Monday, September 23, 2024
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18 साल बाद कैद से मुक्त हुआ रावण,अब होगी रामलीला

रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। क्षेत्र में लगभग 28 साल बाद फिर से दशहरा मेला और रामलीला अब फिर शुरू होने जा रही है।रामलीला मैदान के स्वामित्व के विवाद के कारण अदालती स्थगन आदेश के कारण ऊंचाहार का दशहरा मेला व रामलीला बंद थी और स्थाई रूप से निर्मित रावण की विशाल प्रतिमा बाउंड्री में कैद थी।ऊंचाहार रामलीला मैदान विवाद में उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश खारिज करने के कारण इस बार अब स्थानीय नागरिकों की मांग पर जिला प्रशासन ने मैदान की बाउंड्री का ताला खोल दिया है।बुधवार की सुबह एसडीएम विनय मिश्रा और कोतवाली प्रभारी शिव शंकर सिंह ने उभय पक्षों की मौजूदगी में विवादित मैदान का ताला खोलवा कर दशहरा मेला व रामलीला की अनुमति दी तो स्थानीय लोगों ने आतिशबाजी करके जश्न मनाया । इस मामले में मंगलवार को कोतवाली परिसर में भी दोनों पक्षों के बीच जमकर बवाल हुआ था।उसके बाद दूसरे दिन रामलीला समिति के पक्ष में प्रशासन ने कदम उठाकर ऊंचाहार के इस ऐतिहासिक मेला उत्सव मैदान को कब्जे से मुक्त करा दिया है ।ज्ञात हो कि करीब 28 साल पहले स्वामित्व के विवाद में सूरज मल मुरारका की एक याचिका पर उच्च न्यायालय ने मेला और रामलीला के आयोजन पर रोक लगा दिया था।साथ ही उच्च न्यायालय ने मामले का निस्तारण राजस्व व सिविल न्यायालय द्वारा कराए जाने का आदेश भी दिया था।हाल ही में कमिश्नरी न्यायालय ने विवाद का फैसला रामलीला समिति के पक्ष में दिया है।हालांकि उसके बाद राजस्व परिषद न्यायालय में वाद को दायर किया गया है।जहां प्रकरण विचाराधीन है।इसी के साथ उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश भी निरस्त हो गया था।जिसको लेकर रामलीला समिति के अगुवा कृष्ण चन्द्र जायसवाल के नेतृत्व में ऊंचाहार के स्थानीय लोग इस बार मेला और रामलीला आयोजन हेतु रामलीला मैदान को कब्जे से मुक्त कराने की मांग कर रहे थे।कई दिन से चल रहे विवाद के बाद बुधवार को अंततः मैदान का ताला खोल दिया गया है।एसडीएम ने बताया कि तात्कालिक रूप से रामलीला आयोजन की अनुमति दी गई है।अन्तिम फैसला आने तक मैदान पर किसी भी पक्ष का कब्जा नहीं रहेगा ।