रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। ऊंचाहार नगर स्थित विवादित रामलीला मैदान प्रकरण को लेकर आखिरकार व्यापारियों का सब्र टूट गया और अब व्यापारियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया और साथ ही साथ दुकाने भी बंद रखी गई।जिसके बाद प्रशासन ने किसी तरह का गतिरोध उत्पन्न न हो इसके लिए दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया।दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी लेकिन मामले का परिणाम शून्य रहा।जिसके बाद मेला लगाने की अनुमति को लेकर प्रशासन ने इंकार कर दिया। जिम्मेदार अधिकारियों ने मामला राजस्व परिषद में विचाराधीन होने का हवाला दिया।हालांकि मेला कमेटी के सदस्यों ने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत करने की बात कही है।
ज्ञात हो कि ऊंचाहार नगर स्थित रामलीला मैदान में मेले के आयोजन को लेकर रामलीला कमेटी व एक व्यक्ति के बीच लंबे अरसे से विवाद चल रहा है।वहीं मामले में उक्त भूमि विवाद को लेकर कमिश्नरी न्यायालय से रामलीला मैदान के पक्ष में फैसला भी आ चुका है।जिसके बाद मेला कमेटी विजयादशमी के अवसर पर मेले के आयोजन कराने को लेकर लगातार प्रयासरत है।लेकिन स्थानीय प्रशासन मामले को विवादित होने की बात कहकर मेला आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर रहा है।मंगलवार को इसी बात से आक्रोशित मेला कमेटी के सदस्यों व नगर के व्यापारियों ने बिजली घर परिसर में पंडाल लगाकर प्रदर्शन किया।दुकानदारों ने इसके विरोध में दुकानें भी बंद रखीं।मामले की जानकारी होने पर उपजिलाधिकारी ने दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया।जहां एसडीएम,तहसीलदार व क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में दोनों पक्षों में बीच बातचीत चली।लेकिन बातचीत का नतीजा शून्य रहा है और जिसपर दोनों पक्षों में सहमति भी नहीं बन पाई।आखिरकार प्रशासन ने दोनों पक्षों की सहमति न बनने पर मेला लगाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।जिसके बाद नाराज कमेटी के सदस्य वहां से चले गये।कमेटी के अध्यक्ष रमेश मौर्य ने बताया कि न्यायालय से रामलीला कमेटी के पक्ष में फैसला आने के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन मेला लगाने की अनुमति नहीं दे रहा है।इसलिए मामले को लेकर जिला अधिकारी से शिकायत की जायेगी।इस बाबत उप जिलाधिकारी विनय कुमार मिश्र का कहना है कि मामला राजस्व परिषद में विचाराधीन है।दोनों पक्षो के सामंजस्य के बगैर मेला आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।उक्त प्रकरण के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है और दिशा निर्देश मिलने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।अब यह विचार का विषय है कि विजयादशमी के अवसर पर आखिर क्यों ? मेले के आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है।