लखनऊ, जन सामना। बिजली विभाग के बिलिंग सॉफ्टवेयर का टेंडर पिछले 3 वर्षो से क्यों नहीं हो रहा फाइनल के पीछे का बड़ा खेल आज उपभोक्ता परिषद् ने किया उजागर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत से की मुलाकात और एक लोक महत्व प्रस्ताव सौंपकर बताई पूरी सच्चाई।
कुछ अभियंताओं की लाबी अपनी-अपनी चहेती कम्पनियों को दिलाना चाहती है टेंडर। ऊर्जा मंत्री का अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को कार्यवाही का लिखित निर्देश कहा सरकार उठाएगी कठोर कदम पूरे मामले की होगी जाँच।
वर्ष 2018 से बिजली कम्पनियों के बिलिंग सॉफ्टवेयर का टेंडर महज इसलिए नहीं फाइनल हो पा रहा क्यों कि प्रबंधन के नाक के नीचे काम करने वाले कुछ अभियंताओं की जबरदस्त लॉबिंग में टेंडर निकलता है और फिर कैंसिल होता है जो दो अभियंताओं कि लॉबी में बट गयी है। एक लॉबी अपनी चहेती कंपनी को लाना चाहती दूसरी अपनी चहेती कंपनी को लाने का गणित लगाने में मसगूल और उसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही मामले की गम्भीरता को देखते हुए उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से शक्ति भवन उनके कार्यालय में मुलाकात कर ऊर्जा मंत्री के साथ एक अहम् बैठक की और एक लिखित लोक महत्व प्रस्ताव सौंपते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों को कठोर सजा दिलाये जाने की मांग उठाई और विस्तार से बताया इस बड़े खेल के पीछे क्यों राजनीति हो रही।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पूरे मामले की गम्भीरता को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को पूरे मामले की गम्भीरता से परीक्षण छानबीन व कार्यवाही के निर्देश दिए है और साथ ही उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष को आश्वासन दिया है मामला गंभीर है सरकार कठोर कदम उठाएगी पूरे मामले की होगी जाँच।
पूरे प्रदेश के लिए बिलिंग सॉफ्टवेयर जो काम कर रहे है उसमे वर्तमान में शहरी क्षेत्र ने एच0सी0एल द्वारा देखा जा रहा दोनों की प्रोजेक्ट टाइम लाइन पूरी हो गयी है एक का थोड़ा समय बाकी है। सभी को पता है कि आये दिन इसमे कमियां आती रहती है। किसी दिन इसका हाल स्मार्ट मीटर बत्ती गुल की तरह न हो जाये। पिछले वर्ष 2018 से अनेकों बार नया टेंडर निकला लेकिन फाइनल नहीं हुआ। पता चला की शक्ति भवन में तैनात कुछ अभियंता अपनी-अपनी लॉबिंग में लगे है और टेंडर निकलता है। फिर कैंसिल होता है यह बात उच्च प्रबंधन के भी सज्ञान में है जो बहुत ही गंभीर मामंला है।
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा नेे कहा जब तक जबाबदेही तय नहीं होगी यही चलता रहेगा सभी को पता है। पिछले लगभग 5 वर्षों से 70 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को उनकी सिक्योरटी पर ब्याज केवल इसलिए नहीं मिला क्योंकि उनकी जमा सिक्योरटी जीरो फीड है या नाममात्र अबतक अरबो रुपया उपभोक्तओं का बिजली कम्पनियों ने हड़प लिया कब मिलेगा पता नहीं जब भी प्रबंधन से बात करो अब मिलेगा तब मिलेगा ? और उल्टे आयोग को लिखित में बताया जाता है कि सबको ब्याज दे दिया गया उसको भी टैरिफ में बिना दिए पास ऑन करना बड़ी चीटिंग है।