हमीरपुर। गुरुवार को उ०प्र० जल निगम संघर्ष समिति लखनऊ के निर्देशानुसार जल निगम हमीरपुर के सभी कर्मियों,पेंशनरों द्वारा समस्याओं से सम्बन्धित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उ0प्र0 शासन लखनऊ को दिया गया। ज्ञापन में सभी कर्मियों,पेंशनरों का 5 माह से बकाया वेतन,पेंशन तथा वर्ष 2016 से सेवा निवृत्त देयों का भुगतान न किये जाने, जल निगम के पुर्नगठन हेतु किये गये एकपक्षीय निर्णय पर पुर्नविचार किये जाने साथ ही पेयजल सीवरेज ड्रेनेज तथा नदी प्रदूषण की समग्र एवं सम्भावित प्रणाली को ध्वस्त होने से बचाने हेतु जल निगम एवं अधिनियम संख्या 43 (1975) में निहित उसके समस्त कार्यों को किसी एक प्रशासनिक विभाग एवं किसी एक मंत्रालय के आधीन रखने की मांग की गयी। जनपद संयोजक इं० ए०के० साहू ने बताया कि ग्रामीण जलापूर्ति एवं नदी प्रदूषण (नमामि गंगे) तत्सम्बन्धी कार्य जो कुल कार्यों का दो तिहाई है जल शक्ति मंत्रालय के आधीन नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अन्तर्गत कर दिये गये है। केवल एक तिहाई कार्य ही नगर विकास विभाग के अन्तर्गत शेष रह गये है, अतः जल निगम को उसके समस्त कार्यों एवं कर्मियों के साथ नवगठित जल शक्ति विभाग के अन्तर्गत लाते हुये जल शक्ति मंत्रालय के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग में समाहित कर दिया जाये। जल निगम द्वारा सामाजिक क्षेत्रों के विकास कार्य किये जाने के फलस्वरूप उसकी सामाजिक उपादेयता के दृष्टिगत जल निगम कर्मियों का वेतन, पेंशन ट्रेजरी से दिलायी जाये। ज्ञापन देते समय निम्न अधिकारी, इं० ए०के० सिंह, इं० रामरतन, इं० नीरज करपात्री, इं० मो० आबिद आलम, दिलीप कुमार, अखिलेश कुमार, जगतपाल यादव, गिरजानारायण, नरेश, रामनारायण, गंगाराम, गंगाचरण, उमाकान्त, मुन्नू एवं अन्य जल निगम संघर्ष समिति कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया ।