मुख्यमंत्री जी द्वारा जनपद के विभिन्न लाभार्थियो से किया गया संवाद
चंदौली। स्वामित्व योजना में 1001 ग्रामों के 157244 भू-स्वामियों को ग्रामीण आवासी अभिलेख (घरौनी) का ऑनलाइन वितरण एवं पूर्णतया ऑनलाइन डिजिटल खसरा प्रारूप का शुभारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। जिलाधिकारी संजीव सिंह, अपर जिलाधिकारी (वि0रा0) अतुल कुमार द्वारा एन0आई0सी0 में मुख्यमंत्री जी के लाइव प्रसारण को देखा गया। मुख्यमंत्री जी द्वारा अपने हाथों से विभिन्न जनपदों के 07 लाभार्थियों को भू-स्वामियों को ग्रामीण आवासी अभिलेख (घरौनी) का प्रमाण पत्र दिया गया। उक्त अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लाभार्थियो से संवाद किया गया। जिसमें जनपद महोबा से शिवराम मिश्रा, वाराणसी से हरिशंकर, कौशाम्बी से मनोज त्रिपाठी, जालौने से मूलचन्द्र, से सवांद किया गया तथा बताया गया कि जहाॅ पर आपका पूस्तैनी मकान है वह जमीन आपके नाम पर नही थी लेकिन स्वामित्व योजना के अन्तर्गत वह जमीन आपके नाम पर हो गयी है। अब आप उस जमीन के मालिक हो गये है, भविष्य में कभी लोन की आवश्यकता पड़ने पर जमीन को गिरवी रखकर लोन ले सकते है। मुख्यमंत्री जी द्वारा बताया गया कि स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री जी द्वारा दूरदर्शिता, सवेदनशीलता और हर एक गरीब के लिए उनके मन में जो भाव है उस भाव को मंजूरी प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना प्रारम्भ की गयी। जब पूरी दूनियाॅ कोरोना से त्रस्त थी और लोग कोराना में अपनी जाॅन की परवाह कर रहे थे तब प्रधानमंत्री जी प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार गावों के गरीब किसानो के और उन गरीब आबादी की चिन्ता कर रही थी जो पुश्त दर पुश्त अपना मकान बनाकर गावों में रहते तो थे लेकिन उस जमीन का मालिक कभी नही बन पाते थे इसके कारण समस्या उत्पन्न होती थी अगर किसी कारण मकान टूटा तो दबंग लोग उस जमीन पर गरीबो को फीर से मकान नही बनाने देते थे और वह व्यक्ति द्वारा उस जमीन पर फिर से मकान बनाने के लिए लेखपाल, राजस्व के किसी कर्मी को पैसे देने पड़ते थे या कभी-कभी दबंगो द्वारा पैसा वसूली किया जाता था। इस योजना के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार की समस्या का सामना नही करना पड़ेगा। इस योजना के माध्यम से व्यक्ति के साथ-साथ ग्राम पंचायते भी स्वावलम्बी होगी और हर एक व्यक्ति इस योजना का लाभ प्राप्त कर पायेगा।
मुख्यमंत्री जी द्वारा बताया गया कि तकनीकी के महत्व को हम लोगो को अपने जीवन में समझना होगा और उसके महत्व को अपनाने के लिए सबको प्रेरित भी करना होगा। पहले लेखपालों द्वारा जमीनो के नाप-जोख में कभी-कभी बहुत सारी शिकायते आती थी परन्तु अब ये कार्य ड्रोन के माध्यम से हो रहा है। ड्रोन सर्वे के आधार पर एक-एक इंच भूमि को नापने का काम किया जा रहा है। इस आधार पर हर एक घर के बारे में सही जानकारी और उसको अभिलेखों में उसी रूप में दर्ज करने का भी कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के 75 जनपद में सभी राजस्व गावों में इस योजना को पहुचाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। यह योजना प्रत्येक गावं के व्यक्ति को उसके पूस्तैनी घर जहाॅ पर है उस भूमि का माॅलिक बनायेगा, बल्कि बहुत बड़ी मात्रा में जो गावों के जमीन संम्बन्धित विवाद है इन सभी विवादों का समाधान होगा। गांवो में जो छोटी-छोटी जमीनो के टूकडो को लेकर अनावश्यक विवाद बनता है सभी विवादों का समाधान होता हुआ दिखाई देगा। इसके साथ ही ऑनलाइन डीजिटल खसरा का शुभारम्भ किया जा रहा है। पूर्व में आफलाइन खसरे में 21 स्तम्भ के स्थान पर अब 46 स्तम्भों को पूरी तरह ऑनलाइन नवीन डिजिटल खसरे का प्रयोग किया जायेगा। इसका साफ्टवेयर राजस्व परिषद ने तैयार किया है। ऑनलाइन खसरे में गाटे का विवरण, फसल व सिंचाई के साधन का विवरण, किसी भी दैवीय आपदा का विवरण, वृक्षों का विवरण, गैर कृषि भूमि का विवरण, बीज का विवरण, दो फसलीय भूमि का विवरण खसरे में अंकित किया गया है। खसरे में प्रविष्टी के समय होने वाले किसी ऋट के त्रुटि का संशोधन, गढ़ने का प्रावधान किया गया है। अगली फसल की प्रविष्टी प्रारम्भ करने के पश्चात पूर्व की फसल की प्रविष्टियों में कोई परिवर्तन नही किया जायेगा, इसकी भी इसमें व्यवस्था की गयी है। ऑनलाइन खसरा होने पर प्रत्येक स्तर पर इसका प्रवेक्षण किया जा सकेगा। इससे शुद्धता, पारदर्शीता एवं सरकारी योजनाओ को त्वरित रूप से आगे बढ़ाने में भी मदत मिलेगी। स्वामित्व योजन के अन्तर्गत गरीब को उसकी पूस्तैनी भूमि पर जहाॅ पर वह पुश्त दर पुश्त मकान बनाकर रह रहा था लेकिन मालिक नही बन पाता था इस स्वामीत्व योजान से वह अपनी पुश्तैनी भूमि का मालिक बन सकेगा।
एनआईसी चंदौली में समस्त उपजिलाधिकारी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।