रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता|मित्र पुलिस कही जाने वाली जनपद के महाराजगंज कोतवाली पुलिस की कार्यशैली इस समय चर्चा में है।हालांकि सही भी है पीड़ितों के लिए नहीं तो कम से कम खनन माफियाओं के लिए ही पुलिस मित्र बन रही है।खनन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए जहां उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी सख्त रूख अपनाए हुए हैं वहीं कोतवाली प्रभारी अधिकारियों की मंशा पर पानी फेर रहें हैं।खनन माफियाओं के साथ साठ गांठ कर महाराजगंज कोतवाली पुलिस अवैध खनन माफियाओं पर मेहरबान दिख रही हैं।कोतवाली पुलिस की संदिग्ध कार्यशैली देख उपजिलाधिकारी सबिता यादव ने पत्र भेजकर उच्चाधिकारियों को कोतवाल रेखा सिंह की संदिग्ध कार्यशैली से अवगत कराया है।बताते चलें कि बीते 14-15 अगस्त की रात्रि को उपजिलाधिकारी सबिता यादव एवं क्षेत्राधिकारी रामकिशोर सिंह ने भ्रमण के दौरान 01 जेसीबी एवं 8 ट्रैक्टर ट्राली को खनन करते पकड़ा और उन्हे पुलिस की अभिरक्षा में दे कर तुरन्त ही कार्यवाही के निर्देष दिये परन्तु कोतवाली पुलिस ने कार्यवाही करने के बजाय खनन माफियाओं से मित्र जैसा व्यवहार करते हुए उन्हे छोड़ दिया।मामले की जानकारी होते ही उपजिलाधिकारी सबिता यादव ने 17 अगस्त को जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव,पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार,सहित अधिकारियों को पत्र देकर कोतवाल रेखा सिंह की संदिग्ध कार्यशैली से अवगत कराया है।वहीं बुधवार को मामला चर्चा में आने पर कोतवाली पुलिस ने आनन फानन में 02 ट्रैक्टर-ट्राली व 01 जेसीबी को अपने कब्जे में ले मामले में लीपापोती शुरू कर दी।वहीं उपजिलाधिकारी सबिता यादव ने स्वयं कोतवाली जाकर सुपुर्द किये गये ट्रैक्टरों व जेसीबी का जायजा लिया है जहाँ पर उन्हें 08 ट्रैक्टर-ट्राली के बदले 02 ट्रैक्टर-ट्राली व 02 खाली ट्रैक्टर व एक जेसीबी ही परिसर में मौजूद मिले।
उच्चाधिकारियों को चकमा देने में माहिर हैं कोतवाल
बीते 16 अगस्त को पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार के औचक निरीक्षण के दौरान 14-15 अगस्त की रात्रि उपजिलाधिकारी द्वारा अभिरक्षा में दिये गये जेसीबी व ट्रैक्टर-ट्रालियां थाना परिसर से नदारद रहीं,यही नही तीन दिन बीत जाने के बाद भी खनन माफियाओं के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही की गयी।वहीं जब उपजिलाधिकारी ने पत्र लिखकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया तो कोतवाल रेखा सिंह ने आनन-फानन में उच्चाधिकारियों को चकमा देने के लिए एक जेसीबी व कुछ ट्रैक्टर-ट्रालियों को कब्जे में ले लिया।
उपरोक्त प्रकरण में खनन माफियाओं की सरपरस्त बनी महाराजगंज कोतवाली पुलिस जो कि जिलाधिकारी और क्षेत्राधिकारी के आदेश को भी मानने से इंकार करती है तो फिर आम जनता के लिए उसका व्यवहार मित्र पुलिस की तरह कैसे हो सकता है पुलिस की सरपरस्ती में यही खनन माफिया आने वाले कल में ग्रामीणों से दबंगई करते फिरेंगे और और गुंडाराज कायम करेंगे।