Sunday, November 17, 2024
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हिन्दी के लिए सभी देशवासियों के दिलों में जगह होनी चाहिए-कमलेश सोनी

रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। एनटीपीसी ऊंचाहार में हर्षोल्लास के साथ हिन्दी दिवस मनाया गया।हिन्दी दिवस समारोह के मुख्य अतिथि परियोजना प्रमुख कमलेश सोनी थे।मुख्य अतिथि के आगमन पर भोलेन्द्र गुप्ता,उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन) द्वारा पुस्तक देकर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।    कार्यक्रम का शुभारंभ राजभाषा प्रतिज्ञा से किया गया।परियोजना प्रमुख कमलेश सोनी ने वर्चुअल माध्यम से सभी को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए राजभाषा प्रतिज्ञा दिलवाई।  कार्यक्रम के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी विभागाध्यक्ष ऑनलाइन माध्यम से सम्मेलन में सम्मिलित हुए।इस महत्वपूर्ण अवसर पर परियोजना प्रमुख द्वारा हिन्दी संदेश का वाचन कर उसको सभी के लिए जारी किया।कार्यक्रम को अरिंदम बनर्जी,महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण),एस.के. झा, महाप्रबंधक (अनुरक्षण), वंदना चतुर्वेदी, विभागाध्यक्ष (मानव संसाधन) और अनिल कुमार डेंग,विभागाध्यक्ष (सुरक्षा अकादमी) आदि ने संबोधित किया।सभी वक्ताओं ने हिन्दी की विशेषताओं और उपयोगिता पर अपने-अपने विचार रखे।विदित हो कि परियोजना में 1 सितम्बर से 14 सितम्बर तक हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया गया था।
इस दौरान विभिन्न वर्गों के लिए अनेक हिन्दी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया था।हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी के प्रति अपने अनुराग को प्रकट करते हुए परियोजना प्रमुख सोनी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी परियोजना रायबरेली जिले में अवस्थित है और रायबरेली साहित्य की उर्वरा धरती के रूप में जानी जाती है।देश की स्वतंत्रता के पश्चात आज ही के दिन 1949 में संविधान सभा ने हिन्दी को राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी।हिन्दी बहुत ही सहज,सरल भाषा है।  कार्यालय के कामकाज में हिन्दी का प्रयोग बहुत ही गौरव की बात है।आज के दिन मैं नमन करता हूं हिन्दी के उन वीर योद्धाओं को जिनके अथक प्रयास के कारण आज हम सब भारतवासी अभिव्यक्ति के लिए हिन्दी को अपना माध्यम बनाए हुए हैं।हिन्दी के लिए सभी देशवासियों के दिलों में जगह होनी चाहिए।मैं परियोजना के सभी साथियों से अपील करता हूं कि वह कामकाज में गौरव बोध के साथ हिन्दी का ही प्रयोग करें।समय के साथ-साथ हर एक क्षेत्र में हिन्दी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है।आज हिन्दी का प्रचलन इतना बढ़ गया है कि वर्तमान में विदेशों में भी हिन्दी के पठन-पाठन और व्यवहार की स्वीकार्यता हो गई है। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन पवन कुमार मिश्र, प्रबंधक (राजभाषा) ने किया।