लाभ सभी छात्राओं को उनके सुरक्षित व स्वस्थ भविष्य के निर्माण हेतु मिलेगा।
इसके बाद ‘‘सशक्त नारी सशक्त भारत’’ विषय पर डाॅ. अर्चना पाण्डेय (एसोसिएट प्रोफेसर, बी.एन.डी. काॅलेज) द्वारा व्याख्यान दिया गया और हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी।
नौ दिवसीय कार्यशाला में प्रयाग सिंह ने सभी प्रतिभागी छात्राओं को ताइक्वानडो और मार्शल आर्ट्सकी ट्रेनिंग सफलतापूर्वक दी। गौरतलब हो कि श्री सिंह कानपुर ताइक्वानडो एसोसिएशन के सह-सचिव हैं और राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनर भी हैं। उनके साथ सुश्री यशी सिंह ने आत्म-सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रेशर पाॅइंट अटैक को समझाया और सिखाया। कार्यशाला के दूसरे दिन महाविद्यालय के आई. सी. सी. प्रकोष्ठ की चेयरपर्सन प्रो. सूफिया शहाब (एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) ने महाविद्यालय में छात्राओं की सहायता के लिए स्थापित आई.सी.सी. सेल के बारे में बताया। साथ ही छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें अपनी समस्याओं के विषय में खुलकर बोलने के लिए प्रेरित किया।
वहीं डाॅ. सुनीता राठौर (प्रोफेसर, विधि संकाय, लखनऊ) ने महिलाओं की सहायता हेतु विभिन्न नियमों और कानूनों जैसे- पोस्को, घरेलू हिंसा, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीडन आदि से संबद्ध कानून आदि के बारे में बताया।
तीसरे दिन की कार्यशाला का आरंभ महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डाॅ. शिप्रा श्रीवास्तव के प्रेरणास्पद व्याख्यान से हुआ।
इसके बाद डाॅ. फिरदौस कटियार (एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पतिविज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) ने संतुलित और पोषक आहार की महत्ता पर बात करते हुए महिलाओं के भोजन में पोषक तत्वों की कमी और उनके नुकसान के बारे में बताया।
चैथे दिन कार्यशाला में डाॅ. डोरोथी राय (एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) ने सभी छात्राओं को समुचित और समयानुकूल वस्त्र धारण करने के विषय में समझाया। साथ ही बी. एच. यू. की डाॅ. विभा सिंह ने युवाओं के स्वास्थ्य पर ‘‘एमेजिंग डाएट फाॅर एमेजिंग यूथ’’ विषयक व्याख्यान दिया।
कार्यशाला के पांचवे दिन डाॅ. विभा दीक्षित (एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीतिशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) के अत्यंत प्रेरक व्याख्यान से आरंभ हुआ, जिसमें उन्होंने महिला सशक्तीकरण के विषय में विस्तार से समझाया। इसके बाद सुश्री नंदिनी जोशी (क्लिनिकल न्यूट्रीशनिस्ट, टाटा मेमोरियल हाॅस्पिटल, मुंबई) ने युवाओं के लिए उचित एवं संतुलित आहार की महत्ता को समझाया ताकि स्वस्थ जीवन की ओर वे सबल कदम बढ़ा सकें।
छठे दिन की शुरुआत सकारात्मक चिंतन और उज्ज्वल जीवन पर बहुत सुन्दर व्याख्यान से हुई, जिसे डाॅ. श्वेता चंद (एसोसिएट प्रोफेसर, रसायनशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) ने प्रस्तुत किया। साथ ही आत्मतोष व संतोष को सफलता की कुंजी बताते हुए डाॅ. सिधांशु राय (प्रोफेसर, मैनेजमेंट संकाय, सी एस जे एम यू विश्वविद्यालय) ने अत्यंत उपयोगी जीवन-सूत्र बालिकाओं को बताए।
कार्यशाला के सातवें दिन कार्यशाला समन्वयक डाॅ. मीतकमल द्विवेदी (एसोसिएट प्रोफेसर, रसायनशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) द्वारा युवाओं के मानसिक एवं वैचारिक झुकाव व रुझान को इंगित करते हुए प्रेरणापूर्ण व्याख्यान दिया गया। सुप्रसिद्ध मनोचिकित्सक डाॅ. आलोक वाजपेयी ने मानसिक स्वास्थ्य और सुलझी हुई गवेषणात्मक सोच की महत्ता स्पष्ट की। कार्यशाला के आठवें दिन एन एस एस की भूमिका और उसके कार्यों को डाॅ. सुनीता वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) और डाॅ. अलका निवेदन (लखनऊ) ने स्पष्ट करते हुए व्यक्तित्व विकास के लिए इसे आवश्यक बताया। डाॅ. आशुतोष सक्सेना (एसोसिएट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, राजनीतिशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) और महाविद्यालय में एन सी सी के संयोजक डाॅ. निरंजन स्वरूप (एसोसिएट प्रोफेसर, गणित विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) ने छात्राओं को ए सी सी की विस्तृत जानकारी देते हुए उसकी उपयोगिता के विषय में जानकारी दी। उनके अनुसार एन सी सी छात्राओं के सर्वांगीण विकास में सहायक होकर राष्ट्रीयता की भावना और सामाजिकता के विकास को पोषित करती है। इन सभी कार्यक्रमों के साथ निबंध-लेखन, स्लोगन और पोस्टर की प्रतियोगिताएँ भी प्रतिभागी छात्राओं के लिए आयोजित की गईं। इन प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में डाॅ. संगीता गुप्ता, डाॅ. सुजाता चतुर्वेदी, डाॅ. मृदुला सैमसन और डाॅ. शालिनी कपूर थीं।
कार्यशाला के अंतिम दिन समापन समारोह का आरंभ महाविद्यालयके प्रबंध-तंत्र के सचिव रेवरेंड सैमुअल पाॅल लाल द्वारा की गई ईश-आराधना और उसके बाद अत्यंत सामयिक और प्रेरक वक्तव्य से हुआ, जिसमें छात्राओं कोसमर्थ और शक्तिमय बनने का आह्वान निहित था। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. जोजेफ डेनियलने सभी छात्राओं को शपथ दिलाते हुए उनके सामर्थ्यवान और सुरक्षित भविष्य की कामना की। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डाॅ. रिपुदमन सिंह थे। डाॅ. शिप्रा श्रीवास्तव ने इस नौ-दिवसीय वृहद कार्यशाला द्वारा सभी छात्राओं के जीवन और उनकी सोच में सकारात्मक परिवर्तन की अपेक्षा करते हुए शक्ति को आत्मिक और मानसिक रूप से आत्मसात करने की दिशा दिखाई।
इस कार्यक्रम में सभी प्रतियोगिताओं के परिणाम निर्णायक मंडल द्वारा घोषित किए गए और सभी विजेताओं को शुभकामनाएं प्रेषित की गईं।