Tuesday, November 19, 2024
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मंडी शुल्क 1 प्रतिशत कम नहीं, पूरा करें खत्म- राजीव वार्ष्णेय

हाथरस, जन सामना। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय मंत्री राजीव वार्ष्णेय ने मंडी शुल्क आंशिक रूप से 1 प्रतिशत कम करना काफी ही नहीं बल्कि उसे पूरा मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय मंत्री राजीव वार्ष्णेय, आईटी मंच के अध्यक्ष तरूण पंकज, हाथरस आढ़तियां एसोसिएशन के संरक्षक प्रवीण वार्ष्णेय व व्यापार मंडल के व्यापारी नेता कन्हैया वार्ष्णेय ने संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा है कि मंडी शुल्क 2.50 प्रतिशत से 1.50 प्रतिशत करना नाकाफी है। साथ ही उन्होंने सरकार से मंडी से मंडी शुल्क को पूर्णतय समाप्त करने की मांग की है। जैसा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने मंडी शुल्क को 4 प्रतिशत से घटाकर आधा प्रतिशत कर दिया है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश में भी मंडी शुल्क को 1.7 प्रतिशत से घटाकर आधा प्रतिशत एवं कर्नाटक में 1.5 प्रतिशत से घटाकर 0.35 पैसा कर दिया है। अभी हाल ही में राजस्थान व गुजरात में भी आधा प्रतिशत कर दिया गया है। बिहार व केरल की सरकार ने पहले ही मंडी बोर्ड भंग कर दिया था। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में भी मंडियों से मंडी शुल्क पूर्णतय समाप्त कर दिया जाए, ताकि मंडी में काम करने वाले व्यापारियों, कर्मचारियों व श्रमिकों की आजीविका चलती रहे। जब से भेदभाव पूर्ण दोहरी टैक्स व्यवस्था प्रदेश में लागू हुई है, तब से मंडियों के लाइसेंसी व्यापारी बार-बार हड़ताल भी कर रहे हैं।  भाजपा की केंद्र सरकार की भांति प्रदेश सरकार द्वारा भी मंडियों के अंदर से मंडी शुल्क तुरन्त समाप्ति की घोषणा की जाए, ताकि प्रदेश में मंडी व्यवस्था बनी रह सके। अन्यथा मंडियों में 1.5 प्रतिशत मंडी शुल्क लगने से किसान मंडियों में गुड़ शक्कर व खाद्यान्न लेकर नहीं आएगा। इससे वर्षों से स्थापित मंडी व्यवस्था नष्ट हो जाएगी और मंडी में बैठे व्यापारियों के बाहर से व्यापार करने लगेंगे। इससे अरबों रूपयों से बनी मंडियां कंक्रीट का जंगल बनकर रह जाएंगी तथा सरकार को राजस्व की भारी हानि भी होगी।