रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता| बारिश के दिनों में अक्सर आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं होती रहती हैं,इससे बचाव के लिए सावधानी बरतना जरूरी है।प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वज्रपात,आकाशीय बिजली से बचने के लिए समय-समय पर नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की जाती रही है।ऐसे में बड़ा सवाल है यह है कि क्षेत्र की एनटीपीसी परियोजना अपने विद्युत प्लांट की आकाशीय बिजली के गिरने से सुरक्षा बचाव के लिए क्या उपाय करती है।जानकारी के अनुसार एनटीपीसी ने परियोजना के कल पुर्जों की आकाशीय बिजली जैसी आपदा से सुरक्षा के लिए परिसर में जगह-जगह तड़ित चालक लगाए हैं।परियोजना के अंदर लगे यह तड़ित चालक प्लांट के कल पुर्जों के साथ-साथ परियोजना की बाउंड्री से सटे गांवों की भी आकाशीय बिजली से सुरक्षा करते हैं।परियोजना के अंदर लगे तड़ित चालक से परियोजना के कल-पुर्जे तो सुरक्षित रहते ही हैं साथ परियोजना के चारो ओर बसे अनुमानित दूरी के गांवों पर भी वज्रपात का खतरा कम रहता है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और मध्य भारत में बिजली गिरने का प्रकोप अधिक है। विभाग ने 12 ऐसे राज्यों की पहचान की है जहां सबसे अधिक आकाशीय बिजली गिरती है जिनमें मध्य प्रदेश पहले नंबर पर और फिर महाराष्ट्र,उत्तर प्रदेश इत्यादि। NDMA की एक रिपोर्ट के मुताबिक,भारत में हर साल बिजली गिरने से औसत 2500 लोगों की मौत होती है।इसकी रोकथाम के लिए तड़ित चालक कारगर साबित होता है लेकिन नगर के किसी भी सरकारी भवनों पर, सरकारी स्कूलों पर इस प्रकार के सुरक्षा यंत्र नहीं लगे हैं। वहीं प्रशासन भी इसको लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है।