हमीरपुर। मध्यप्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही रुक रुक कर बारिश के साथ ही कोटा बैराज से चम्बर नदी पर पानी छोड़ें जाने से मण्डल की यमुना, बेतवा, केन, बेतवा, धसान और चम्बल नदियां उफान पर हैं। जबकि यमुना और बेतवा नदियां तो शुक्रवार से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।और जिला मुख्यालय सहित आसपास के निचले इलाकों में सम्भावित बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वहीं शुक्रवार शाम से केन नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी से नदी के निकटवर्ती इलांकों के लोगों की सांसें थम गई हैं और लगभग दो दर्जन गांवों का सम्पर्क टूट गया है। सिसोलर थाना प्रभारी रीता सिंह ने नदी किनारे बसे गांवों का दौरा किया और एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सिसोलर थाना क्षेत्र के भुलसी, बैजेमऊ,गढा और बक्छा के निकट से निकली केन नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से लोंग़ो की धड़कनें तेज हो गई हैं।और गुढा के निकट से निकले नाले में पानी आने के कारण गढा सहित कुटी, जसपुरा का मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है और लोग जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे नदी पार कर रहे हैं। जबकि सडक में करीब आठ से दस फीट पानी आने से सडक पूरी तरह से बंद हो गई है। कुछ लोगों के लिए अपने घर से भोजन की व्यवस्था कर के आईं गढा निवासी भागवती ने बताया कि वह अपनी नाव से लोंग़ो को नदी पार कराने का काम कर रही है। साथ ही जो लोग आते जाते समय जानकारी के आभाव में यहां फंस जाते हैं उन्हें भोजन कराने की व्यवस्था भी कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनकी खेती इसी इलाके में है तो वह आती हैं और स्वयं नाव खेकर लोगों को पार कराने का काम करती हैं। बैजेमऊ निवासी छोटेलाल विश्वकर्मा ने बताया कि यह रपटा हमेशा डूब जाता है और एक ही रास्ता है जो पानी आने से बंद हो जाता है। इसके बारे मे हर चुनावों में नेताओं द्वारा पुल बनवाने का वादा किया जाता है लेकिन आज तक पुल नहीं बना है। एक बार ऐसे ही नाव डूब गई थी लेकिन उस घटना में सभी लोग बच गए थे। यहां पर अगर कोई बीमार हो जाए तो इलाज के लिए कहीं ले नहीं जा सकते हैं और उसे यही तडप कर दम तोड़ना पड़ेगा। वहीं सिसोलर थाना प्रभारी रीता सिंह लगातार सम्भावित बाढ़ वाले इलांकों का दौरा कर जायेगा ले रही हैं और एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं माताटीला, सुकवा टुकवा और राजघाट बांधों से पानी छोड़े जाने के साथ ही ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश होने के कारण देररात तक नदियों के जल स्तर में और बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है। जिसके चलते प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।