हाथरस,जन सामना। बूलगढ़ी कांड के आरोपी की जमानत याचिका पर आज सुनवाई हुई, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई परिणाम नहीं आ पाया था। मामले में पहले ही आरोप-पत्र दाखिल हो चुका है। विदित हो कि मामले में एक दलित युवति के साथ सामूहिक बलात्कार कर हत्या करने आरोप गांव के ही चार आरोपियों पर है। सूत्रों की माने तो मामला 14 सितंबर, 2020 का बताया जा रहा है। बताते हैं कि गांव के ही संदीप, रवि, रामू व लवकुश पर आरोप है। उन्होंने गांव की एक दलित युवति के साथ दुष्कर्म कर गंभीर मारपीट की थी। बताते हैं पीड़िता ने 29 सितंबर, 2020 को दिल्ली में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। उसके बाद यह मामला जब मीडिया में चला तो डीजीटियल मीडिया में भी यह मामला काफी बड़ा हाईलाइट हो गया था। पूरे देश की निगाहें हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी पर टिक गई थी। शासन और प्रशासन ने भी मामले को काफी गंभीरता से लिया था और मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था। 18 दिसंबर 2020 दिन शुक्रवार को सीबीआई ने इस प्रकरण में चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र हाथरस के संबंधियों स्पेशल कोर्ट में दाखिल करते हुए एससी-एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा 302, 376 ए और डी व 354 में सौंप दीया था। 29 जनवरी 2021 शुक्रवार को हुई जमानत याचिका में रामू की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा व पूर्व अध्यक्ष डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन लक्ष्मीकांत सारस्वत के अलावा मुन्ना सिंह पुढीर आदि ने अपना पक्ष रखा। जबकि पीड़ित पक्ष की ओर से सीबीआई के अधिवक्ता के अलावा भागीरथ सोलंकी ने जमानत याचिका का विरोध किया। जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान अन्य किसी का कोर्ट में प्रवेश वर्जित कर दिया गया था। समाचार लिखे जाने तक न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा है।