हाथरस, जन सामना। मंडियों के अंदर से भी मंडी शुल्क समाप्त किए जाने की मांग को लेकर आज उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों व नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन तहसील सदर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा गया है और शीघ्र ही मंडी शुल्क समाप्त किए जाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय मंत्री राजीव वार्ष्णेय के नेतृत्व में आज हाथरस आढतियां एसो. के संरक्षक प्रवीण वार्ष्णेय एवं युवा व्यापारी नेता कन्हैया वार्ष्णेय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम तहसील सदर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि देश में कोरोना विराट रूप लेता जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण समाप्ति की कगार पर आ गया है तथा कोरोना काल में देश के व्यापारियों ने जरूरतमंदों की तन मन धन से सेवा की है। प्रधानमंत्री राहत कोष व मुख्यमंत्री राहत कोष में व्यापार ठप होने पर भी योगदान दिया है। व्यापारियों ने कहा है कि मंडियों के आढ़तियों की समस्या को देखते हुए हरियाणा की भाजपा सरकार ने मंडी शुल्क को 4प्रतिशत से घटाकर आधा प्रतिशत कर दिया है। इसी क्रम में भी मध्य प्रदेश में मंडी शुल्क को 1.7प्रतिशत से घटाकर आधा प्रसाद एवं कर्नाटक में 1.5प्रतिशत से घटाकर 0.35 प्रतिशत कर दिया है। अभी हाल ही में राजस्थान और गुजरात में भी आधा प्रतिशत कर दिया है। बिहार व केरल की सरकार ने पहले ही मंडी बोर्ड भंग कर दिया था। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में भी मंडियों से मंडी शुल्क पूर्णतः समाप्त कर दिया जाए ताकि मंडी में काम करने वाले व्यापारियों कर्मचारियों व श्रमिकों की आजीविका चलती रहे। जब से भेदभाव पूर्ण व्यवस्था प्रदेश में लागू हुई है तब से मंडियों के लाइसेंसी व्यापारी बार-बार हड़ताल भी कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग करते हुए कहा है कि भाजपा की केंद्र सरकार की भांति प्रदेश सरकार द्वारा भी मंडियों के अंदर से समाप्ति की घोषणा कराई जाए ताकि प्रदेश में मण्डी व्यवस्था बनी रहे। मण्डियों में 2.5 प्रतिशत मण्डी शुल्क लगने से किसान मंडियों में गुड़ शक्कर व खाद्यान्न लेकर नहीं आएगा इससे वर्षों से स्थापित मंडी व्यवस्था नष्ट हो जाएगी तथा प्रदेश सरकार की दोहरी नीति के कारण प्रदेश में गल्ला व्यापारियों में आक्रोश बना हुआ है और अधिकारियों द्वारा व्यापारियों उत्पीड़न किया जा रहा है। इस कारण मंडी के अंदर करने वाला व्यापारी परेशानी का सामना कर रहा है और व्यापारी अपना व्यापार मंडी के बाहर करने को मजबूर है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि मंडी के अंदर से भी मंडी शुल्क समाप्त करने की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा कराई जाए।