हमीरपुर|उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की एक युवती ने रविवार को पुणे में आयोजित 42 किमी की मैराथन दौड़ में जीत का परचम फहराया है। उसे मेडल और 25 हजार रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है। उसकी इस कामयाबी को लेकर परिजनों और खिलाड़ियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।हमीरपुर शहर के अति पिछड़े मेरापुर मोहल्ले की रहने वाली रंजना सिंह के पिता कंधीलाल दूध बेचने का काम करते हैं। बेटी के सपने को साकार करने के लिए वह पिछले 14 सालों से जी जान से जुटे थे। रविवार को पिता और बेटी का सपना साकार हो गया। रंजना सिंह पिछले दस सालों से धाविका हैं। इसने राजकीय स्टेडियम हमीरपुर से 2007 से मैराथन दौड़ के लिए खूब पसीना बहाया। वर्ष 2016 तक 21 बार रंजना सिंह ने देश के कई प्रांतों में आयोजित फुल और हॉफ मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया। इसमें उसे कई बार दूसरे स्थान पर रहना पड़ा लेकिन इसने अपना हौसला नहीं छोड़ा।
मेडल और 25 हजार रुपये का पुरस्कार
पुणे में आयोजित 42 किमी की मैराथन दौड़ में रंजना सिंह इतनी तेज दौड़ी कि उसने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। आखिर में ये अन्य खिलाड़ियों से आगे निकल ही गई। आयोजकों ने उसे मेडल और 25 हजार रुपये का पुरस्कार देकर शाबासी दी। रंजना सिंह ने रविवार को देर शाम एनबीटी ऑनलाइन से फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि 42 किमी की मैराथन दौड़ 3 घंटे 20 मिनट में पूरी गई है। बताया कि पिछले कई सालों बाद सपना आज साकार हुआ है। रंजना ने बताया कि इस साल नवम्बर माह में एशियाई खेल होने है। इसके लिए तैयारी की जाएगी। रंजना सिंह इस समय झांसी में एनसीसी की 56 वींबटालियन में कार्यरत हैं।