रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता| भगवान श्री कृष्ण में आस्था रखने वाले लोगों ने आज दिनांक 30 अगस्त 2021 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर गोकना घाट,डलमऊ घाट,तीर का पुरवा आदि घाटों पर श्रद्धालु उपस्थित हुए।जिसमें सैकड़ों लोगों ने गंगा स्नान कर स्वयं के और जन कल्याण की कामना की।मां गंगा गोकर्ण जन कल्याण सेवा समिति द्वारा आयोजित गंगा महाआरती एवं दीपदान कर लोक कल्याण की कामना की गई।समिति द्वारा लोगों को गहरे जल में स्नान न करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग और वैक्सीन लगवाने की अपील भी माइक द्वारा की गई उपस्थित लोगों ने पर्यावरण को बचाने तथा वृक्षारोपण करने की शपथ ली।इस पावनअवसर पर धरती ड्रिलिंग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर वीरेंद्र प्रसाद दुबे,समाजसेवी राजेंद्र प्रसाद दुबे ,विवेक दुबे,अर्पित कुमार, सोमेश कुमार, शिवा सहित अनेकों लोग उपस्थित रहे।
देवकीनंदन के स्वागत के लिए जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक स्थलों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। जगह जगह पर झांकियां भी सजाई गई।श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में झांकी और मेला का एक दृश्य ऊंचाहार के बस स्टॉप पर देखा गया।जिसमें भगवान श्रीकृष्ण में आस्था रखने वाले तमाम लोगों ने प्रभु की झांकी का दर्शन किया और मेले का आनंद लिया। वही हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ऊंचाहार के कोतवाली परिसर को भी सजाया गया।हर्षोल्लास के साथ प्रभु का जन्मोत्सव मनाया गया।हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण जिले के मंदिरों में भव्य कार्यक्रम नहीं हुए ।विद्वानों का मत है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार का दिन होना एक महासंयोग है।क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि प्रभु श्री कृष्ण का अवतार ही पाप का अंत करने के लिए हुआ था और हमारी प्रार्थना है कि इस बार प्रभु कोरोना महामारी से हम सब की रक्षा करें।
कुछ महीने पूर्व गोकना घाट की गोकर्ण ऋषि की कुटी पर स्थापित करोड़ों लागत की अष्टधातु की राधा कृष्ण मूर्ति को अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया था।जिसकी चोरी की घटना मंदिर के पुजारी द्वारा कोतवाली में दी गई थी और आज तक यह घटना केवल फाइलों में दब गई है या फिर यूं कहें कि दफन हो गई है दोनों एक ही बात है। हर वर्ष मंदिर में मनाया जाता रहा है जन्माष्टमी का पर्व लेकिन इस बार कोई सजावट नहीं। इस पौराणिक स्थल की खूबसूरती से भी प्रशासन बेखबर है अब तो लगता है कि भगवान का चमत्कार ही मूर्ति चोरों का पता लगा पाएगा पुलिस नहीं।